Mutual Funds: इन तीन लोगों को भूलकर भी नहीं करना चाहिए म्यूचुअल फंड में निवेश, वरना बाद में पछताना पड़ेगा
म्यूचुअल फंड में एफडी या अन्य फंड की तरह रिटर्न की गारंटी नहीं होती है, ऐसे में तीन तरह के लागों को म्यूचुअल फंड्स में इस्वेस्ट करने से बचना चाहिए.
इन तीन लोगों को भूलकर भी नहीं करना चाहिए म्यूचुअल फंड में निवेश, वरना बाद में पछताना पड़ेगा (Zee Biz)
इन तीन लोगों को भूलकर भी नहीं करना चाहिए म्यूचुअल फंड में निवेश, वरना बाद में पछताना पड़ेगा (Zee Biz)
म्यूचुअल फंड का नाम हम सभी ने सुना है, लेकिन इसको ठीक से समझ नहीं पाते. दरअसल Mutual Fund एक ऐसा फंड है, जिसे AMC यानी एसेट मैनेजमेंट कंपनीज ऑपरेट करती है. ये फंड बहुत सारे लोगों के पैसों से बना होता है. AMC इन पैसों को मैनेज करने का काम करती हैं और पैसों को सुरक्षित तरीके से थोड़ा-थोड़ा करके निवेश करती हैं. ये पैसा शेयर बाजार के अलावा गोल्ड में भी लगाया जा सकता है. इस निवेश से जो रिटर्न प्राप्त होता है वो फंड यूनिट्स के हिसाब से निवेशकों के बीच बांट देती हैं.
म्यूचुअल फंड में अच्छी बात ये है कि आप इसकी शुरुआत 500 से 1000 रुपए से भी कर सकते हैं. लेकिन निवेश करने से पहले आपको खुद को जोखिम लेने के लिए तैयार करना होगा क्योंकि इसमें एफडी या अन्य फंड की तरह रिटर्न की गारंटी नहीं होती है, ऐसे में तीन तरह के लागों को म्यूचुअल फंड्स में इस्वेस्ट करने से बचना चाहिए.
जो एक्स्ट्रा चार्ज देने के लिए राजी नहीं
म्यूचुअल फंड को संभालने के लिए आपके निवेश से expenses ratios के रूप में चार्ज लगता है. दरअसल AMC यानि कि एसेट मैनेजमेंट कंपनी फंड डिस्ट्रीब्यूशन और मार्केटिंग का खर्चा उठाती हैं, साथ ही AMC, म्यूचुअल फंड के ट्रांसफर कस्टोडियन, लीगल और ऑडिटिंग जैसे खर्च भी उठाती है. ऐसे सभी एक्सपेंस म्यूच्युअल फंड की यूनिट खरीदने वाले इन्वेस्टर्स से वसूले जाते हैं.
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ये एक्सपेंस रेश्यो एक बार में नहीं वसूले जाते हैं. फंड हाउस अपने हर दिन के खर्चे को कैलकुलेट करते हैं, जिसके बाद इसे डेली बेसिस पर निकाला जाता है. एनुअल एक्सपेंस रेश्यो, साल के ट्रेडिंग डेज में डिवाइड होते हैं. जिन्हें टोटल एनवी पर लगाया जाता है. एक्सपेंस रेश्यो से यह पता चलता है कि आपके इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो से आपका म्यूच्युअल फंड मैनेजमेंट आपसे कितनी फीस ले रहा है. कई बार शुरू में ये चार्ज कम होता है, लेकिन बाद में यह ज्यादा हो जाता है. अगर आप निवेश में कोई चार्ज नहीं देना चाहते तो आपको म्यूचुअल फंड में निवेश नहीं करना चाहिए.
लंबे टाइम तक निवेश ना करना हो
ज्यादातर आर्थिक मामलों के विशेषज्ञों का मानना है कि म्यूचुअल फंड में तभी ज्यादा फायदा है, जब आप इसमें लंबे समय के लिए निवेश करें. वहीं इसमें लॉक इन पीरियड भी होता है. ऐसे में अगर आप लंबे समय तक के लिए निवेश नहीं कर सकते हैं, तो म्यूचुअल फंड का ऑप्शन न चुनें.
टैक्स नहीं देना चाहते
जब आप किसी अन्य फंड में निवेश करते हैं तो आपको इनकम टैक्स में छूट मिलती है. लेकिन म्यूचुअल फंड्स के साथ ऐसा नहीं है. म्यूचुअल फंड के रिटर्न पर भी टैक्स लगता है, जिससे आपका मुनाफा कुछ प्रतिशत से घट जाता है. अगर आप इसके लिए तैयार नहीं हैं, तो म्यूचुअल फंड में निवेश न करें.
05:18 PM IST