सेकेंड हैंड कार खरीदने से पहले इन बातों की कर लें तसल्ली, बाद में नहीं पड़ेगा पछताना
क्या आप भी सेकेंड हैंड कार खरीदने की योजना बना रहे हैं? अगर हां, तो आज हम आपको बताएंगे कि कार का सेलेक्शन कैसे करें और किन बातों का ध्यान रखें.
सेकेंड हैंड कार खरीदने से पहले इन बातों की कर लें तस्दीक, सौदे के बाद नहीं पड़ेगा पछताना (फाइल फोटो)
सेकेंड हैंड कार खरीदने से पहले इन बातों की कर लें तस्दीक, सौदे के बाद नहीं पड़ेगा पछताना (फाइल फोटो)
आजकल बाजार में सिर्फ 2-3 साल पुरानी ऐसी कारें उपलब्ध हैं जो बहुत कम चली हैं और तकनीकी रूप से भी बिल्कुल सही हालत में हैं. सेकेंड हैंड कार बाजार लगातार बढ़ रहा है और इसमें कई नई कंपनियों ने हाल के वर्षों में प्रवेश किया है. सेकेंड हैंड कारें न सिर्फ सस्ती पड़ती हैं बल्कि फुल पैसा-वसूल भी हो जाता है बशर्ते आपकी कार सही हो और लोन का ऑप्शन भी फायदेमंद हो. क्या आप भी सेकेंड हैंड कार खरीदने की योजना बना रहे हैं? अगर हां, तो आज हम आपको बताएंगे कि कार का सेलेक्शन कैसे करें और किन बातों का ध्यान रखें.
पुरानी कारों के विक्रेता का चयन
पुरानी कार खरीदने का सबसे अच्छा तरीका अब ऑनलाइन खोजना है. इसके लिए किसी कार पोर्टल पर जाना सबसे अच्छा है, जैसे कि एचडीएफसी बैंक प्री-ओन्ड कार बाजार, जहां बड़ी संख्या में पुरानी कारों को देखा जा सकता है. आप चाहें तो संगठित क्षेत्र में महिंद्रा फर्स्ट च्वाइस, कारनेशन या किसी अन्य ओईएम के पास भी जा सकते हैं. संगठित क्षेत्र का फायदा यह है कि ग्राहक को चुनने के लिए व्यापक विकल्प मिलते हैं, लेनदेन में पारदर्शिता रहती है, प्रोडक्ट की गुणवत्ता बेहतर रहती है और कुछ प्रोडक्ट्स पर वारंटी भी मिलती है.
पसंदीदा कारों की लिस्ट बनाएं
बजट और जरूरत के अनुसार आप ऑनलाइन तलाश करके अपने लायक विकल्पों की सूची बना लें. यह जरूरी है कि आप कार के बारे में सूचनाओं को पढ़ कर तुलना करें, तस्वीरें देखें, उस कार और विक्रेता के बारे में लोगों की समीक्षाएं देखें. साथ ही उस कार का बाजार मूल्य जानने के लिए ऑनलाइन कार वैल्यूएशन टूल की मदद लें. इस तरह सारी जानकारियां जुटाना जरूरी है.
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ऐसे चेक करें कार की कंडीशन
गाड़ी का मॉडल - जान लें कि उस मॉडल का प्रोडक्शन बंद होने की कितनी संभावना है. जब कोई कंपनी एक मॉडल का प्रोडक्शन रोकती है तो उसके री-सेल मूल्य में काफी गिरावट आ सकती है. जैसा अभी हाल ही में शेवरले की कारों के साथ हुआ
माइलेज - कितने किलोमीटर चली है?
पेंट - क्या पेंट की चमक वाहन की उम्र के अनुरूप है? संभव है कि गाड़ी को पूरी तरह दोबारा पेंट किया गया हो.
- हुड और इंजन बे में जंग और नुकसान की जांच-परख कर लें.
- होसेज/बेल्ट/टायर/ऑयल फिल्टर/ब्रेक पैड वगैरह की जांच कर लें.
- सीटें और अपहोलस्ट्री की स्थिति भी चेक करें.
- एयर-कंडीशनिंग/इलेक्ट्रॉनिक्स/कंडेंसर यूनिट पर स्टिकर है या नहीं, यह देख लीजिए.
- टेस्ट ड्राइव लेना न भूलें
संगठित क्षेत्र के खिलाड़ी सामान्यत: 120 बिंदुओं की जांच-परख की सूची देते हैं, जिससे वाहन की स्थिति समझने में मदद मिलती है. अगर ओईएम से ले रहे हों तो वाहन का तकनीकी इतिहास मांगा जा सकता है, जिसमें पिछले सर्विस रिकॉर्ड की सारी जानकारी होगी.
दस्तावेजों की जांच कर लें
ओनरशिप, कार की उम्र, रजिस्ट्रेशन का साल, हाइपोथिकेशन, रजिस्ट्रेशन पर टैक्स भुगतान और टैक्स सर्टिफिकेट जैसी जरूरी जानकारियां ले लें.
अगर आप पुरानी कार के लिए लोन लेने जा रहे हैं तो इन बातों की तस्दीक कर लें
- पुरानी कार पर लोन देने की बैंक की शर्तें क्या हैं?
- किन योजनाओं के तहत ग्राहकों को पुरानी कारों पर लोन दिया जा रहा है?
- क्या ब्याज दर फिक्स्ड है या फ्लोटिंग?
- कार लोन पर प्रोसेसिंग शुल्क क्या है?
- कितना लोन दिया जाएगा?
- क्या पार्ट पेमेंट और प्री-पेमेंट पर किसी शुल्क का प्रावधान है?
- चेक बाउंस होने पर कितना शुल्क/दंड लगेगा?
- क्या डुप्लीकेट एनओसी के लिए लेंडर शुल्क वसूलता है?
- क्या बैंक द्वारा कार लोन पर कोई छिपा शुल्क/दंड लिया जाता है?
06:08 PM IST