बैंकों से 'आधार' आधारित भुगतान सेवा जारी रहेगी, UIDAI ने दी सहमति
कानूनी सलाह के बाद ही बैंकों को यह सलाह जारी की गई है.
भारत की विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने बैंकों से आधार आधारित भुगतान प्रणाली (AEPS) को आगे भी जारी रखने को कहा है. कुछ निजी बैंकों ने हाल में इस सेवा को तत्काल निलंबित कर दिया था. UIDAI के इस फैसले से डिजिटल भुगतान को एक बार फिर से नई गति मिलने की उम्मीद है. कुछ बैंकों ने सितंबर में आधार को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आए फैसले के बाद इसे स्थगित कर दिया था. फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि बैंक अकाउंट को आधार से जोड़ना अनिवार्य नहीं है.
वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के फैसले में यह भी गौर किया गया कि आधार आधारित प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) जारी रहेगा, इसके आधार पर पर बैंकों के लिए यह फैसला लिया गया है. कानूनी सलाह के बाद ही बैंकों को यह सलाह जारी की गई है.
इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक, भुगतान प्लेटफॉर्म के अलावा सरकार यह भी देख रही है कि कैसे छोटे-छोटे कर्ज के लिए आधार आधारित भुगतान प्रणाली का इस्तेमाल किया जा सकता है. इस माध्यम से मासिक आधार पर इस साल जून में ट्रांजेक्शन 10 गुना बढ़कर 124 मिलियन पर पहुंच गया, जो जुलाई 2016 में महज 12 मिलियन था.
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वित्त मंत्रालय के अधिकारी के अनुसार, उनके ट्रांजेक्शन डेटा के आधार पर बैंकिंग कॉरेस्पोंडेट उन्हें अन्य वित्तीय उत्पाद जैसे बीमा आदि की पेशकश कर सकते हैं. आधार आधारित भुगतान प्रणाली ट्रांजेक्शन अधिकांश बैंक कॉरेस्पोंडेट द्वारा उपलब्ध कराए गए डिवाइस से हुए या फिर सार्वजनिक वितरण प्रणाली केंद्र पर लगे डिवाइस से. करीब 14 करोड़ लाभार्थी पहल और उज्ज्वला योजना के तहत गैस सिलेंडर सब्सिडी प्राप्त करते हैं.
10:23 AM IST