Personal Loan लेकर कभी नहीं पछताएंगे आप, बस लोन अप्लाई करने से पहले समझ लें ये 5 बातें
पर्सनल लोन लेने के बाद जब ज्यादा ब्याज दरों के साथ उसकी ईएमआई चुकानी पड़ती है, तब लोग परेशान होते हैं. इसलिए लोन के लिए अप्लाई करने से पहले ही आपको 5 बातों को दिमाग में बैठा लेना चाहिए ताकि लोन लेने के बाद पछतावे की कोई गुंजाइश न रहे.
पर्सनल लोन अनसिक्योर्ड लोन होता है जिसको लेने के लिए आपको किसी चीज को गिरवी रखने की जरूरत नहीं होती. साथ ही ये लोन आसानी से मिल जाता है और बहुत ज्यादा फॉर्मेलिटी की जरूरत नहीं पड़ती. यही वजह है कि ब्याज दरें ज्यादा होने के बावजूद लोग जरूरत के समय में पर्सनल लोन का ऑप्शन चुन लेते हैं. लेकिन लोन लेने के बाद उसे चुकाना एक बड़ी जिम्मेदारी होती है. इसलिए अक्सर पर्सनल लोन लेने के बाद जब ज्यादा ब्याज दरों के साथ उसकी ईएमआई चुकानी पड़ती है, तब लोग परेशान होते हैं. इसलिए लोन के लिए अप्लाई करने से पहले ही आपको 5 बातों को दिमाग में बैठा लेना चाहिए ताकि लोन लेने के बाद पछतावे की कोई गुंजाइश न रहे.
ब्याज दरों की तुलना करें
पर्सनल लोन का ब्याज 11 प्रतिशत से लेकर 24 प्रतिशत तक हो सकता है. इसलिए लोन लेने से पहले आप कई बैंकों में विजिट करें. ताकि बैंकों की ब्याज दरों की तुलना कर सकें. जहां ब्याज कम हो, वहां से लोन लें. इससे आपकी ईएमआई कम हो जाएगी. ध्यान रखिए ब्याज जितना ज्यादा होगा, ईएमआई उतनी ही बड़ी होगी.
क्रेडिट स्कोर अच्छा हो
पर्सनल लोन के समय आपके क्रेडिट स्कोर को भी देखा जाता है, इसलिए अगर आप लोन के लिए अप्लाई करने जा रहे हैं, तो अपना क्रेडिट स्कोर बेहतर रखें. अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा नहीं है तो आपको लोन महंगी ब्याज दरों पर मिलेगा. इसके अलावा पर्सनल लोन की कुछ शर्तें होती हैं जैसे आपकी मंथली इनकम कम से कम 15,000 होनी चाहिए. मौजूदा नौकरी का अनुभव एक साल इससे ज्यादा होना चाहिए वगैरह-वगैरह.
उतना ही लोन लें जितना चुका पाएं
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
पर्सनल लोन लेते समय सबसे ज्यादा ध्यान आप अपने लोन अमाउंट का रखें. आजकल बैंकों के लोन कैलकुलेटर नेट पर मौजूद हैं, आप उनके जरिए ये आइडिया ले सकते हैं कि कितने अमाउंट पर ईएमआई कितनी बनेगी. जितनी ईएमआई आप आसानी से चुका सकें, उस हिसाब से लोन का अमाउंट डिसाइड करें.
ज्यादा लंबे समय के लिए न लें लोन
पर्सनल लोन को चुकाने के लिए अधिकतम पांच साल तक दिए जाते हैं. कई बार लोग ईएमआई छोटी करने के चक्कर में लोन की अवधि बड़ी कर लेते हैं. इससे आपका ही नुकसान होता है. आपकी ईएमआई जरूर छोटी होती है, लेकिन आपको ब्याज बहुत ज्यादा चुकाना होता है. इसलिए कोशिश करें कि लोन चुकाने की अवधि ज्यादा लंबी न हो.
ईएमआई समय पर चुकाएं
आपने लोन लिया है तो उसकी किस्त को निर्धारित समय पर चुकाने का ध्यान रखें. ऐसा न करने पर आपका सिबिल स्कोर खराब होगा, साथ ही भविष्य में लोन लेने की क्षमता भी प्रभावित होगी.
04:42 PM IST