बच्चों को ऑनलाइन गेम्स से छुटकारा दिलाएगा केरल सरकार का ' डिजिटल डी-एडिक्शन सेंटर'
केरल में ऑनलाइन गेम्स के जाल में फंसते बच्चों के कई मामलों के प्रकाश में आने के बाद सीएम पी विजयन के इस एलान को काफी अहम माना जा रहा है.
डिजिटल होते युग में अभिभावकों के सामने बच्चों की ऑनलाइन गेम्स की लत एक बड़ी समस्या बनकर उभरी है. कई बार ममला गंभीर मानसिक संतुलन के बिगड़ने की कगार तक जा पहुंचता है. ऐसे में पालकों को इस समस्या से छुटकारा दिलाने की दिशा में केरल सरकार ने अहम कदम बढ़ाया है. केरल सरकार ऑनलाइन गम्स से बच्चों को छुटकारा दिलाने के लिए 'डिजिटल डी-एडिक्शन सेंटर' शुरू करने का एलान किया है.
गेम्स के लती बच्चों को मुख्यधारा में लाना मकसद
समाचार एजेंसी PTI के मुताबिक केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की ये पहल ऑनलाइन गेम के आदी बच्चों को मुख्यधारा में लाने में अहम भूमिका निभा सकती है. एलान के दौरान सीएम विजयन ने राज्य में 20 और पुलिस थानों को 'चाइल्ड फ्रेंडली' थानों के तौर पर घोषित किया. अब राज्य में ऐसे चाइल्ड फ्रेंडली थानों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है. विजयन ने ऑनलाइन के माध्यम से पुलिस विभाग के तहत नवनिर्मित इमारत का उद्घाटन करते हुए ये महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं.
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पुलिस को रहना होगा आगे
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि पुलिस बल अपने सराहनीय कामों से जनसेवा के क्षेत्र में एक विशेष छाप छोड़ सकते हैं. वे अनुभव के दम पर साबित कर सकते हैं कि वे लोगों की सेवा करने में दूसरों से आगे हैं. मुख्यमंत्री ने पुलिस विभाग के विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए कहा कि ऑनलाइन गेम के आदी बच्चों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए पुलिस विभाग की मांग पर डिजिटल नशामुक्ति केंद्र स्थापित किए जाएंगे.
सीएम का ये बयान अहम
हाल के दिनों में राज्य में बच्चों के ऑनलाइन गेम के जाल में फंसने की कुछ घटनाओं के बीच केरल के मुख्यमंत्री का ये बयान काफी अहम माना जा रहा है. उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में पुलिस को बुनियादी ढांचागत सुविधाएं उपलब्ध कराने में प्रभावशाली उपलब्धियां हासिल की जा सकती हैं.
09:09 PM IST