इन रेलगाड़ियों में किया जा रहा है बड़ा बदलाव, यात्रा और आरामदायक व सुरक्षित होगी
रेल यात्रियों को यात्रा का बेहतर अनुभव देने और यात्रा को और सुरक्षित बनाने के लिए रेलवे कई तरह के प्रयास कर रहा है. इस दिशा में पश्चिम रेलवे ने अहमदाबाद-कोलकाता एक्सप्रेस में 17 जुलाई से तथा अहमदाबाद-अजमेर इंटरसिटी में 15 जुलाई, 2019 से परम्परागत रेक के स्थान पर एलएचबी रेक लगाने का निर्णय लिया है.
रेलवे ने इस ट्रेनों को और सुरक्षित व अरामदायक बनाया (फाइल फोटो)
रेलवे ने इस ट्रेनों को और सुरक्षित व अरामदायक बनाया (फाइल फोटो)
रेल यात्रियों को यात्रा का बेहतर अनुभव देने और यात्रा को और सुरक्षित बनाने के लिए रेलवे कई तरह के प्रयास कर रहा है. इस दिशा में पश्चिम रेलवे ने अहमदाबाद-कोलकाता एक्सप्रेस में 17 जुलाई से तथा अहमदाबाद-अजमेर इंटरसिटी में 15 जुलाई, 2019 से परम्परागत रेक के स्थान पर एलएचबी रेक लगाने का निर्णय लिया है.
पहले से मिलेगी अधिक जगह
LHB रेक जर्मन तकनीके के आधार पर बने हुए हैं. इन डिब्बों में पारंपरिक डिब्बों की तुलना में अधिक जगह होती है. इससे सीटें अधिक चौड़ी और दो सीटों के बीच दूरी अधिक होती है. इससे यात्रियों को सुविधा होती है. पटरियों पर दौड़ते वक्त अंदर बैठे यात्रियों को ट्रेन चलने की आवाज बहुत धीमी सुनाई देती है.
सुरक्षित होते हैं ये डिब्बे
सामान्य तौर पर देखा जाता है कि पारंपरिक डिब्बे रेल हादसे के दौरान एक दूसरे पर चढ़ जात हैं. जिससे जान व माल का नुकसान अधिक होता है. लेकिन LHB तकनीक से बने डिब्बे एचएचबी कोच स्टेनलेस स्टील और एल्यूमीनियम से बने होते हैं. जिससे कि यह कोच पहले की तुलना में हल्का होता हैं. सीबीसी कपलिंग तकनीक के कारण हादसे में दुर्घटना की संभावना कम होती है. दुर्घटना होने के पर भी बोगियां एक-दूसरे पर नहीं चढ़ती है.
अब रेलवे बनाएगा सिर्फ एलएचबी डिब्बे
रेलवे ने यात्रियों को सुरक्षित एवं आरामदेह सफर उपलब्ध कराने के लिए पारंपरिक आईसीएफ डिब्बों का निर्माण 2018-19 से पूरी तरह बंद करने का निर्णय लिया है. वर्ष 2017-18 से एलएचबी डिब्बों का निर्माण तेजी से किया जाएगा. रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार एलएचबी डिब्बों का निर्माण लक्ष्य वर्ष 2016-17 के 1697 से बढ़ाकर 2017-18 में 2384 कर दिया गया है और वर्ष 2018-19 में 3025 एलएचबी डिब्बे बनाये जाएंगे.
01:47 PM IST