चेक क्लोनिंग से आपका बैंक खाता हो सकता है खाली, बचने के लिए करें यह उपाय
दिल्ली क्राइम ब्रांच एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो चेक की क्लोनिंग करके उनके खाते से पैसा उड़ाता था. यह गिरोह अब तक करीब 8 करोड़ रुपये की चपत लोगों का लगा चुका है.
लैपटॉप में स्कैन करने के बाद नए नंबर डाल चेकों पर खाता नंबर, नाम और चेक नंबर प्रिंट किए जाते थे. इसके बाद बेयरर चेक बनाकर बैंकों से खाते में भुगतान लिया जाता था.
लैपटॉप में स्कैन करने के बाद नए नंबर डाल चेकों पर खाता नंबर, नाम और चेक नंबर प्रिंट किए जाते थे. इसके बाद बेयरर चेक बनाकर बैंकों से खाते में भुगतान लिया जाता था.
दिल्ली क्राइम ब्रांच एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो चेक की क्लोनिंग करके उनके खाते से पैसा उड़ाता था. यह गिरोह अब तक करीब 8 करोड़ रुपये की चपत लोगों का लगा चुका है. पुलिस ने इस मामले में 5 लोगों को गिरफ्तार किया है.
मामला यह है कि लक्ष्मी नगर की रहने वाली एक महिला के मोबाइल पर मैसेज आया कि उसके बैंक खाते से 1.10 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए हैं. मैसेज पढ़कर महिला अचंभे में आ गई और उसने फौरन अपने बैंक और पुलिस से संपर्क किया. बैंक से जानकारी मिली कि महिला के खाते से 1.10 करोड़ रुपये निकाले गए हैं. और इस काम के लिए दो चेक का इस्तेमाल किया गया. महिला के बैंक खाते का पैसा गुरुग्राम और वसंतकुंज के दो खातों में जमा हुआ है. पुलिस ने पूरे मामले की तहकीकात करते हुए इनमें से एक खाताधारक आलोक त्रिवेदी को धर-दबोचा.
पुलिस ने जब उससे पूछताछ की तो सारे मामले का खुलासा हुआ. पुलिस के मुताबिक, इस गिरोह के एक सदस्य बैंक अधिकारियों से मिला हुआ था. बैंक अधिकारी उसे लोगों के खाते की जानकारी, उनके हस्ताक्षर और खाली चेक मुहैया कराते थे. इसके बाद गिरोह के लोग बैंक में एक फर्जी एप्लीकेशन डालकर खाताधारक का मोबाइल नंबर खाते से हटवा देते थे, ताकि ट्रांजेक्शन का मैसेज उसे न मिल सके. यह गिरोह खाताधारक के चेक का फोटो लेकर उसका क्लेन तैयार करते थे और फिर फर्जी हस्ताक्षर करके उसके खाते की रकम निकाल लेते थे.
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पुलिस ने बताया कि यह गिरोह काफी समय से काम कर रहा था और इसने अब तक करीब 8 करोड़ रुपये की जालसाजी की है.
ऐसे होता है चेक क्लोन
चेक क्लोन करने वाले लोग डाकिए या फिर बैंक अधिकारियों से मिलकर चेकबुक या फिर कोई चेक हासिल कर लेते हैं. आजकल चेक पर खाताधारक की पूरी जानकारी होती है. फर्जीवाड़ा करने वाले लोग बैंक कर्मचारियों से मिलकर ऐसे खातों की जानकारी हासिल करते हैं जिनमें ज्यादा रकम होती है. ये लोग बैंक खाते से खाताधारक का मोबाइल नंबर हटवा देते हैं.
लैपटॉप में स्कैन करने के बाद नए नंबर डाल चेकों पर खाता नंबर, नाम और चेक नंबर प्रिंट किए जाते थे. इसके बाद बेयरर चेक बनाकर बैंकों से खाते में भुगतान लिया जाता था. जिन खातों में मोबाइल नंबर दर्ज होता था, उनके चेक 50 हजार से नीचे के होते थे, ताकि असली खातेदार के मोबाइल पर वेरिफिकेशन मेसेज न जाए.
बचने के लिए करें यह उपाय-
- इंटरनेट बैंकिंग का इस्तेमाल करते समय बहुत ही सावधानी बरतें.
- किसी अंजान आदमी के साथ इंटरनेट बैंकिंग पर लेनदेन न करें.
- इंटरनेट बैंकिंग पार यूजर आईडी और पासवर्ड किसी से शेयर न करें.
- समय-समय पर इंटरनेट बैंकिंग का पासवर्ड बदलते रहें.
- अपना चेक, चाहे वह केंसिल हो, किसी को न दें.
- फोन पर बैंक खाते के बारे में मांगी गई जानकारी कभी शेयर न करें.
- क्रेडिट और डेविड कार्ड को इस्तेमाल करते समय भी विशेष ध्यान रखें.
- बैंक से आने वाले हर मैसेज को ध्यान से पढ़ना चाहिए.
09:55 AM IST