9 Years of PM Modi: मोदी सरकार के सत्ता में 9 साल पूरे हो रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अगुवाई वाली एनडीए सरकार का दूसरा कार्यकाल भी खत्म होने पर है. इन 9 सालों में देश में काफी-कुछ बदला है. सरकार ने कई बड़े बदलाव किए हैं, कई नए नियम-कानून आ चुके हैं, कई पुराने तौर-तरीके लगभग खत्म हो चुके हैं. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर मायनों में ध्यान का केंद्रबिंदु रहे हैं. लेकिन अपने पहले कार्यकाल के शुरुआती सालों में कुछ काम जो उन्होंने किए, बिल्कुल उस कलेवर का अंदाज फिर देखने को नहीं मिला, इसके पीछे परिस्थितियों को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. खैर, हम उनके ऐसे 'आउट ऑफ द बॉक्स' तरीकों पर नजर डाल रहे हैं जिन्होंने सबको हैरान कर दिया था.
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1. अचानक लाहौर उतरना
पीएम मोदी ने 25 दिसंबर, 2015 को एक ट्वीट कर इसकी घोषणा की थी कि वो उसी दिन पाकिस्तान जा रहे हैं और तत्कालीन पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ से मिल रहे हैं. अफगानिस्तान की यात्रा से लौटते हुए रास्ते में वो लाहौर उतरे थे, जहां उनका स्वागत करने नवाज़ शरीफ पहुंचे थे. भारत-पाकिस्तान के रिश्तों की बेहतरी की दिशा में इसे सकारात्मकता के साथ देखा गया था, लेकिन ये रिश्ते कायम नहीं रह सके.
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2. मोदी ने नवाज शरीफ की मां के लिए भेजी थी शॉल
पीएम मोदी ने अपने पहले कार्यकाल के शपथग्रहण के लिए नवाज़ शरीफ को बुलावा भेजा था. इसके बाद उन्होंने शरीफ की मां के लिए एक शॉल भिजवाई थी, जिसपर मरियम नवाज़ शरीफ ने ट्वीट करके पीएम का धन्यवाद दिया था. उन्होंने कहा था कि नवाज़ शरीफ खुद शॉल लेकर अपनी मां को भेंट देने पहुंचे थे.
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3. जब शरीफ की पोती के निकाह में अचानक पहुंचे मोदी
पीएम मोदी ने अपने पहले कार्यकाल के शुरुआती सालों में पाकिस्तान के साथ अच्छे रिश्ते बनाने की कोशिश की. 25 दिसंबर, 2015 को ही जब वो पहली बार अचानक पाकिस्तान पहुंचे थे, उस दिन वो शरीफ की पोती की निकाह में भी शामिल हुए थे. उन्होंने नवाज़ शरीफ को अफगानिस्तानी स्टाइल का गुलाबी साफा भी तोहफे में दिया था, जिसे शरीफ पहने हुए नजर आए थे.
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4. बराक ओबामा के साथ रेडियो पर की 'मन की बात'
पीएम मोदी सत्ता में आने के बाद से ही मन की बात रेडियो शो कर रहे हैं. लेकिन 27 जनवरी, 2015 का एपिसोड बहुत ही खास था. इस दिन तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा भी पीएम मोदी के साथ जुड़े थे. ओबामा अपनी तीन दिवसीय भारत यात्रा पर आए थे, जिस दौरान उन्होंने उनके संबोधन में शामिल होने का फैसला किया.
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