वंदे भारत एक्सप्रेस के लिए 44 जोड़े रैक खरीदेगी रेलवे, नए रूट में चलेगी ये लग्जरी ट्रेन
Indian Railways: ये ट्रेनें 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती हैं. इन ट्रेनों के परिचालन से पैसेंजर्स को कम से कम चार घंटे की बचत हो रही है.
ट्रेन में सभी अत्याधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं. कोच में कुर्सियां 180 डिग्री घुमाई जा सकती हैं. (पीटीआई)
ट्रेन में सभी अत्याधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं. कोच में कुर्सियां 180 डिग्री घुमाई जा सकती हैं. (पीटीआई)
Vande Bharat Express: भारतीय रेल (Indian Railways) देश की लग्जरी ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) के लिए चेन्नई स्थित इंटीग्रेटेड रेल कोच फैक्ट्री (Integrated Rail Coach Factory) से 44 और रैक खरीदेगी. इसके लिए चेन्नई की रेल कोच फैक्ट्री ने टेंडर भी जारी किया है जो 44 जोड़े ट्रेनों के लिए इलेक्ट्रिक साजो-सामान और दूसरे पार्ट्स के लिए होगा. हर ट्रेन में 16 कोच होंगे. इन सभी ट्रेनों के परिचालन के बाद लगभग 20 फीसदी समय की बचत होगी. आईएएनएस की खबर के मुताबिक, रेलवे के अनुसार, यह प्रकिया बहुत पारदर्शी होगी. प्रधानमंत्री मोदी ने पहली वंदे भारत एक्सप्रेस को 15 फरवरी को हरी झंडी दिखाई थी. यह ट्रेन दिल्ली और वाराणसी के बीच चलाई गई थी. दूसरी ट्रेन को गृह मंत्री अमित शाह ने 3 अक्टूबर को हरी झंडी दिखाई. यह ट्रेन नई दिल्ली और माता वैष्णो देवी कटरा के बीच चलाई जा रही है. दोनों ही ट्रेन की गति ज्यादा है.
130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार
ये ट्रेनें 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती हैं. इन ट्रेनों के परिचालन से पैसेंजर्स को कम से कम चार घंटे की बचत हो रही है. गौरतलब है कि वंदे भारत ट्रेन प्रधानमंत्री मोदी की 'मेक इन इंडिया' के परिकल्पना के तहत चलाई जा रही है. वंदे भारत एक्सप्रेस में नई दिल्ली से कटरा (Delhi-Katra) के बीच चेयर कार (सीसी) का न्यूनतम किराया 1630 रुपया है, जबकि एग्जीक्यूटिव चेयर कार का किराया 3015 रुपये है. इस ट्रेन को ट्रेन-18 (Train-18) के नाम से भी जाना गया.
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ट्रेन में हैं ये सुविधाएं
ट्रेन में सभी अत्याधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं. कोच में कुर्सियां 180 डिग्री घुमाई जा सकती हैं.
खाने-पीने का सामान रखने के लिए डीप फ्रीजर लगाए गए हैं.
ऑनबोर्ड इन्फोटेनमेंट सिस्टम लगाया गया है, यहां आप अपनी पसंद के गाने या मूवी देख सकते हैं.
खिड़कियों पर खास फ़िल्म लगाई गई है. ट्रेन पर पत्थर मारने से नहीं टूटेंगे शीशे.
पायलट को तेज रोशनी से बचाने के लिए कॉकपिट के शीशे पर रोलर ब्लाइंड सन स्क्रीन लगाई गई है.
कॉकपिट में ज्यादा शोर न हो, इसके लिए कई इन्सुलेशन का इस्तेमाल किया गया है.
09:11 PM IST