Sputnik V वैक्सीन पर आई ये लेटेस्ट जानकारी, जानिए दो डोज की जगह इसकी एक डोज कितनी कारगर
Sputnik-V vaccine latest news:शोधकर्ताओं ने नई स्टडी में 289 स्वास्थ्यकर्मियों पर ‘स्पुतनिक-वी’ की एक डोज और दो डोज की सार्स-सीओवी-2 के खिलाफ बनी रोग प्रतिरोधक क्षमता की तुलना की.
सार्स-सीओवी-2 वायरस के चलते ही कोविड-19 यानी कोरोनावायरस संक्रमण होता है. (रॉयटर्स)
सार्स-सीओवी-2 वायरस के चलते ही कोविड-19 यानी कोरोनावायरस संक्रमण होता है. (रॉयटर्स)
Sputnik-V vaccine latest news: कोविड-19 (covid-19) को रोकने वाली वैक्सीन स्पुतनिक-वी (Sputnik-V) की एक डोज सार्स-सीओवी-2 (SARS-CoV-2) के खिलाफ ज्यादा रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यून कैपिसिटी तैयार कर सकती है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, एक ताजा स्टडी में यह बात सामने आई है. सार्स-सीओवी-2 वायरस के चलते ही कोविड-19 यानी कोरोनावायरस संक्रमण होता है.
स्पुतनिक-वी’ का निर्माण दो ‘एडिनोवायरस’ को मिलाकर किया गया
खबर के मुताबिक, इससे पहले एक स्टडी में स्पुतनिक-वी (Sputnik-V) की दो डोज के कोविड-19 के खिलाफ 92 प्रतिशत रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) बनाने की बात सामने आई थी. ‘स्पुतनिक-वी’ का निर्माण दो ‘एडिनोवायरस’ को मिलाकर किया गया है. ये ऐसे वायरस हैं, जो सर्दी, बुखार और गले में खराश के साथ कई तरह की बीमारी का कारण बनते हैं.
स्टडी में की गई ये कोशिश
पत्रिका ‘सेल रिपोर्ट मेडिसिन’ में मंगलवार को छपी एक स्टडी में यह पता लगाने की कोशिश की गई कि क्या वैक्सीन की एक डोज, दो डोज के मुकाबले लोगों के स्वास्थ्य को ज्यादा फायदा पहुंचा सकती है, जिससे की बड़ी आबादी को जल्द से जल्द टीके लगाए जा सकें. इस स्टडी के वरिष्ठ लेखक और अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स के ‘फंडेसियन इंस्टीट्यूटो लेलोइर-कॉनिकेट’ के एंड्रिया गामार्निक ने कहा कि दुनिया के कई क्षेत्रों में सीमित वैक्सीन की सप्लाई और असमान वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूसश के चलते, स्वास्थ्य अधिकारियों को टीकाकरण रणनीतियों को अनुकूलित करने के लिए टीकों की रोग प्रतिरोधक क्षमता से जुड़े आंकड़े जुटाने की तत्काल जरूरत है.
TRENDING NOW
नई स्टडी में 289 स्वास्थ्यकर्मियों पर आजमाया गया
उन्होंने कहा कि हमारे द्वारा प्रस्तुत सहकर्मी-समीक्षा आंकड़े फिलहाल दुनियाभर में हेल्थ इमरजेंसी में सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़े फैसलों का मार्गदर्शन करने के लिए जानकारी देते हैं. शोधकर्ताओं ने नई स्टडी में 289 स्वास्थ्यकर्मियों पर ‘स्पुतनिक-वी’ की एक डोज और दो डोज की सार्स-सीओवी-2 के खिलाफ बनी रोग प्रतिरोधक क्षमता की तुलना की. पहली डोज के बाद, इन प्रतिभागियों में से 94 प्रतिशत में वायरस के खिलाफ ‘इम्युनोग्लोबुलिन जी (आईजीजी) एंटीबॉडी’ डेवलप हुई और 90 प्रतिशत ने ‘एंटीबॉडी’ को निष्क्रिय करने के सबूत दिखाए, जो कोशिकाओं को संक्रमित करने के लिए वायरस की क्षमता में हस्तक्षेप करते हैं.
सरी खुराक देरी से लगाए जाने का प्रशासन को सुझाव
रिसर्च में पाया कि पहले से संक्रमित प्रतिभागियों में आईजीजी और ‘न्यूट्रलाइजिंग एंटीबॉडी’ का लेवल एक डोज के बाद उन लोगों की तुलना में काफी ज्यादा था, जिन्हें संक्रमण नहीं हुआ था. वहीं, दूसरी खुराक ने पहले से संक्रमितों में ‘एंटीबॉडी’ को निष्क्रिय करने के उत्पादन में बढ़ोतरी नहीं की. उन्होंने कहा कि इन लोगों को एक डोज के बाद उच्च रोग प्रतिरोधक क्षमता का स्तर, दूसरी खुराक देरी से लगाए जाने का प्रशासन को सुझाव देता है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को जल्द से जल्द वैक्सीन लग सके.
ज़ी बिज़नेस LIVE TV यहां देखें
03:32 PM IST