Year Ender 2023: 108 Startups ने निकाले 15 हजार कर्मचारी, Funding Winter है सबसे बड़ी वजह
साल 2023 में करीब 108 स्टार्टअप्स ने छंटनी की हैं. इन छंटनी के जरिए करीब 15,098 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जा चुका है. अगर बात करें साल 2022 की तो पिछले साल 59 कंपनियों में छंटनी हुई थी, जिसमें करीब 14,224 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया था.
हाल ही में बी2बी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म Udaan ने 100 से भी ज्यादा कर्मचारियों की छंटनी (Layoff) की थी. साल 2023 में बहुत सारे स्टार्टअप्स (Startups) ने हजारों कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है. छंटनी का डाटा इकट्ठा करने वाले स्टार्टअप layoffs. fyi के अनुसार साल 2023 में करीब 108 स्टार्टअप्स ने छंटनी की हैं. इन छंटनी के जरिए करीब 15,098 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जा चुका है.
अगर बात करें साल 2022 की तो पिछले साल 59 कंपनियों में छंटनी हुई थी, जिसमें करीब 14,224 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया था. पिछले साल आंकड़ा बड़ा होने की सबसे बड़ी वजह थे Byju’s, Ola और Unacademy, जिन्होंने बड़ी संख्या में छंटनी की थी.
Byju’s ने निकाले थे 2500 कर्मचारी
पिछले साल अक्टूबर के महीने में संकट में फंसी एडटेक कंपनी Byju’s ने करीब 2500 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था. यह आंकड़ा कंपनी के करीब 5 फीसदी वर्कफोर्स के बराबर था. कंपनी ने यह छंटनी कॉस्ट कटिंग के लिए की थी, ताकि कंपनी की लागत को घटाया जा सके. पिछले ही साल नवंबर के महीने में Udaan ने भी करीब 350 कर्मचारियों को नौकरी से निकला था और इससे पहले जून में लगभग 180 लोगों को नौकरी से निकाला था.
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Startup Funding में 73% की गिरावट
फंडिंग विंटर के चलते तमाम स्टार्टअप छंटनी के लिए मजबूर हुए हैं. भारत के स्टार्टअप (Startup) ईकोसिस्टम में चल रहा फंडिंग विंटर (Funding Winter) खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है, उल्टा यह और ज्यादा गहराता जा रहा है. साल 2023 में भारत के स्टार्टअप्स ने कुल मिलाकर 7 अरब डॉलर की फंडिंग उठाई है. अगर पिछले 5 सालों की बात करें तो इस साल की फंडिंग सबसे कम रही है. पिछले साल स्टार्टअप्स ने करीब 25 अरब डॉलर की फंडिंग उठाई थी. इस तरह पिछले साल की तुलना में स्टार्टअप फंडिंग में करीब 72 फीसदी की भारी गिरावट देखने को मिली है. यह आंकड़े स्टार्टअप्स के डेटा दिखाने वाले प्लेटफॉर्म Tracxn की Geo Annual Report: India Tech 2023 रिपोर्ट से सामने आए हैं.
दिसंबर तिमाही में सबसे कम फंडिंग
दिसंबर तिमाही में सबसे कम फंडिंग हुई, जो करीब 957 मिलियन डॉलर रही. सितंबर 2016 की तिमाही के बात यह सबसे कम फंडिंग वाली तिमाही रही. फंडिंग में इस गिरावट की सबसे बड़ी वजह रही लास्ट-स्टेज फंडिंग में आई तगड़ी गिरावट. 2022 में यह 15.6 अरब डॉलर थी, जो 2023 में करीब 73 फीसदी गिरकर 4.2 अरब डॉलर पर आ गई है.
इन शहरों के स्टार्टअप्स को मिली सबसे ज्यादा फंडिंग
अगर भारत के टॉप फंडिंग शहरों की बात करें तो इसमें बेंगलुरु, मुंबई और दिल्ली-एनसीआर टॉप पर हैं. फंडिंग के मामले में अब भारत दुनिया में चौथे नंबर से गिरकर पांचवें नंबर पर पहुंच चुका है. अगर 100 मिलियन डॉलर के फंडिंग राउंड्स की बात करें इस साल ऐसी सिर्फ 17 ट्रांजेक्शन हुईं. पिछले साल 100 अरब डॉलर की ट्रांजेक्शन की तुलना में यह आंकड़ा करीब 69 फीसदी कम है.
फिनटेक सेक्टर की भी हुई बहुत कम फंडिंग
इस साल फिनटेक स्टार्टअप्स को करीब 2.1 अरब डॉलर की फंडिंग हासिल हुई है. पिछले साल यह आंकड़ा 5.8 अरब डॉलर था. पूरे फिनटेक सेक्टर की बात करें तो 38 फीसदी फंडिंग तो सिर्फ फोनपे को मिली है, जो करीब 750 मिलियन डॉलर रही. Perfios, Insurancedekho और Kreditbee जैसी कंपनियां इस साल सबसे अधिक फंडिंग पाने वाले स्टार्टअप्स में शामिल हैं.
कौन रहे टॉप इन्वेस्टर?
अगर बात निवेशकों की करें तो साल 2023 में अब तक LetsVenture, Accel और Blume Ventures टॉप इन्वेस्टर्स रहे हैं. इस साल भारत में 2 नए यूनिकॉर्न बने हैं, जिनके नाम Incred और Zepto हैं. अगर पिछले साल की बात करें तो 2022 में कुल 23 यूनिकॉर्न बने थे. वहीं अगर आईपीओ की बात करें तो 2022 में 19 स्टार्टअप के आईपीओ आई थी, जबकि इस साल 18 स्टार्टअप्स के आईपीओ आए हैं.
10:49 PM IST