साइबेरिया की नदियों में बह गया 20,000 टन डीजल, व्लादिमीर पुतिन ने लगाई इमरजेंसी
आधुनिक रूस के इतिहास में इस तरह की यह दूसरी घटना है. 1994 में कोमी के उत्तर-पश्चिम में ऐसी ही एक घटना घटी थी.
साइबेरिया में एक ऊर्जा प्लांट से लगभग 20 हजार टन डीजल बहने की घटना के बाद आपातकाल की घोषणा कर दी है.
साइबेरिया में एक ऊर्जा प्लांट से लगभग 20 हजार टन डीजल बहने की घटना के बाद आपातकाल की घोषणा कर दी है.
कड़ाके की ठंड के लिए जाने जाने वाले रूस का साइबेरिया (Siberia) इन दिनों एक अलग ही मुसीबत में फंसा हुआ है. इस समय यहां की झील और नदियों में डीजल (diesel) तैर रहा है. एक प्लानंट से हजारों टन डीजल बहकर नदियों में गिर रहा है. हालात को देखते हुए रूस सरकार ने इमरजेंसी (emergency) का ऐलान कर दिया है.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने साइबेरिया में एक ऊर्जा संयंत्र भंडारण केन्द्र से लगभग 20 हजार टन डीजल बहने की घटना के बाद आपातकाल की घोषणा कर दी है.
घटना शुक्रवार को मॉस्को से 2,900 किलोमीटर दूर नॉरिल्स्क शहर के बाहरी इलाके में स्थित ऊर्जा प्लांट में हुई. ईंधन को आंबरनया नदी में मिलने से रोकने के लिए अवरोधक लगाए गए हैं. नदी से एक झील निकलती है जो आगे चलकर एक नदी से मिल जाती है. यह नदी पर्यावरणीय रूप से संवेदनशील आर्कटिक महासागर की ओर जाती है.
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को अधिकारियों को इस बहाव से होने वाले नुकसान को कम से कम पर रोकने का आदेश दिया. पुतीन ने कहा कि तेल साफ करने के लिए अधिक से अधिक संसाधन जुटाने के लिए इमरजेंसी का ऐलान किया गया है.
वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ फंड (World Wildlife Fund) रूस के संचालक एलेक्सी निजिनिकोव (Alexei Knizhnikov) ने कहा कि इससे मछलियों और अन्य संसाधनों को नुकसान होगा. इस घटना से कुल मिलाकर एक करोड़ 30 लाख डॉलर का नुकसान होने का अनुमान है.
निजिनिकोव ने बताया कि आधुनिक रूस के इतिहास में इस तरह की यह दूसरी घटना है. 1994 में कोमी के उत्तर-पश्चिम में ऐसी ही एक घटना घटी थी, इसमें कई महीने तक तेल का रिसाव होता रहा. हालांकि साईबेरिया की घटना में 1994 की घटना के मुकाबले ज्यादा तेल बहा है.
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उन्होंने बताया कि चूंकि डीजल हल्का होता है इसलिए यह पानी में मिलने के बजाय भाव बनकर उड़ जाएगा, लेकिन इससे वातावरण को काफी नुकसान होगा.
03:09 PM IST