Mutual Fund: क्या होते हैं ओपन एंडेड या क्लोज एंडेड फंड्स? जानिए 5 जरूरी फैक्ट्स
Written By: ज़ीबिज़ वेब टीम
Tue, Jun 07, 2022 12:38 PM IST
Mutual Funds: म्यूचुअल फंड में निवेश से पहले कुछ बेसिक बातों को समझ लेना चाहिए. इससे आपको अपने निवेश लक्ष्य, जोखिम और निवेश की रकम तय करने में आसानी होगी. म्यूचुअल फंड में निवेश पर भी बाजार के उतार-चढ़ाव का असर होता है. इसलिए, अपनी जोखिम उठाने की क्षमता को देखते हुए निवेश का फैसला करना चाहिए. लॉन्ग टर्म में म्यूचुअल फंड में निवेश बनाए रखने पर कम्पाउंडिंग का फायदा मिलता है. आइए जानते हैं म्यूचुअल फंड से जुड़े 5 ऐसे फैक्ट्स जिन्हें जरूर समझना चाहिए.
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ओपन एंडेड या क्लोज एंडेड फंड्स
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डायरेक्ट या रेगुलर प्लान
आपका प्लान रेगुलर है या डायरेक्ट, इसे जरूर समझ लेना चाहिए. क्योंकि इसका असर आपकी लागत पर पड़ता है. रेगुलर प्लान में डिस्ट्रीब्यूटर कमीशन शामिल होता है. ये कमीशन फंड मूल्य के 0.5 फीसदी से 1 फीसदी या इससे ज्यादा भी हो सकता है. यह रकम हर साल डिस्ट्रिब्यूटर को देनी होती है. वहीं, डायरेक्ट स्कीम्स आप सीधे कंपनी से लेते हैं, इसलिए इसमें डिस्ट्रीब्यूटर कमीशन शामिल नहीं होता है.
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SIP और lumpsum
म्यूचुअल फंड में निवेश दो तरीके से किया जा सकता है. एक है कि आप किसी फंड में एकमुश्त (lumpsum) पैसा लगा दें. दूसरा तरीका SIP का है. SIP यानी सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान, इसमें रेग्युलर मंथली निवेश करना होता है. SIP के जरिए 100 रुपये से भी निवेश शुरू किया जा सकता है. लॉन्ग टर्म के लिए SIP में निवेश करने से कम्पाउंडिग का फायदा मिलता है. अगर फंड का NAV लगातार बढ़ता है, तो SIP के बजाय एकमुश्त निवेश ज्यादा फायदा दे सकता है.
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NAV क्या है
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