Rule of 70: महंगाई कितनी तेजी से आधा कर देगी आपके निवेश की वैल्यू, जानने का ये है Formula
एक्सपर्ट यह मानते हैं कि पोर्टफोलियो को समय-सयम पर जरूर देखना चाहिए. इसके अलावा, इनकम बढ़ने के साथ-साथ निवेश भी बढ़ना चाहिए.
(Representational)
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Rule of 70: आमतौर पर निवेश का फैसला हम अपनी जरूरत, जोखिम और बचत को ध्यान में रखकर करते हैं. अक्सर उस समय चल रही महंगाई दर पर किसी का ध्यान नहीं रहता है. जबकि, जब भी हम निवेश का ऑप्शन चुने, महंगाई के आंकड़ों पर भी जरूर नजर डाल लें. ऐसा इसलिए जरूरी है क्योंकि महंगाई दर आने वाले सालों में धीरे-धीरे आपके पैसे की वैल्यू को कम कर देती है. महंगाई दर जितनी ज्यादा रहेगी, आपके निवेश की वैल्यू उतनी जल्दी घटेगी. अपने निवेश की वैल्यू को जांचने के लिए आप रूल ऑफ 70 (Rule of 70) के इस्तेमाल कर सकते हैं. इससे आपको यह मालूम हो जाएगा कि कितने साल में आपके निवेश की वैल्यू घटकर आधी रह जाएगी.
Rule of 70: इस तरह करें कैलकुलेशन
रूल ऑफ 70 के जरिए आप निवेश की वैल्यू मौजूदा स्तर से कितने समय में घटकर आधी रह जाएगी, इसे मालूम कर सकते हैं. इसका सिंपल तरीका यह है कि 70 में मौजूदा महंगाई दर का भाग दीजिए, जो रिजल्ट आता है, वही वह साल होगा जिसमें आपके निवेश की वैल्यू घटकर आधी जाएगी. इसे उदाहरण से समझते हैं- मान लीजिए अभी महंगाई दर 7 फीसदी है. अब रूल ऑफ 70 के मुताबिक हम 70 में 7 का भाग देते हैं. रिजल्ट 10 आता है. यानी, अगर आपने 1 लाख रुपये का निवेश किया है, तो उसकी वैल्यू अगले 10 साल में घटकर आधी रह जाएगी.
निवेश करते समय इन बातों का रखें ध्यान
बीपीएन फिनकैप के डायरेक्टर एके निगम का कहना है कि ' रूल ऑफ 70' के जरिए हम आसानी से समझ सकते हैं कि महंगाई कितनी तेजी से हमारे निवेश की वैल्यू को खा रही है. इसलिए हमें निवेश से पहले हमेशा कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. निवेश के लिए आप जो भी प्रोडक्ट चुन रहे हैं, उसमें मौजूदा रिटर्न और महंगाई दर का आकलन जरूर कर लें. सिर्फ सेफ्टी-सेफ्टी के चक्कर में सिर्फ ऐसी जगह निवेश नहीं करना चाहिए, जहां रिटर्न के मुकाबले महंगाई दर काफी ज्यादा हो. हालांकि, यह बात सही है कि निवेश का फैसला लक्ष्य, जोखिम उठाने की क्षमता, सेविंग्स र उम्र को लेकर किया जाना चाहिए.
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निगम कहते हैं, निवेश के पोर्टफोलियो में समय-समय पर एक 'रिफ्रेश' बटन भी दबाना चाहिए. इसका मतलब कि पोर्टफोलियो को समय-समय पर जरूर देखना चाहिए. इसके अलावा, इनकम बढ़ने के साथ-साथ निवेश भी बढ़ाना चाहिए.
अभी कितनी है महंगाई दर
सरकार की ओर से हाल में जारी आंकड़ों के मुताबिक, जून 2021 में खुदरा महंगाई दर (Retail Inflation rate) 6.26 फीसदी दर्ज की गई. वहीं, थोक महंगाई दर (WPI) 12.07 फीसदी रही. रिजर्व बैंक (RBI) मॉनिटरी पॉलिसी में ब्याज दरों पर फैसला करने से पहले खुदरा महंगाई दर (CPI) के आंकड़ों को ही ध्यान में रखता है. आरबीआई ने खुदरा महंगाई दर को 4 फीसदी (2 फीसदी कम या ज्यादा) के दायरे में रखने का लक्ष्य रखा है. ऐसे में जून में सीपीआई का आंकड़ा आरबीआई के अनुमान से ज्यादा है.
12:23 PM IST