Microsoft कर रही पुलिस का काम, जानें कैसे साइबर ठगों को पकड़ने में दे रही है टेक्निकल सपोर्ट
माइक्रोसॉफ्ट द्वारा इसी महीने जारी एक सर्वेक्षण के मुताबिक, भारत में 68 फीसदी यूजर्स का सामना पिछले साल ऐसे घोटालेबाजों से हुआ और उनमें से कुछ (14 फीसदी) यूजर्स ठगे गए और अपने पैसे गंवाए.
फोटो साभार - रॉयटर्स
फोटो साभार - रॉयटर्स
इस महीने की शुरुआत में दिल्ली पुलिस के साइबर सेल ने एक महत्वपूर्ण अभियान में 24 लोगों को गिरफ्तार किया जिन्होंने माइक्रोसॉफ्ट के नकली तकनीकी सहायता कर्मचारी बनकर कई अमेरिकी नागरिकों को धोखा दिया था. यह अभियान रेडमंड में माइक्रोसॉफ्ट के डिजिटल क्राइम यूनिट (डीसीयू) द्वारा क्लाउड, बिग डेटा, मशीन लर्निंग (एमएल) और बिजनेस इंटेलिजेंस (बीआई) का उपयोग कर साइबर अपराधों की वास्तविक समय निगरानी के बिना संभव नहीं हो पाता.
कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ रियल-टाइम डेटा एनालिटिक्स और प्रासंगिक महत्वपूर्ण इनपुट साझा करने से दिल्ली में विभिन्न स्थानों पर अवैध रूप से कॉल सेंटर चला रहे 10 कंपनियों को पकड़ने में मदद मिली थे, जो माइक्रोसॉफ्ट विंडोज यूजर्स को निशाना बनाते थे. डिजिटल क्राइम यूनिट (शेयर्ड सर्विसेज) की निदेशक शिल्पा ब्राट ने बताया, "यह वास्तविक समय की निगरानी थी जिसने हमें बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी करने वाले दिल्ली के गिरोहों को पकड़ने में मदद की. यह पूरा अभियान साइबर अपराधों के खिलाफ हमारी लड़ाई में उत्साहजनक रहा है."
ब्राट ने कहा, "हमने अपराधियों को पकड़ने के लिए भारत और सिंगापुर में डीसीयू कर्मचारियों के साथ मिलकर काम किया. मेरा मानना है कि अभी ऐसे कई साइबर अपराधी हैं, जिन्हें पकड़ने की जरूरत है." ये साइबर अपराधी माइक्रोसॉफ्ट तकनीकी सहायता कर्मचारी बनकर यूजर्स के सिस्टम की स्क्रीन पर यह संदेश पॉप अप करते थे कि उनका सिस्टम मैलवेयर से प्रभावित हुआ है और अगर इसे ठीक नहीं किया तो डेटा उड़ जाएगा.
TRENDING NOW
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
आपके EPF में जमा होने वाले पैसों को लेकर बड़े बदलाव की तैयारी... EPFO खत्म कर देगा ये लिमिट! मिलेगा ज्यादा फायदा
Intraday में बनेगा तगड़ा पैसा! पोर्टफोलियो में रख लें ये 5 शेयर, एक्सपर्ट ने बताया टारगेट और स्टॉप लॉस
उसके बाद वे पीड़ितों से इसे ठीक करने के बहाने 100 डॉलर से लेकर 500 डॉलर तक की ठगी करते थे. दिल्ली पुलिस के मुताबिक, माइक्रोसॉफ्ट टेक सपोर्ट के नाम पर ग्राहकों के लिए गए चेक, कॉल रिकॉर्डिंग, वर्चुअल डायलर, माइक्रोसॉफ्ट टेक सपोर्ट ट्रेनिंग सामग्री, कॉल लाग्स को सबूत के रूप में जब्त किया गया. साथ ही पीड़ितों से वसूली गई रकम का पेमेंट रिकार्ड्स और सर्वर को जब्त किया गया."
माइक्रोसॉफ्ट द्वारा इसी महीने जारी एक सर्वेक्षण के मुताबिक, भारत में 68 फीसदी यूजर्स का सामना पिछले साल ऐसे घोटालेबाजों से हुआ और उनमें से कुछ (14 फीसदी) यूजर्स ठगे गए और अपने पैसे गंवाए. डीसीयू द्वारा जारी 'टेक सपोर्ट स्कैन सर्वे 2018' में बताया गया कि यह समस्या भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि ऐसी ठगी दुनिया भर में की जा रही है और माइक्रोसॉफ्ट के 5 में से 3 यूजर्स ने इसका अनुभव किया है और हर 5 में से एक यूजर्स से घोटालेबाजों ने पैसा ठग लिया है.
(इनपुट एजेंसी से)
10:46 AM IST