नियमित इनकम का मजबूत जरिया है सिस्टमैटिक विद्ड्रॉल प्लान
SWP के जरीए एक तय समय पर ऑटोमैटिक पैसे अकाउंट में आ जाते हैं और नियमित अंतराल पर पैसे निकाल सकते हैं.
SWP के जरिये आप हर महीने नियमति आय (regular income) कमा सकते हैं.
SWP के जरिये आप हर महीने नियमति आय (regular income) कमा सकते हैं.
म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) में निवेश की जब भी बात होती है तो अक्सर SIP यानी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान के बारे में बताया जाता है. लेकिन SIP की तरह ही एक SWP यानी सिस्टमैटिक विद्ड्रॉल प्लान (Systematic Withdrawal Plan) भी होता है. जिस तरह SIP के जरिये आप हर महीने म्यूचुअल फंड में नियमित निवेश करते हैं, उसी तरह SWP के जरिये आप हर महीने नियमति आय (regular income) कमा सकते हैं.
क्वॉन्ट कैपिटल के वाइस प्रेसिडेंट विकास पुरी के मुताबिक, आप म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) से नियमित इनकम हासिल कर सकते हैं और SWP इसमें आपकी मदद कर सकता है. SWP यानी सिस्टमैटिक विद्ड्रॉल प्लान बिल्कुल SIP की तरह ही होता है. इसमें आप अपना पैसा सिस्टमैटिक तरीके से निकाल सकते हैं. कैश फ्लो बनाए रखना है तो SWP एक बेहतर विकल्प है. SWP से हर महीने तय रकम निकाल सकते हैं.
ऐसे काम करता है SWP
SWP से मासिक, तिमाही, छमाही, सालाना स्तर पर पैसे मिलेंगे. मौजूदा निवेश से आप रेगुलर इनकम (regular income) ले सकते हैं. इसके लिए अवधि और रकम, आप पहले ही तय कर लेते हैं. SWP के जरीए एक तय समय पर ऑटोमैटिक पैसे अकाउंट में आ जाते हैं और नियमित अंतराल पर पैसे निकाल सकते हैं. NAV के आधार पर हर महीने पैसे निकालने का विकल्प होता है. इस पैसे को म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं या ख़र्च कर सकते हैं.
पैसे आपके फंड से यूनिट्स बिकने से मिलते हैं. फंड में पैसा खत्म होने पर SWP बंद हो जाएगा.
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SWP के फायदे
जरूरत में मुताबिक निवेशक राशि चुन सकता है.
बाजार में निवेश रहने से अच्छे रिटर्न की उम्मीद.
महंगाई को मात देने के लिए अच्छा विकल्प.
बाजार में उतार-चढ़ाव को झेल सकता है.
सैलरी लिक्विड फंड में रख सकते हैं.
SWP से EMI के लिए पैसे निकाल सकते हैं.
बोनस, इंसेंटिव मिले तो निवेश कर सकते हैं.
EMI की जरूरत के लिए SWP कर सकते हैं
SWP के लिए जरूरी जानकारी
आप किस फंड से SWP चलाना चाहते हैं?
कितनी राशि की SWP चाहते हैं?
कितने समय तक SWP चलाना चहते हैं?
SWP के लिए निर्धारित तारीख बताना जरूरी?
SIP और SWP में फर्क
SIP और SWP, दोनों एक दूसरे के विपरीत हैं.
SIP में हर महीने निर्धारित राशि आपके खाते से कट जाती है.
SIP के तौर पर कटी राशि म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए.
SWP में निर्धारित राशि आपके बैंक खाते में आ जाती है.
म्यूचुअल फंड से यूनिट्स बिकने के रूप में कट जाती है.
SWP में निवेश पर टैक्स
इक्विटी में 1 साल से कम पर STCG लगता है.
15% STCG लगेगा.
एक साल बाद 10% टैक्स लगता है.
डेट में 3 साल से कम पर STCG.
ऐसे में 30 फीसदी STCG लगेगा.
3 साल बाद विद्ड्रॉअल पर 20 फीसदी+इंडेक्सेशन बेनेफिट मिलेगा.
नए टैक्स प्रस्ताव से LTCG पर भी लगता है टैक्स.
निकाले गए निवेश के मुनाफे पर.
SWP vs डिविडेंड
SWP निवेशक की मर्जी से तय होता है.
डिविडेंड फंड मैनेजर तय कर सकता है.
डिविडेंड जरूरी नहीं कि तय अवधि पर मिले ही मिले.
कुछ फंड्स में रेगुलर डिविडेंड की सुविधा होती है.
कुछ फंड्स चढ़ते बाजार में डिविडेंड देते हैं.
रिटायरमेंट के बाद क्या बेहतर
रिटायरमेंट के बाद डेट फंड्स का पोर्टफोलियो बेहतर.
मासिक खर्चों के लिए अल्ट्रा शॉर्ट टर्म फंड में निवेश करें.
SWP सुविधा के जरिये मासिक रकम ले सकते हैं.
SWP खास तौर से सीनियर सिटीजन के लिए ही है.
सीनियर सिटीजन को SWP से खास फायदा होता है.
इस बात का रखें ध्यान
रकम और तारीख चुनने में सतर्कता बरतें.
तय रकम और तारीख बदलने की प्रक्रिया अलग है.
फोन और ईमेल के जरिये नहीं बदल सकते हैं.
निर्देश बदलने के लिए ट्रांजेक्शन स्लिप जरूरी होगी.
कैश की जरूरत के मुताबिक ही SWP का समय तय करें.
SWP में ये सावधानियां जरूरी
SWP कभी भी इक्विटी म्यूचुअल फंड से ना चलाएं.
बाजार गिरने पर आपके फंड पर असर पड़ता है.
निर्धारित राशि के लिए ज्यादा यूनिट्स बेचने पडेंगे.
ऐसा करने से आपकी यूनिट्स जल्दी खत्म हो सकती हैं.
SWP के लिए डेट/लिक्विड फंड्स हैं बेहतर विकल्प.
07:26 PM IST