वाह! FD जैसे निवेश पर हाई रिटर्न की ट्रिक, Systematic Deposit Plan में पैसा डालने से बन जाएगा काम
सिस्टेमैटिक डिपॉजिट प्लान एक तरीके की रिकरिंग डिपॉजिट स्कीम है, जिसमें आप एक रेगुलर पीरियड पर पैसा डालते हैं, लेकिन आप जितने डिपॉजिट करते हैं, उसे फ्रेश एफडी माना जाता है और जिस टाइम पर एफडी शुरू करते हैं, उस वक्त का इंटरेस्ट रेट लागू होता है
बीते कुछ सालों में लोगों का निवेश की ओर तेजी से रुख बढ़ा है. निवेश के अलग-अलग टूल्स एक्स्पलोर किए जा रहे हैं. सुरक्षित निवेश हो या रिस्क पर हाई रिटर्न का वादा, बहुत से इन्वेस्टमेंट टूल्स अवेलेबल भी हैं. ऐसे में आप अपने हिसाब से सही निवेश विकल्प चुन भी सकते हैं. और अगर आपको अपने निवेश पर हाई रिटर्न चाहिए, साथ ही सेफ्टी नेट भी चाहिए तो आप सिस्टेमैटिक डिपॉजिट प्लान (Systematic Deposit Plan) भी चुन सकते हैं. लेकिन क्या है ये प्लान और कैसे सामान्य FD यानी फिक्स्ड डिपॉजिट से अलग है.
क्या होता है Systematic Deposit Plan?
सिस्टेमैटिक डिपॉजिट प्लान एक तरीके की रिकरिंग डिपॉजिट स्कीम है, जिसमें आप एक रेगुलर पीरियड पर पैसा डालते हैं, लेकिन आप जितने डिपॉजिट करते हैं, उसे फ्रेश एफडी माना जाता है और जिस टाइम पर एफडी शुरू करते हैं, उस वक्त का इंटरेस्ट रेट लागू होता है, यानी कि आप हर डिपॉजिट पर अलग-अलग इंटरेस्ट रेट होने से ज्यादा ब्याज कमा लेते हैं, जबकि सामान्य एफडी में होता ये है कि आप एक फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट पर पूरे अमाउंट पर ब्याज मैच्योरिटी के बाद कैलकुलेट किया जाता है.
साथ ही इसकी एक खासियत ये भी है कि आप इसमें थोड़ा-थोड़ा करके कई बार निवेश कर सकते हैं. यानी कि सामान्य एफडी में जहां आपको एक साथ लमसम जमा करने के लिए बड़ा अमाउंट चाहिए होता है, और इसके लिए आप महीनों तक पैसा बचाते हैं. इसके उलट, SDP में आप थोड़ा-थोड़ा करके कई बार पैसा डाल सकते हैं. जैसे कि आप हर महीने 2000-3000 से लेकर अपनी मर्जी तक का निवेश कर सकते हैं.
क्या हैं Systematic Deposit Plan के फायदे?
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आप इसके जरिए कम निवेश के साथ भी SPD से अपने लिए एक अच्छा फंड तैयार कर सकते हैं. इसके कई फायदे हैं.
1. इसका एक फायदा ये है कि आपने कोई डिपॉजिट किया तो इसपर जो इंटरेस्ट रेट लागू हो रहा है, वो इसके टेन्योर तक फिक्स रहेगा. इससे आपको मूलधन और मैच्योरिटी अमाउंट की चिंता नहीं करनी पड़ेगी.
2. आपको SDP पर प्रीमैच्योर विदड्रॉल का फायदा उठा सकते हैं. अगर कोई जरूरत पड़ती है तो आप कोई डिपॉजिट प्रीमैच्योर होने से पहले निकाल सकते हैं.
3. साथ ही आप अपनी सुविधा के हिसाब से फ्लेक्सिबल टेन्योर भी चुन सकते हैं. आपको लॉन्ग टर्म के लिए फंड तैयार करना है तो आप कंपाउंडिंग का लाभ उठा सकते हैं और ज्यादा रिटर्न पा सकते हैं. वहीं, अगर शॉर्ट टर्म के लिए निवेश करना है तो उसके लिए निवेश कर सकते हैं.
क्या हैं Systematic Deposit Plan की कमियां?
1. हर डिपॉजिट के साथ जो मौजूदा ब्याज दर लागू होने का प्रावधान है, वो यहां पर एक खामी लेकर इस तरह आता है कि मान लीजिए कि फिक्स्ड डिपॉजिट पर इंटरेस्ट रेट घटा दी गई है और आप इस दौरान पैसा डाल रहे हैं तो आपको उस डिपॉजिट पर कम ब्याज मिलेगा. रिकरिंग डिपॉजिट में होता ये है कि आपको हर इंस्टॉलमेंट पर उतना ही ब्याज मिलता है, जितना निवेश शुरू करते टाइम था.
2. प्रीमैच्योर विदड्रॉल पर आपको जुर्माना देना होगा, जैसा कि अधिकतर निवेश योजनाओं में होता है.
लेकिन आखिर में ये बात मानने की है कि अगर आप ऐसे निवेशक हैं, जो एक बार में बड़ा अमाउंट निवेश नहीं कर सकते, बल्कि थोड़ा-थोड़ा निवेश ज्यादा आसान है, तो ऐसे में आपके लिए SDP बहुत अच्छा ऑप्शन हो सकता है. इससे आप रेगुलर इन्वेस्टमेंट पर हाई रिटर्न पा सकते हैं.
12:31 PM IST