कोरोना का झटका! ऑटो सेल्स 8 साल में सबसे कम, इंडस्ट्री को अब मानसून से उम्मीद
FADA का कहना है कि FY21 में सभी कैटेगरी गाडि़यों का रजिस्ट्रेशन 30 फीसदी घट गया. यह 8 साल में सबसे कम रहा.
डीलर्स एसोसिएशन का कहना है कि मॉरेटोरियम के रूप में पैकेज दिया जाए. (Representational Image)
डीलर्स एसोसिएशन का कहना है कि मॉरेटोरियम के रूप में पैकेज दिया जाए. (Representational Image)
कोरोना की दूसरी लहर (covid second wave) ने ऑटो इंडस्ट्री (Auto industry) की रिकवरी पर ब्रेक लगा दिया है. इंडस्ट्री का कहना है कि दूसरी लहर ने न केवल शहरी बल्कि ग्रामीण इलाकों को भी बुरी तरह चपेट में ले लिया है. फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (FADA) का कहना है कि वित्त वर्ष 2020-21 में सभी कैटेगरी गाडि़यों का रजिस्ट्रेशन 30 फीसदी घट गया. यह 8 साल में सबसे कम रहा. फाडा का कहना है कि मई के पहले 9 दिन में ही कंज्यूमर सेंटीमेंट काफी कमजोर रहा, इसकी बड़ी वजह करीब 95 फीसदी भारत में लगा लॉकडाउन है. फाडा का कहना है कि अब अच्छे मानसून से ही रिकवरी की उम्मीद है.
फाडा के आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल 2021 में सालाना आधार पर कुल गाडि़यों का रजिस्ट्रेशन 28 फीसदी कम रहा. इसमें टू-व्हीलर्स की बिक्री 28 फीसदी, 3 व्हीलर्स की 43 फीसदी, पैसेंजर्स व्हीकल्स की 25.33 फीसदी ट्रैक्टर की 45 फीसदी और कॉमर्शियल व्हीकल्स की 24 फीसदी कम रही. वहीं, वित्त वर्ष 2020-21 में सभी कैटेगरी के गाडि़यों का रजिस्ट्रेशन 30 फीसदी कर रहा, जोकि 2012-13 के बाद सबसे कम है. सालाना आधार पर वित्त वर्ष 2020-21 में टू-व्हीलर्स का रजिस्ट्रेशन 32 फीसदी, थ्री-व्हीलर्स की 64 फीसदी, कॉमर्शियल व्हीकल्स की 49 फीसदी, पैसेंजर्स व्हीकल्स की 14 फीसदी घट गया. हालांकि, ट्रैक्टर्स रजिस्ट्रेशन में 16 फीसदी का इजाफा हुआ.
FADA ने की मॉरेटोरियम की मांग
फाडा का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर ने शहरों के साथ-साथ ग्रामीण इलाके में भी हालात खराब कर दिया है. फाडा ने ऑटो मैन्युफैक्चरर्स से कहा है कि जिस तरह उन्होंने 2020 में कोरोना लहर के समय डीलर्स को सपोर्ट किया, उसी तरह इस समय भी उनके साथ खड़े रहे. उन पर हाई इन्वेंटरी का दबाव न डालें. फाडा ने इसके साथ ही केंद्र सरकार ने आर्थिक पैकेज की मांग की है. डीलर्स एसोसिएशन का कहना है कि मॉरेटोरियम के रूप में पैकेज दिया जाए. साथ ही आरबीआई लोन रिपेमेंट में छूट के लिए दिशानिर्देश जारी करे. जिन राज्यों में जितने दिन लॉकडाउन है, वहां लोन रिपेमेंट में उतने दिन की छूट दी जानी चाहिए.
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FADA को मानसून से उम्मीद
फाडा का कहना है कि इस मुश्किल समय में एक उम्मीद की किरण सिर्फ अच्छे मानसून से ही नजर आ रही है. बेहतर मानसून से आने वाले समय में एक बार फिर ऑटो सेल्स में तेज रिकवरी देखने को मिल सकती है. फाडा का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2021 के लो से रिकवरी देखने को मिलेगी और यह वित्त वर्ष 2019 के लेवल पर वित्त वर्ष 2023 तक पहुंच सकता है.
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11:55 AM IST