म्यूचुअल फंड निवेशक रहें सतर्क, मार्केट गुरु अनिल सिंघवी ने फ्रेंकलिन टेम्पलटन मामले में कही ये जरूरी बात
Franklin Templeton Mutual fund: म्युचुअल फंड्स की संस्था AMFI ने निवेशकों को भरोसा दिलाया कि ज्यादातर निश्चित इनकम वाली म्यूचुअल फंड एसेट्स को बेहतर डेट क्वालिटी सिक्योरिटीज में निवेश किया गया है और इन स्कीम्स के पास बेहतर ऑपरेशन सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त कैश है.
फ्रेंकलिन टेम्पलटन म्यूचुअल फंड ने अपनी छह लोन स्कीम्स को बंद करने का फैसला किया है. (ज़ी बिज़नेस)
फ्रेंकलिन टेम्पलटन म्यूचुअल फंड ने अपनी छह लोन स्कीम्स को बंद करने का फैसला किया है. (ज़ी बिज़नेस)
Franklin Templeton Mutual fund: म्यूचुअल फंड (Mutual fund) इंडस्ट्री की संस्था ‘एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया’ (AMFI) ने निवेशकों को भरोसा दिलाया कि ज्यादातर निश्चित इनकम वाली म्यूचुअल फंड एसेट्स को बेहतर डेट क्वालिटी सिक्योरिटीज में निवेश किया गया है और इन स्कीम्स के पास बेहतर ऑपरेशन सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त कैश है. लेकिन इस खबर पर जी बिजनेस (Zee Business) के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी (Anil Singhvi) ने कहा है कि आने वाले दिनों में लिक्विडिटी की दिक्कतें बढ़ेंगी. सिंघवी ने सरकार और रिजर्व बैंक को इस मामले में सतर्क रहने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि फ्रेंकलिन टेम्पलटन की जो छह स्कीम बंद हुई हैं उसका असर देखने को मिलेगा.
उनका कहना है कि इसमें कोई संदेह नहीं कि अभी डेट मार्केट कमजोर हैं और लिक्विडिटी की भी समस्या है. अभी निवेशक अगर कोई बॉन्ड या सिक्योरिटीज बेचना भी चाहें तो या तो वह बिकेगी नहीं, या बिकेगी भी तो सही भाव पर नहीं बिकेंगी. यह समस्या सिर्फ फ्रेंकलिन टेम्पलटन की ही नहीं, बल्कि सभी की है. सिंघवी कहते हैं कि जब आरबीआई ने यह अनाउंस कर दिया है कि वह डेट फंड को अलग से लिक्विडिटी उपलब्ध कराएगी. इसके लिए अलग से विंडो है. उसमें म्यूचुअल फंड्स और एनबीएफसी भी हैं. ऐसे समय में अगर यह फंड्स अपनी स्कीम बंद करते हैं तो इसका क्या मतलब है? इससे यही समझा जा सकता है कि या तो इनके पास जो पेपर्स हैं, उन्हें आरबीआई खरीदने को तैयार नहीं हैं. दूसरा, जितन फंड्स जितनी साइज की बिकवाली करना चाहते हैं, वह उतना आरबीआई लेने को तैयार नहीं है.
फ्रेंकलिन टेम्पलटन म्यूचुअल फंड (Franklin Templeton Mutual fund) ने एक विशेष फैसले के तहत स्वेच्छा से अपनी छह लोन स्कीम्स को बंद करने का फैसला किया था. ऐसा कोरोना वायरस महामारी के चलते यूनिट वापस लेने के दबाव और बॉन्ड बाजार में कैश की कमी का हवाला देकर किया गया. इसके चलते ही एम्फी ने यह बयान दिया.
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फ्रैंकलिन टेम्पलटन ने इन स्कीम्स को किया है बंद
फ्रैंकलिन इंडिया लो ड्यूरेशन फंड, फ्रैंकलिन इंडिया डायनेमिक एक्यूरल फंड, फ्रैंकलिन इंडिया क्रेडिट रिस्क फंड, फ्रैंकलिन इंडिया शॉर्ट टर्म इनकम प्लान, फ्रैंकलिन इंडिया अल्ट्रा शॉर्ट बॉन्ड फंड और फ्रैंकलिन इंडिया इनकम अपॉर्चुनिटीज फंड.
फ्रैंकलिन टेम्पलेटन MF में निवेशकों के फंसे 25 हजार करोड़…अनिल सिंघवी ने कहा- डेट मार्केट में बढ़ेगी लिक्विडिटी की दिक्कतें...बोले- सरकार और RBI को सतर्क रहना जरूरी...@AnilSinghvi_ @FinMinIndia @nsitharaman @ianuragthakur @RBI @DasShaktikanta @Anurag_Office @nsitharamanoffc pic.twitter.com/PdjRqSmc0e
— Zee Business (@ZeeBusiness) April 24, 2020
फ्रैंकलिन टेम्पलटन एमएफ ने बीते गुरुवार को एक बयान में कहा था कि कोविड-19 (Covid-19) संकट और भारतीय अर्थव्यवस्था के लॉकडाउन के चलते कॉरपोरेट बॉन्ड मार्केट के कुछ सेक्शन में नाटकीय रूप से और लगातार कैश में गिरावट आई है, जिससे निपटना बेहद जरूरी है. ऐसे में म्यूचुअल फंड, खासतौर से तय इनकम सेक्शन में, लगातार यूनिट वापस लेने के दबाव का सामना कर रहे हैं.
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एम्फी ने कहा कि इन छह स्कीम्स के प्रबंधन (AUM) के तहत कुल एसेट्स 31 मार्च, 2020 तक भारतीय म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के कुल एयूएम के 1.4 प्रतिशत से कम थी. बयान में कहा गया कि ज्यादातर म्यूचुअल फंडों की फिक्स्ड इनकम स्कीम्स में बेहतर लोन क्वालिटी होती है, जिसकी पुष्टि स्वतंत्र क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों द्वारा की जाती है और इनमें चुनौतीपूर्ण समय में भी काफी कैश की उपलब्धता बनी रहती है.
05:40 PM IST