पौधों में बीमारी की पहचान करेगा रोबोट, IIT खड़गपुर का अविष्कार
रोबोटिक सिस्टम बैटरी से चलता है. यह एक बार पूरी तरह से चार्ज हो जाने पर लगभग दो घंटे तक खेत में काम कर सकता है.
फसलों और पेड़-पौधों पर लगने वाली बीमारियों के चलते हर साल बड़ी मात्रा में नुकसान होता है. (File Image)
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फसलों और पेड़-पौधों पर लगने वाली बीमारियों के चलते हर साल बड़ी मात्रा में नुकसान होता है. (File Image)
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT Kharagpur) खड़गपुर ने एक ऐसा रोबोट (Robot) तैयार किया है जो पौधों में होने वाली बीमारियों की पहचान करने में सक्षम है. इस रोबोटिक सिस्टम में एक वाहन लगा है जो खेतों में घूम सकता है. इसके अलावा रोबोट में एक ऐसा यंत्र है जो कैमरे को पकड़ सकता है और इसमें कीटनाशक का छिड़काव करने लिए एक नलिका भी है.
इस तंत्र को विकसित करने वाले दल के मुखिया प्रोफेसर डीके प्रतिहार ने कहा कि उनका यंत्र कैमरा और तस्वीरों के जरिए पौधों में होने वाली बीमारियों का पता लगा सकता है और उसे दूर कर सकता है.
उन्होंने कहा कि इसकी सहायता से किसान पौधों में ठीक तरह से रोगों का पता लगा सकेंगे.
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इस यंत्र के जरिए कीटनाशक का छिड़काव करने से किसानों को छिड़काव के दौरान स्वास्थ्य पर पड़ने वाले नुकसान से भी बचाया जा सकता है. इस यंत्र का डिजाइन मुंबई की एक कंपनी ने तैयार किया है.
कैसे काम करता है ये रोबोट
यह रोबोटिक सिस्टम एक वाहन पर लगा होता है. इसमें कैमरा, कीटनाशक स्प्रे करने का पाइप और अन्य सामान लगे होते हैं.
रोबोटिक सिस्टम बैटरी से चलता है. यह एक बार पूरी तरह से चार्ज हो जाने पर लगभग दो घंटे तक खेत में काम कर सकता है. कंट्रोल पैनल के बटनों का इस्तेमाल कर रोबोट को रिमोट से कंट्रोल किया जा सकता है.
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बता दें कि फसलों और पेड़-पौधों पर लगने वाली बीमारियों के चलते हर साल बड़ी मात्रा में नुकसान होता है. फसलों पर आवृत्त कंड (कवर्ड स्मट), अनावृत कंड (लूज स्मट), हेल्मिंथोस्पोरियम ब्लाइट और झुलसा जैसी कई बीमारियों से फसलें चौपट हो जाती हैं. किसानों को इन बीमारियों को कंट्रोल करने के लिए पेस्टीसाइड (Pesticide) पर काफी पैसा खर्च करना पड़ता है.
05:16 PM IST