UPI का करते हैं इस्तेमाल तो हो जाएं सावधान, छोटी सी गलती से खाली हो जाएगा खाता
Written By: ज़ीबिज़ वेब टीम
Mon, Feb 03, 2020 03:23 PM IST
पिछले कुछ सालों में डिजिटल पेमेंट (Digital Payment) बढ़ता ही जा रहा है. ऐसे में डिजिटल फ्रॉड के भी केस सामने आ रहे हैं. कई केस में तो ग्राहकों का बैंक खाता भी खाली हो गया है. तो अगर आप इस तरह के फ्रॉड से बचना चाहते हैं तो सावधान हो जाएं. इसके साथ ही डिजिटल पेमेंट का इस्तेमाल सावधानी से करें. बता दें कि UPI ने थोड़े ही समय में बाजार में अपनी लोकप्रियता बना ली है, लेकिन इसका इस्तेमाल करने से पहले जान लें कि आपको किन बातों से बचना है.
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हर दिन बढ़ रहे UPI यूजर्स
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, UPI से भुगतान करने वाले यूजर्स की संख्या 10 करोड़ के पार पहुंच चुकी है. लेकिन, डिजिटल इकोनॉमी में जैसे भुगतान के तरीके विकसित हुए हैं. वैसे ही फ्रॉड का खतरा भी लगातार बढ़ा है. फ्रॉड करने वाले भी आपको फंसाने के नए पैंतरे अपनाते हैं. जरा सी चूक और आपकी गाढ़ी कमाई एक झटके में साफ हो जाती है. इसलिए जरूरी है कि फ्रॉड से अलर्ट रहें और समय-समय पर खुद इन फ्रॉड से बचाने के लिए अपडेट रखें.
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बैंक समय-समय पर भेजते हैं अलर्ट
आपको बता दें कि फ्रॉड करने के लिए सभी लोग नए-नए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हैं. इस फ्रॉड से बचने के लिए पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर के बैंक समय-समय पर अपने ग्राहकों को अलर्ट भेजते रहते हैं. बैंक लगातार अपने ग्राहकों को ई-मेल और SMS के जरिए अलर्ट करते हैं. साथ ही फर्जीवाड़े से बचने के लिए टिप्स भी देते हैं.
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किसी के साथ शेयर न करें ओटीपी
बैंक ग्राहकों को मेल भेजकर बता रहे हैं कि ग्राहक किसी के साथ भी अपने एटीएम कार्ड और ओटीपी की डीटेल्स शेयर न करें. फ्रॉड के केस में धोखेबाज ग्राहकों से बैंक एग्जिक्यूटिव के नाम पर डेबिट कार्ड और दूसरी डीटेल्स मांगते हैं. इसके बाद टेक्स्ट मैसेज फॉरवर्ड किया जाता है, जिसके बाद ग्राहकों से ओटीपी मांगा जाता है. इसके बाद धोखेबाज इन डीटेल्स की मदद से एक वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (VPA) बनाते हैं. इसके बाद एक मैसेज के जरिए दूसरा लिंक भेजा जाता है. धोखाधड़ी के लिए आपसे AnyDesk ऐप डाउनलोड करने को कहा जाता है. साथ ही 9 अंकों का कोड मांगा जाता है. इसके बाद वह आपके फोन को ऑपरेट कर सकते हैं.
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फ्रॉड के लिए इस ऐप का होता है इस्तेमाल
बता दे कि धोखेबाज फ्रॉड के लिए AnyDesk ऐप का इस्तेमाल करते हैं. यह एक कानूनी ऐप है. इस ऐप की मदद से आप यूजर की स्क्रीन को देख सकते हैं. इस ऐप की मदद से धोखा करने वाले लोग ग्राहकों के फोन तक पहुंच जाते हैं और बाद में बैक अकाउंट की सारी डिटेल्स चोरी कर लेते हैं. HDFC बैंक ने इस ऐप को लेकर एडवाइजरी भी जारी की है.
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