Explainer: Titanic का मलबा दिखाने गई पनडुब्बी ‘टाइटन’ में कौन-कौन थे सवार, आखिर क्या है ये पूरा मामला
उत्तरी अटलांटिक में लापता पनडुब्बी Titan में सवार पांचों लोगों की मौत की पुष्टि कर दी गई है. इस पनडुब्बी में 5 लोग सवार होकर टाइटन का मलबा देखने के लिए गए थे. हादसे के बाद इस घटना को Titanic Part-2 कहा जा रहा है.
Image credit: OceanGate
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उत्तरी अटलांटिक में लापता पनडुब्बी Titan को लेकर सारी उम्मीदें अब खत्म हो गई हैं. तलाशी के दौरान पनडुब्बी का मलबा मिला है. यूएस कोस्ट गार्ड और टाइटन को ऑपरेट करने वाली कंपनी ओशनगेट ने इस पनडुब्बी में सवार पांचों लोगों की मौत की पुष्टि कर दी है. हालांकि मौत की वजह अभी स्पष्ट नहीं है. यूएस कोस्ट गार्ड के रियर एडमिरल जॉन माउगर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ये स्पष्ट किया है कि जब टाइटन सबमर्सिबल को लेकर तलाशी अभियान चलाया जा रहा था, तब हमारे पास पूरे पानी में सुनने के उपकरण थे. लेकिन उपकरण में धमाकों की आवाज नहीं सुनाई दी.
ऐसे में माना जा रहा है कि पनडुब्बी इंप्लोज़न का शिकार हुई है. इस हादसे ने एक बार फिर से लोगों के जेहन में टाइटैनिक ट्रेजडी को ताजा कर दिया है. ऐसे में टाइटन हादसे को टाइटैनिक पार्ट-2 (Titanic Part-2) का नाम दिया जा रहा है. आइए आपको बताते हैं आखिर क्या है ये पूरा मामला.
जानिए क्या है पूरा मामला
टाइटन पनडुब्बी टाइटैनिक जहाज का मलबा दिखाने के लिए अटलांटिक महासागर में रविवार (18 जून) को सुबह आठ घंटे की यात्रा पर रवाना हुई थी. इस पनडुब्बी में पांच यात्री सवार थे. लेकिन 18 जून को डुबकी लगाने के करीब दो घंटे बाद ही इस पनडुब्बी से संपर्क टूट गया. इसके बाद यूएस कोस्ट गार्ड को अलर्ट किया गया और सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया. उसके बाद कोस्ट गार्ड ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया. 22 जून की दोपहर एक RoV को पनडुब्बी के मलबे का कुछ हिस्सा मिला. पहले इस मलबे को लेकर ये आशंका जताई जा रही थी कि ये टाइटन का मलबा हो सकता है. लेकिन बाद में यूएस कोस्ट गार्ड और ओशनगेट ने ये स्पष्ट कर दिया कि ये टाइटन का ही मलबा है.
टाइटन पनडुब्बी में सवार थे ये 5 यात्री
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ब्रिटिश उद्योगपति हामिश हार्डिंग
58 वर्षीय ब्रिटिश उद्योगपति हामिश हार्डिंग प्राइवेट जेट बेचने वाली कंपनी एक्शन एविएशन के मुखिया थे. अंटार्कटिक लग्जरी टूरिस्ट कंपनी ‘वाइट डेजर्ट’ के साथ भी काम किया. इस कंपनी ने अंटार्कटिका के लिए पहली जेट सर्विस शुरू की थी. साल 2022 में उन्होंने ब्लू ओरिजिन फ्लाइट में एक अंतरिक्ष पर्यटक के रूप में ध्यान आकर्षित किया था. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हार्डिंग के नाम उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों के माध्यम से पृथ्वी का चक्कर लगाने का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भी है. हार्डिंग ने नामीबिया से चीतों को लाने में भारत सरकार की मदद की थी. वो साउथ पोल की कई यात्राएं कर चुके हैं.
शहज़ादा दाऊद और सुलेमान दाऊद
इस पनडुब्बी में शहज़ादा दाऊद और सुलेमान दाऊद भी सवार थे. ये बाप-बेटे पाकिस्तानी मूल के थे. 48 वर्षीय शहज़ादा दाऊद केमिकल-टू-एनर्जी कंपनी एंग्रो कॉर्पोरेशन के वाइस-प्रेसिडेंट थे. शहज़ादा दाऊद वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी के शौकीन थे. उनके बेटे सुलेमान दाऊद फिलहाल यूनिवर्सिटी के छात्र थे और अपने पिता के साथ टाइटैनिक का मलबा देखने के लिए गए थे.
स्टॉकटन रश
टाइटन को ऑपरेट करने वाली कंपनी ओशनगेट के फाउंडर और सीईओ थे स्टॉकटन रश. वे दुनिया के सबसे युवा जेट पायलट थे. 1981 में जेट ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट से 19 की उम्र में उन्होंने लाइसेंस लिया था. स्टॉकटन रश, पनडुब्बी के पायलट भी थे.
पॉल-हेनरी नार्गोलेट
पॉल-हेनरी नार्गोलेट फ्रांसीसी नौसेना में पूर्व कमांडर रहे हैं. 1987 में पहली बार टाइटैनिक का मलबा देखने समंदर में उतरे थे. उनको मिस्टर टाइटैनिक भी कहा जाता था.
टाइटन पनडुब्बी के बारे में जानिए
टाइटन कार्बन-फाइबर से तैयार एक पनडुब्बी थी, जिसका आकार एक छोटी कार जितना था. इसमें पायलट समेत 5 लोगों को एक साथ ले जाने की क्षमता थी. टाइटन में एक बार में 96 घंटों तक चलने लायक ऑक्सीजन भरा जा सकता था. टाइटैनिक तक पहुंचकर वापस बाहर आने में इसे करीब आठ घंटे का समय लगता था.
क्या था टाइनैनिक हादसा
टाइटैनिक अपने समय का सबसे विशाल और आलीशान जहाज था. ये जहाज 10 अप्रैल 1912 को अपनी पहली यात्रा पर ब्रिटेन के साउथैम्पटन बंदरगाह से न्यूयॉर्क के लिए निकला था. लेकिन वो 14 अप्रैल 1912 को उत्तर अटलांटिक महासागर में एक हिमखंड से टकराकर दो टुकड़ों में टूट गया था और इसका मलबा 3.8 किलोमीटर की गहराई में समा गया था. टाइटैनिक में 2200 से ज्यादा लोग सवार थे. लेकिन हादसे में 1500 लोग मारे गए थे. इस घटना को सबसे बड़ी समुद्री घटनाओं में से एक माना जाता है. आज भी इस जहाज का मलबा समुद्र में पड़ा है.
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