हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वीन के बाद Remdesivir बनेगा Covid-19 के खिलाफ हथियार
करीब एक दशक पहले इबोला के इलाज के लिए विकसित रेमडेसिवीर, कई सारे वायरस के इलाज में इस्तेमाल किया जा सकता है.
कोविड-19 को अगर शुरुआत में नहीं रोका गया तो वह व्यक्ति में सांस लेने में परेशानी खड़ी कर सकता है.
कोविड-19 को अगर शुरुआत में नहीं रोका गया तो वह व्यक्ति में सांस लेने में परेशानी खड़ी कर सकता है.
कोरोना-19 को कंट्रोल करने के लिए हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वीन की डिमांड तेजी से बढ़ रही है. भारत अमेरिका समेत दुनिया के करीब 50 देशों को इस दवा की सप्लाई कर रहा है. हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वीन के बाद अब वैज्ञानिकों को रेमडेसिवीर (Remdesivir) कोरोना से लड़ने के लिए एक कारगर हथियार के रूप नजर आ रहा है.
वैज्ञानिकों का दावा है कि क्लिनिकल ट्रायल के दौरान कोविड-19 के मरीजों पर रेमडेसिवीर (Remdesivir) का काफी अच्छा असर हो रहा है और उसके परिणाम अच्छे हैं, लेकिन इस दवा के प्रभाव को जांचने के लिए अधिक ट्रायल करने की जरुरत है.
अमेरिका के टेक्सास स्थित ह्यूस्टन मेथडिस्ट अस्पताल के अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार, ट्रायल में बीमारी के शुरूआती दौर में मरीज का इलाज किया जाता है या फिर कुछ मामलों में जिन्हें इलाज के दौरान वेंटिलेटर लगाने की जरुरत पड़ी हो.
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अस्पताल में संक्रामक बीमारियों की फार्मासिस्ट कैथरीन के. पेरेज ने कहा कि शुरुआती परिणाम आशानजक हैं, और अभी वही महत्वपूर्ण है. कोविड-19 के मरीजों के संबंध में अभी तक हमने जितना सीखा है, उससे हमें इतना ही पता चला है कि उनकी हालत को तेजी से बिगड़ने से रोकना है.
इस साल की शुरुआत में ‘नेचर’ पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, करीब एक दशक पहले इबोला के इलाज के लिए विकसित रेमडेसिवीर, कई सारे वायरस के इलाज में इस्तेमाल किया जा सकता है.
चीन में हुए अनुसंधान के अनुसार, रेमडेसिवीर सफलतापूर्वक कोरोना वायरस, सार्स-कोविड-2 को मनुष्य की कोशिकाओं में वृद्धि करने से रोक सकता है.
न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक अन्य रिसर्च के अनुसार, अमेरिकन सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन की सलाह पर कोरोना वायरस से संक्रमित एक व्यक्ति को रेमडेसिवीर दिया गया और उसकी हालत में 24 घंटे के भीतर सुधार होने लगा.
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कोविड-19 के साथ सबसे चुनौतीपूर्ण बात यह है कि वह मानव शरीर में प्रवेश करने के बाद जिस तरीके से अपनी संख्या में वृद्धि करता है.
कोविड-19 को अगर शुरुआत में नहीं रोका गया तो वह व्यक्ति में सांस लेने में परेशानी खड़ी कर सकता है और उसे वेंटिलेटर पर जाने को मजबूर कर सकता है. रेमडेसिवीर ने मानव कोशिश के भीतर कोरोना वायरस की वृद्धि को रोकने की क्षमता प्रदर्शित की है और अब मरीजों पर उसका क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है.
09:58 PM IST