Loan Refinancing: कब कराना चाहिए लोन रीफाइनेंसिंग, कर्जदारों को कैसे मिलता है इसका फायदा?
जब भी रिजर्व बैंक रेपो रेट बढ़ाता है, तो लोन की किस्तें भी महंगी हो जाती हैं. ऐसे में लोग कई बार लोन रीफाइनेंसिंग का विकल्प चुन लेते हैं. यहां जानिए कि रीफाइनेंसिंग कब और किसके लिए फायदेमंद है.
कब कराना चाहिए लोन रीफाइनेंसिंग, कर्जदारों को कैसे मिलता है इसका फायदा?
कब कराना चाहिए लोन रीफाइनेंसिंग, कर्जदारों को कैसे मिलता है इसका फायदा?
RBI ने हाल ही में छठवीं बार रेपो रेट बढ़ाया है. जब भी रेपो रेट बढ़ाया जाता है, तो लोन का ब्याज भी बढ़ता है क्योंकि रेपो रेट वो दर होती है जिस पर रिजर्व बैंक दूसरे बैंकों को ब्याज देता है. जब बैंकों को लोन महंगी दरों पर मिलता है तो बैंक भी अपने ग्राहकों को महंगी दरों पर ही लोन देते हैं. इससे कई बार आम आदमी की जेब पर बोझ पड़ता है और व्यक्ति का बजट गड़बड़ा जाता है. ऐसे में लोन रीफाइनेंसिंग का विकल्प आपके लिए काफी मददगार हो सकता है. यहां जानिए क्या होता है रीफाइनेंसिंग.
क्या है लोन रीफाइनेंसिंग
होम लोन रीफाइनेंसिंग में कम ब्याज दर जैसी शर्तों वाला नया लोन लिया जाता है और पुराने लोन को क्लोज करा दिया जाता है. इसके बाद नए लोन का पुनर्भुगतान शुरू कर दिया जाता है. नया लोन आप मौजूदा या नए बैंक से ले सकते हैं.
कैसे मिलता है लोन रीफाइनेंसिंग का फायदा
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नया लोन आप कम ब्याज दरों के साथ लेते हैं, ऐसे में आपकी ईएमआई का बोझ अपने आप ही कम हो जाता है. इसके अलावा आप चाहें तो नए लोन में छोटी लोन अवधि का भी फायदा ले सकते हैं. यानी नया लोन लेते समय आप लोन चुकाने की अवधि कम करवा सकते हैं. इससे आप अपने होम लोन को समय से पहले चुका सकते हैं.
कब कराना चाहिए लोन रीफाइनेंसिंग
- लोन की फाइनेंसिंग का पहला आधा हिस्सा खत्म होने से पहले अगर आप रीफाइनेंसिंग का ऑप्शन चुनते हैं तो ये आपके लिए फायदेमंद हो सकता है. इसका कारण है कि उस समय EMI में ब्याज की हिस्सेदारी ज्यादा रहती है. ऐसे में कम ब्याज वाला नया लोन आपके लिए काफी राहतभरा होता है.
- लोन रीफाइनेंसिंग का फायदा तभी है, जब आप मौजूदा समय की ऊंची ब्याज दरों का भुगतान करने में सक्षम न हों और नया लोन आपको कम ब्याज के साथ कर्ज ऑफर किया गया हो.
- अगर आपको लगता है कि आपको लेंडर अच्छा नहीं मिला है और उसकी तरफ से आपको सुविधाएं बेहतर नहीं मिल पा रही हैं, तो आप लोन रीफाइनेंस करवा सकते हैं.
- अगर आपने निश्चित ब्याज दर पर लोन लिया हो, लेकिन कुछ समय बाद ब्याज दरें घटना शुरू हो गई हों. आप नई ब्याज दरें अपनाना चाहते हों, लेकिन आपका बैंक इस स्थिति में आपको फ्लोटिंग रेट लोन का विकल्प देने को राजी न हो, तो आप लोन रीफाइनेंसिंग करवा सकते हैं.
- अगर आपकी फाइनेंशियल कंडीशन पहले से बेहतर हो और आप लोन की अवधि कम करना चाहते हों, तो आप लोन रीफाइनेंस करवाकर नए लोन का निपटान कम समय में कर सकते हैं.
03:01 PM IST