चंद्रयान 2 मिशन 99 प्रतिशत सफल रहा: ISRO
आज भारत के लिए बहुत बड़ा दिन है. क्योंकि 6 और 7 सितंबर की मध्य रात चंद्रयान-2 (Chandrayaan 2) चंद्रमा (Moon) पर लैंड करेगा. इस मिशन को 22 जुलाई को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने लॉन्च किया था.
चंद्रयान 2 के लैंडर का नाम विक्रम है, जो संभवत: इसरो के जनक और महान वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के नाम पर पड़ा है. (Zee News)
चंद्रयान 2 के लैंडर का नाम विक्रम है, जो संभवत: इसरो के जनक और महान वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के नाम पर पड़ा है. (Zee News)
भारत के लिए आज की रात बहुत बड़ी रात होने वाली है. क्योंकि, 6 और 7 सितंबर की मध्य रात 1:10 बजे के बाद चंद्रयान-2 (Chandrayaan 2) चंद्रमा (Moon) पर लैंड करेगा. इस मिशन को 22 जुलाई को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने लॉन्च किया था. चंद्रयान की लैंडिंग के साथ ही पूरी दुनिया में अंतरिक्ष में इस अभूतपूर्व उपलब्धि के लिए भारत का डंका बजेगा. यह वह क्षण होगा जब हमारे पीएम नरेंद्र मोदी के साथ पूरा देश इस अभूतपूर्व पल को देखेगा.
खास बात यह है कि चंद्रयान 2 के लैंडर का नाम विक्रम है, जो संभवत: इसरो के जनक और महान वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के नाम पर पड़ा है. विक्रम के साथ ही चांद की सतह पर प्रज्ञान नामक रोबोटिक यान भी उतरेगा.
जी बिजनेस पर चंद्रयान-2 की लैंडिंग लाइव देखें
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चंद्रयान-2 के 3 पार्ट
चंद्रयान-2 3 पार्ट में बना है. 1 ऑर्बिटर, 1 लैंडर और 1 रोवर शामिल हैं. ऑर्बिटर के अलावा लैंडर का नाम विक्रम और रोवर का नाम प्रज्ञान है. ऑर्बिटर चंद्रमा की कक्षा में पहुंच चुका है. 2 सितंबर को ऑर्बिटर से अलग होकर लैंडर विक्रम चांद की सतह के लिए रवाना हुआ था.UNIVERSEब्रह्मांड
2 बड़े गड्ढों के बीच उतरेगा विक्रम
चंद्रयान-2 मिशन के तहत चंद्रमा की सतह पर लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान उतरेंगे. लैंडर विक्रम का वजन 1,471 किलोग्राम है. इसे 650 वाट एनर्जी से ताकत मिलती है. यह 2.54x2x1.2 मीटर लंबा है. चांद पर उतरने के दौरान यह चंद्रमा पर 1 दिन घूमेगा. चांद का 1 दिन पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर होता है. यह चांद के दो बड़े गड्ढों मैगिनस सी और सिंपेलियस एन के बीच उतरेगा.
विक्रम के पास 4 औजार
लैंडर विक्रम के साथ 4 अहम औजार चांद पर शोध के लिए भेजे जाएंगे. चांद पर होने वाली भूकंपीय गतिविधियों को मापने और उस पर शोध करने के लिए एक खास इंस्ट्रूमेंट लगाया गया है.
इसके अलावा इसमें चांद पर बदलने वाले तापमान की बारीक जांच करने के लिए भी खास उपकरण है. इसमें तीसरा उपकरण है लैंगमूर प्रोब. यह चांद के वातावरण की ऊपरी परत और चांद की सतह पर शोध करेगा. विक्रम अपने चौथे उपकरण लेजर रेट्रोरिफ्लेक्टर के जरिये वहां मैपिंग और दूरी संबंधी शोध करेगा.
यहां LIVE देख सकते हैं Chandrayaan 2 की लैंडिंग
इसरो की वेबसाइट isro.gov.in पर भी आप चंद्रयान 2 की लाइव स्ट्रीमिंग देख सकते हैं. PIB के यू ट्यूब चैनल पर भी इसका लाइव प्रसारण होगा.
चंद्रयान 2 का सफर
- 18 मार्च, 2008 को तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मंत्रिमंडल ने चंद्रयान-2 चंद्र मिशन को मंजूरी दी.
- 15 जुलाई, 2019 को चंद्रयान 2 के प्रक्षेपण को तकनीकी खराबी के कारण लॉन्च से लगभग एक घंटे पहले बंद कर दिया गया.
- 22 जुलाई 2019 को इसरो ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रयान-2 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया.
- 24 जुलाई 2019 को चंदायन-2 अंतरिक्ष यान के लिए पहला अर्थबाउंड ऑर्बिट-रेजिंग का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया गया.
- 26 जुलाई 2019 में चंद्रायान-2 अंतरिक्ष यान के लिए दूसरा अर्थबाउंड ऑर्बिट-रेजिंग पावर प्रदर्शन किया.
- 28 जुलाई 2019 तीसरा ऑर्बिट-राइज़िंग क्षमता का प्रदर्शन किया.
- 3 अगस्त, 2019 को इसरो ने चंद्रयान 2 द्वारा कैप्चर की गई पृथ्वी की तस्वीरों का पहला सेट जारी किया और अंतिम ऑर्बिट-राइज़िंग क्षमता का प्रदर्शन किया.
- 14 अगस्त 2019 को लगभग 23 दिनों के लिए पृथ्वी की कक्षा के चक्कर लगाने के बाद, अंतरिक्ष यान ने लुनर ट्रांसफर ट्रांजेक्टरी में प्रवेश किया.
- 20 अगस्त 2019 को चन्द्रयान-2 सफलतापूर्वक चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर गया.
- 22 अगस्त 2019 को ISRO ने चन्द्रयान-2 द्वारा खींचा गया चंद्रमा की पहली फोटो जारी की.
- 1 सितंबर 2019 को चन्द्रयान-2 ने चंद्रमा ऑर्बिट-राइज़िंग क्षमता प्रदर्शन किया.
- 3 सितंबर 2019 को पहले डी-ऑर्बिटिंग क्षमता का प्रदर्शन महज चार सेकंड में सफलतापूर्वक पूरा किया.
- 4 सितंबर 2019 को चन्द्रयान-2 ने दूसरे डी-ऑर्बिटिंग क्षमता का नौ सेकंड में प्रदर्शन पूरा किया.
- 7 सितंबर 2019 को चंद्रयान 2 का विक्रम लैंडर शनिवार को 1.30 बजे से 2.30 बजे के बीच चंद्रमा पर उतरेगा. इसके बाद 5.30 बजे और सुबह 6.30 बजे के बीच रोवर `प्रज्ञान 'का रोलआउट होगा.
08:24 PM IST