कोरोनावायरस से जारी लॉकडाउन (Lockdown) में अंसगठित क्षेत्र के कामगारों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए पेंशन फंड नियामक पीएफआरडीए (PFRDA) ने एक विशेष फैसला किया है. अटल पेंशन योजना में अब 30 जून 2020 तक अंशदान ऑटो डेबिट नहीं होंगे. इससे असंगठित लोगों को मौजूदा पैसे के रूप में सहूलियत होगी.
1/5
अटल पेंशन योजना के इतने अंशधारक
भारत सरकार के खास स्कीम अटल पेंशन योजना में करीब 2.23 करोड़ अंशधारक (Subscribers) हैं. इसमें ज्यादातर संख्या असंगठित क्षेत्र के कामगारों की है. इसमें अंशदान कैश या नगदी की जगह ऑटो डेबिट के जरिये की जाती है.
2/5
पीएफआरडीए के सर्कुलर में यह कहा गया
पेंशन नियामक पीएफआरडीए के नए सर्कुलर में कहा है कि अधिकांश अटल पेंशन योजना के अंशधारक समाज के पिछड़े वर्ग से आते हैं. लॉकडाउन में इस फैसले से उनके पास कुछ पैसे रह सकेंगे, जिनसे उन्हें कुछ मदद मिल सकेगी. लॉकडाउन में उन्हें अंशदान देने में दिक्कत होगी.
3/5
बकाया अंशदान इस अवधि में दे सकते हैं
पीएफआरडीए के सर्कुलर के मुताबिक, लॉकडाउन के दौरान टाले गए अंशदान का योगदान 1 जुलाई से 30 सितंबर 2020 के बीच किया जा सकता है. अंशधारकों को कोई पेनाल्टी स्वरूप ब्याज भी नहीं देना है. आमतौर पर 1 प्रतिशत का ब्याज देना होता है.
4/5
अटल पेंशन योजना में निवेश
अटल पेंशन योजना में निवेशक हर महीने 1000 रुपये से लेकर 5000 रुपये 60 साल की उम्र तक निवेश कर सकते हैं. पेंशन पूरी तरह टैक्स योग्य है. 18 साल से 40 साल तक का व्यक्ति इसमें निवेश कर सकता है.
5/5
एनपीएस अंशधारकों को भी दी है राहत
लॉकडाउन को देखते हुए पीएफआरडीए ने हाल में एनपीएस अंशधारकों को मेडिकल इमरजेंसी के आधार पर 25 प्रतिशत तक राशि निकालने की छूट दी है. इसे आंशिक निकासी कहा जाएगा और इस पर टैक्स नहीं देना होगा. (फोटो - रॉयटर्स, जी बिजनेस)
By accepting cookies, you agree to the storing of cookies on your device to enhance site navigation, analyze site usage, and assist in our marketing efforts.