चीन के इस क्षेत्र में हाई टेक्नोलॉजी से रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा तेल का उत्पादन
दुनिया में एक ओर जहां यूएस-ईरान (US-Iran) के बीच गहरा तनाव चल रहा है, जिसके कारण कच्चे तेल (Crude Oil) के दाम आसमान छू रहे हैं. वहीं, छिंगहाई-तिब्बत पठार पर तेल उत्पादन बढ़ता जा रहा है.
तेल का उत्पादन बढ़कर 22.8 लाख टन पर पहुंच गया है. (Reuters)
तेल का उत्पादन बढ़कर 22.8 लाख टन पर पहुंच गया है. (Reuters)
दुनिया में एक ओर जहां यूएस-ईरान (US-Iran) के बीच गहरा तनाव चल रहा है, जिसके कारण कच्चे तेल (Crude Oil) के दाम आसमान छू रहे हैं. वहीं, छिंगहाई-तिब्बत पठार पर तेल उत्पादन बढ़ता जा रहा है. यहां छिंगहाई क्षेत्र में तेल उत्पादन ने नया रिकॉर्ड दर्ज कराया है. यहां तेल का उत्पादन बढ़कर 22.8 लाख टन पर पहुंच गया है. यह चीन में सबसे पहला विकसित तेल क्षेत्र भी है. इससे पहले कभी भी चीन में इतनी बड़ी मात्रा में तेल का उत्पादन नहीं हुआ है.
नई टेक्नोलॉजी से बढ़ा तेल प्रोडक्शन
आपको बता दें कि इसकी औसत ऊंचाई तीन हजार मीटर है और वह छिंगहाई, तिब्बत, कान्सू तथा निंगश्या चार राज्यों को तेल व प्राकृतिक गैस की आपूर्ति कर रहा है. साल 2019 में छिंगहाई तेल क्षेत्र में सिलसिलेवार हाई टेक्नोलॉजी के प्रयोग से तेल उत्पादन बढ़ाया गया है और नया उत्पादन रिकार्ड बन गया है. अभी तक इस तेल क्षेत्र का भंडारण 5.34 अरब टन तक जा पहुंचा है.
भारत में कच्चे तेल के दाम में आई तेजी
वहीं, यूएस और ईरान के बीच चल रहे तकरार के कारण कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड का भाव सोमवार को एक बार फिर 70 डॉलर प्रति बैरल के पार चला गया है. इससे पहले सितंबर में सऊदी अरामको पर हमले के बाद ब्रेंट का भाव 70 डॉलर से ऊपर उछला था. अमेरिका और ईरान के बीच ठन जाने से खाड़ी क्षेत्र में फौजी तनाव गहराता जा रहा है. कच्चे तेल की आपूर्ति कम होने की आशंकाओं से दाम में लगातार तेजी बनी हुई है. अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में सोमवार को दो फीसदी से ज्यादा की तेजी आई, जबकि भारतीय बाजार में कच्चे तेल के भाव में तीन फीसदी से ज्यादा का उछाल आया है.
TRENDING NOW
तेल के बढ़ रहे दाम
आपको बता दें कि इराक के बगदाद एयरपोर्ट पर गुरुवार देर रात अमेरिकी ड्रोन्स ने रॉकेट से हमला कर दिया. इस हमले में ईरान की इलीट कुद्स सेना के प्रमुख जनरल कासिम सुलेमानी की मौत हो गई. इनकी मौत के बाद ईरान-अमेरिका में तनाव बढ़ता ही जा रहा है. तनाव बढ़ने के कारण दुनिया में तेल के दामों में तेजी आएगी. क्योंकि दोनों ही देश प्रमुख तेल निर्यातक हैं.
ज़ी बिज़नेस LIVE TV देखें:
इस वजह से बढ़ रही कीमतें
अमेरिकी प्रतिबंधों की वजह से वर्तमान में ईरान का तेल निर्यात बहुत कम हो चुका है. तनाव बढ़ने की स्थिति में यह और कम हो सकता है. मिडिल ईस्ट के अन्य तेल उत्पादक देशों की सप्लाई पर भी इससे फर्क पड़ सकता है क्योंकि ये देश जिस रूट से तेल की सप्लाई करते हैं वह रूट भी ईरान की समुद्री सीमा से गुजरता है. तनाव बढ़ने की स्थिति में ईरान यह रूट बंद कर सकता है. इन आशंकाओं के चलते अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़े और डॉलर मजबूत हुआ.
05:55 PM IST