बड़ी खबर- PF के पैसे पर पहले से कम मिलेगा ब्याज, EPFO ने की 0.15% की कटौती
प्रोविडेंट फंड पर अब पहले के मुकाबले कम ब्याज मिलेगा. EPFO ने ब्याज दरों में कटौती कर दी है. वित्त वर्ष 2019-20 के लिए ब्याज दरों को घटाकर 8.50 फीसदी करने का फैसला लिया गया है. सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की बैठक में इस पर फैसला लिया गया. अभी तक पीएफ खाताधारकों को 8.65 फीसदी का ब्याज मिलता था. बता दें कि केंद्रीय न्यासी बोर्ड ही पीएफ पर ब्याज दरों पर फैसला लेता है. इसके बाद इसे वित्त मंत्रालय के पास भेजा जाता है.
EPFO ने ब्याज दरों में कटौती कर दी है.
EPFO ने ब्याज दरों में कटौती कर दी है.
प्रोविडेंट फंड पर अब पहले के मुकाबले कम ब्याज मिलेगा. EPFO ने ब्याज दरों में कटौती कर दी है. वित्त वर्ष 2019-20 के लिए ब्याज दरों को घटाकर 8.50 फीसदी करने का फैसला लिया गया है. सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की बैठक में इस पर फैसला लिया गया. अभी तक पीएफ खाताधारकों को 8.65 फीसदी का ब्याज मिलता था. बता दें कि केंद्रीय न्यासी बोर्ड ही पीएफ पर ब्याज दरों पर फैसला लेता है. इसके बाद इसे वित्त मंत्रालय के पास भेजा जाता है.
पिछले वित्त वर्ष आपके PF खाते पर 8.65 फीसदी की दर से ब्याज मिलता था. जिसे अब घटाकर 8.50 फीसदी किया गया है. श्रम मंत्रालय ने बोर्ड में ब्याज दरों घटाने की सिफारिश दी थी. हालांकि, पहले इस बात की चर्चा थी कि ब्याज दरों को स्थिर रखा जा सकता है. लेकिन, ऐसा नहीं हुआ. CBT की अध्यक्षता खुद श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने की.
क्यों घटाई गई ब्याज दर
EPFO ने पिछले दो वर्ष में 18 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश किया है. इसमें से करीब 4500 करोड़ रुपए दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन (DHFL) और इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (IL&FS) में लगाए गए हैं. इन दोनों को ही भुगतान करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. DHFL फिलहाल, बैंकरप्सी रिजॉल्यूशन प्रॉसेस से गुजर रही है. वहीं IL&FS को बचाने के लिए सरकारी निगरानी में काम चल रहा है.
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स्मॉल सेविंग स्कीम्स के बराबर हो सकता है ब्याज
लंबे समय से वित्त मंत्रालय, श्रम मंत्रालय को इस बात के लिए मनाने की कोशिश कर रहा है कि EPF ब्याज दर को स्मॉल सेविंग्स स्कीम्स (Small Saving Schemes) के समान ही रखा जाए. स्मॉल सेविंग स्कीम्स में पब्लिक प्रोविडेंट फंड समेत अन्य पोस्ट ऑफिस सेविंग स्कीम्स होता है.
कितना होता है योगदान
कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) के दायरे में आने वाले कर्मचारियों की बेसिक सैलरी+महंगाई भत्ता का 12 प्रतिशत PF में जाता है. इतना योगदान कंपनी (Employer) की तरफ से भी जमा होता है. हालांकि, कंपनी का हिस्सा दो हिस्सों में बांटा जाता है. इसमें से 8.33 फीसदी EPS (Employee Pension Scheme) में जाता है. वहीं, बाकी हिस्सा PF खाते में जाता है.
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कब कितनी रही EPF ब्याज दर
वित्त वर्ष 2013-14 और 2014-15 में 8.75 फीसदी रहा था.
वित्त वर्ष 2015-16 के लिए यह 8.8 फीसदी था.
वित्त वर्ष 2016-17 के लिए ब्याज दर 8.65 फीसदी.
वित्त वर्ष 2017-18 के लिए 8.55 फीसदी रहा था.
वित्त वर्ष 2018-19 के लिए 8.65 फीसदी रहा था.
01:42 PM IST