Sardar Vallabhbhai Patel: सरदार वल्लभ भाई पटेल की पुण्यतिथि पर जानें उनके बारे में कुछ खास बातें
Sardar Vallabhbhai Patel: आज भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 72वीं पुण्यतिथि है. सरदार भारत के पहले गृहमंत्री थे. 15 दिसंबर, 1950 को मुंबई में उनका निधन हो गया था.
Sardar Vallabh Bhai Patel
Sardar Vallabh Bhai Patel
Sardar Vallabhbhai Patel: हर साल 15 दिसंबर को भारत के पहले गृहमंत्री (Home Minister), उप-प्रधानमंत्री (Deputy Prime Minister) सरदार वल्लभ भाई पटेल (Sardar Vallabhbhai Patel) की पुण्यतिथि (Death Anniversary) मनाई जाती है. उनको भारत का लौह पुरुष (Iron man) कहा जाता है. लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को याद करने के बहुत से कारण है लेकिन उनमें सबसे प्रमुख है आज़ाद भारत को एकजुट करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका.
भारत के Iron Man
सरदार पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के खेड़ा जिले में हुआ था. एक गृहमंत्री के तौर पर उन्होंने देश की करीब 562 छोटी-बड़ी देसी रियासतों का भारत में विलय कराया था. ऐसा कर के उन्होंने भारतीय एकता के निर्माण में एक अहम भूमिका निभाई थी.
सरदार वल्लभभाई पटेल को नवीन भारत का निर्माता भी कहा जाता है. उनके द्वारा किए गए साहसिक कार्यों की वजह से ही उन्हें लौह पुरुष और सरदार जैसी उपाधि से नवाजा गया था. सरदार पटेल स्वभाव से शांत, उदार और नरम दिल के इंसान थे. उन्हें महान और प्रेरणादायी विचारों का धनी माना जाता है.
आज उनकी पुण्यतिथि पर जानते है उनके बारे में कुछ रोचक बातें
1. सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात में हुआ. लंदन जाकर उन्होंने बैरिस्टर (Barister) की पढ़ाई की और वापस आकर अहमदाबाद में वकालत करने लगे. महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित होकर उन्होंने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया था.
TRENDING NOW
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
Intraday में बनेगा तगड़ा पैसा! पोर्टफोलियो में रख लें ये 5 शेयर, एक्सपर्ट ने बताया टारगेट और स्टॉप लॉस
2. स्वतंत्रता आंदोलन में सरदार पटेल का पहला और बड़ा योगदान 1918 में खेड़ा सत्याग्रह (Kheda Satyagrah) में था. उन्होंने 1928 में हुए बारदोली सत्याग्रह (Bardoli Satyagrah) में किसान आंदोलन का सफल नेतृत्व किया.
3. सरदार वल्लभ भाई पटेल भारत के पहले गृहमंत्री और उप-प्रधानमंत्री थे.
4. आज़ादी के बाद देसी रियासतों का एकीकरण कर अखंड भारत के निर्माण में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है. उन्होंने 562 छोटी-बड़ी रियासतों का भारतीय संघ में विलय करवा कर भारतीय एकता का निर्माण किया है.
5. महात्मा गांधी ने सरदार को लौह पुरुष की उपाधि दी थी.
6. गुजरात में नर्मदा के सरदार सरोवर डैम (Sardar Sarovar Dam) के सामने सरदार वल्लभ भाई पटेल की 182 मीटर (597 फीट) ऊंची लौह प्रतिमा (Statue of Unity) का निर्माण किया गया है. ये दुनिया का सबसे बड़ा स्टेचू है. इसको 31 अक्टूबर 2018 को देश के लिए खोल दिया गया था.
7. यह सरदार पटेल का ही विज़न था कि भारतीय प्रशासनिक सेवाएं (Indian Civil Services) देश को एक रखने में अहम भूमिका निभाएगी. उन्होंने सिविल सर्विसेज को देश का स्टील फ्रेम (Steel Frame) कहा था.
8. बारदोली सत्याग्रह आंदोलन के सफल होने के बाद वहां की महिलाओं ने वल्लभ भाई पटेल को ‘सरदार’ की उपाधि प्रदान की थी.
9. किसी भी देश का आधार उसकी एकता और अखंडता में निहित होता है और सरदार पटेल देश की एकता के सूत्रधार थे. इसी वजह से उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय एकता दिवस (National Unity Day) के तौर पर मनाया जाता है.
10. सरदार पटेल जी का निधन 15 दिसंबर, 1950 को मुंबई में हुआ था. 1991 में सरदार पटेल को मरणोपरांत ‘भारत रत्न’ (Bharat Ratna) से सम्मानित किया गया था.
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
01:38 PM IST