EXCLUSIVE : बजट में इलेक्ट्रिक वाहनों पर होगी रियायतों की बारिश, सरकार कर सकती है बड़ा ऐलान
मोदी सरकार अपने अंतरिम बजट 2019 में इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं के लिए कुछ बड़े प्रावधान कर सकती है. सरकार की योजना देश में इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर और टू व्हीलर की संख्या बढ़ाने की है.
सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग ने हाल में सरकार से प्रस्ताव किया था कि देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण को बढ़ावा दिया जाना चाहिए. (फाइल फोटो)
सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग ने हाल में सरकार से प्रस्ताव किया था कि देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण को बढ़ावा दिया जाना चाहिए. (फाइल फोटो)
मोदी सरकार अपने अंतरिम बजट 2019 में इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं के लिए कुछ बड़े प्रावधान कर सकती है. सरकार की योजना देश में इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर और टू व्हीलर की संख्या बढ़ाने की है. सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग ने हाल में सरकार से प्रस्ताव किया था कि देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण को बढ़ावा दिया जाना चाहिए ताकि प्रदूषण स्तर में गिरावट आए. संभव है कि आगामी बजट में इलेक्ट्रिक व्हीकल योजना को सफल बनाने के लिए सरकार कई नए प्रावधान का ऐलान करे.
क्या है सरकार का लक्ष्य
सरकार वाहनों की संख्या बढ़ाने के लिए चरणबद्ध रूप से प्रयास शुरू करेगी. 2019-20 में वह इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ाकर 3 लाख कर सकती है. इसके बाद 2020-21 तक यह संख्या 9 लाख हो जाएगी. वहीं 2021-22 में 27 लाख और 2022-23 तक 80 लाख हो जाएगी.
क्या है वजह
दरअसल इलेक्ट्रिक व्हीकल के पैसेंजर कार सेगमेंट में सरकार को अब तक कोई बड़ी सफलता हासिल नहीं हुई है इस कारण सरकार ने प्लान बी अपनाया है. सरकार का तर्क है कि दोपहिया और 3 पहिया वाहनों में लोगों की दिलचसपी बनी हुई है और इसके लिए इंफ्रा के लिहाज से भी कोई बहुत बड़े निवेश की जरूरत नहीं है.
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PLAN B को सफल बनाने के लिए सरकार की स्ट्रेटेजी के मुताबिक 2 दिशाओं में कदम बढ़ाने होंगे
1 - इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चरर और खरीदार दोनों को आकर्षक सब्सिडी दी जाए
2. देश मे इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए सबसे जरूरी बैटरी प्रोडक्शन को बढ़ावा दिया जाए
सूत्रों के मुताबिक, हाल में पीएमओ ने भी नीति आयोग से इलेक्ट्रिक व्हीकल को लेकर रोडमैप बनाने को कहा था और साथ ही लक्ष्य दिया था कि साल 2030 तक देश मे 30% प्रोडक्शन इलेक्ट्रिक व्हीकल का हो. सूत्रों के मुताबिक, 2 और थ्रीव्हीलर को लेकर सरकार ऑटोमोबाइल कंपनी को GST दरों में राहत देने के साथ साथ तकरीबन 50,000 रुपए तक कि सब्सिडी दे सकती है.
साथ कि बैटरी प्रोडक्शन कंपनियों को भी बढ़ावा देना है. फिलहाल देश मे लिथियम आयन बैटरी सेल बनाने की लिए कोई भी प्लेयर मौजूद नहीं है. इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए जरूरी लिथियम आयन बैटरी सेल को फिलहाल इम्पोर्ट किया जाता है. ऐसे में सरकार सब्सिडी और टैक्स बेनिफिट के जरिये इस दिशा में लोगों से आगे आने के लिए माहौल तैयार करेगी.
आंकड़ों के लिहाज से 2017-18 में इलेक्ट्रिक स्कूटर की सेल 54,800 रही जोकि पिछले साल के मुकाबले लगभग दोगुनी है. जबकि इलेक्ट्रिक कार की बिक्री में गिरावट दर्ज हुई. 2017-18 में सिर्फ 1200 इलेक्ट्रिक कार बिकी जबकि पिछले साल 2000 कार बिकी थीं. ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के मुताबिक साल 2030 तक इलेक्ट्रिक स्कूटर की बिक्री 20 लाख का आंकड़ा पर कर जाएगी.
इलेक्ट्रिक व्हीकल के टू ओर थ्र व्हीलर सेगमेंट में ग्रोथ को बनाये रखने के लिए सरकार तमाम पीएसयू से भी ज़रूर इंफ्रा को बनाने पर जोर दे रही है. BHEL जैसी PSU से इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन लगाने का आदेश दिया गया है.
04:19 PM IST