15 फरवरी से दिल्ली-वाराणसी रूट पर दौड़ेगी 'वंदे भारत एक्सप्रेस', PM Modi दिखाएंगे हरी झंडी
देश की सबसे आधुनिक और स्वेदशी ट्रेन वंदे भारत (ट्रेन 18) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हरी झंडी दिखाकर नई दिल्ली स्टेशन से वाराणसी के लिए रवाना करेंगे.
15 फरवरी, शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर नई दिल्ली स्टेशन से वाराणसी के लिए रवाना करेंगे. (फाइल फोटो)
15 फरवरी, शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर नई दिल्ली स्टेशन से वाराणसी के लिए रवाना करेंगे. (फाइल फोटो)
देश की सबसे आधुनिक और स्वेदशी ट्रेन वंदे भारत (ट्रेन 18) का रूट और उसके नियमित चलने का दिन तय हो गया है. टी-18, जिसे अब वंदे भारत ट्रेन के नाम से जाना जाता है, को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 फरवरी, शुक्रवार के दिन हरी झंडी दिखाकर नई दिल्ली स्टेशन से वाराणसी के लिए रवाना करेंगे. जानकारी मिली है कि प्रधानमंत्री सुबह 10 बजे इस ट्रेन को झंडी दिखाएंगे.
पहले ट्रेन-18 को 10 फरवरी को चलाने की योजना थी, लेकिन वाराणसी से दिल्ली के ट्रायल के दौरान बीती 2 फरवरी को कुछ लोगों ने पत्थर मारकर इस ट्रेन के शीशे तोड़ दिए थे. ट्रेन की सुरक्षा को लेकर फिर से समीक्षा की गई, जिसके चलते इसके नियमित संचालन में यह देरी हुई है. ट्रेन-18 के सभी ट्रायल सफलतापूर्वक संपन्न हो चुके हैं. सुरक्षा से लेकर स्पीड तक, सभी ट्रायल में यह ट्रेन खरी उतरी है.
सभी पैमानों पर खरी उतरी T-18
कमिश्नर रेलवे सेफ्टी की ओर से नई दिल्ली से आगरा के बीच चलाई गई वंदे भारत एक्सप्रेस सभी पैमानों पर पास हो गई है. यह गाड़ी यात्रा के लिए काफी आरामदायक है. इस जांच के दौरान गाड़ी को 181 किलोमीटर प्रति घंटा की गति पर चलाया गया.
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देश की सबसे आधुनिक ट्रेन
वंदे भारत ट्रेन में यूरोप में चलने वाली आधुनिक गाड़ियों की तरह तमाम खूबियां हैं. यह रेलगाड़ी देश की पहली ट्रेन सेट है. इसमें इंजन लगाने की जरूरत नहीं है. पहले कोच में ड्राइवर के लिए अलग केबिन है. प्लेटफॉर्म से गाड़ी में चढ़ने के लिए ट्रेन में एक ऐसा प्लेटफॉर्म दिया गया है जो अपने-आप एडजस्ट हो जाता है. इस रेलगाड़ी का ऐरोडियानिमिक डिजाइन इसकी स्पीड बढ़ाने की मदद करता है. गाड़ी में कुल 16 कोच हैं, जिनमें 2 एक्जीक्यूटिव क्लास के कोच हैं.
एक्जीक्यूटिव क्लास के डिब्बों में 52 सीटें और अन्य कोचों में 78 सीटें हैं. इस रेलगाड़ी को शताब्दी रेलगाड़ियों की जगह पर चलाया जाएगा. इस ट्रेन में सभी डिब्बों में आपातकालीन टॉक-बैक यूनिट्स (जिससे यात्री आपातकाल में ट्रेन के क्रू से बात कर सकें) दिया गया है, साथ ही सीसीटीवी लगाए गए हैं, ताकि सुरक्षित सफर हो.
शताब्दी से 50 फीसदी किराया ज्यादा
एग्जीक्यूटिव क्लास में नई दिल्ली से वाराणसी जाने वाले यात्रियों से सुबह की चाय, नाश्ते और दोपहर के भोजन के लिए 399 रुपये लिए जाएंगे जबकि चेयर कार के यात्रियों को 344 रुपये देने होंगे. वहीं, नई दिल्ली से कानपुर और प्रयागराज जाने वाले यात्रियों को एक्जीक्यूटिव क्लास और चेयर सीट के लिए क्रमश: 155 रुपये और 122 रुपये देने होंगे.
वाराणसी से नई दिल्ली जाने के लिए यात्रियों को एक्जीक्यूटिव क्लास और चेयर सीट के लिए क्रमश: 349 रुपये और 288 रुपये का शुल्क देना होगा. उन्हें नाश्ता, शाम की चाय और रात का खाना परोसा जाएगा. रेल मंत्रालय ने पहले ही संकेत दे दिया था कि ट्रेन 18 का किराया शताब्दी एक्सप्रेस की तुलना में 40-50 प्रतिशत अधिक होगा.
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने पहले कहा था कि स्वदेश निर्मित ट्रेन आठ घंटे में 795 किलोमीटर की दूरी पूरी कर लेगी जो रूट की अन्य सबसे तेज ट्रेनों की तुलना में 35 फीसदी तेज है. ट्रायल रन के दौरान 180 किमी प्रति घंटे से अधिक की गति से चली ट्रेन 18 भारत की सबसे तेज गति से चलने वाली ट्रेन है.
02:44 PM IST