लेबर मिनिस्ट्री ने 20 या उससे अधिक कर्मचारी वाली कंपनी को ही भविष्य निधि योजना (PF) में रखने के नियम में कोई बदलाव नहीं किया है. मंत्रालय ने साफ किया कि उसके इस नियम में कोई बदलाव नहीं आया है कि कम से कम 20 अथवा इससे अधिक कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठान ही कर्मचारी भविष्य निधि योजना के दायरे में आएंगे.
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पुराना नियम रहेगा
मंत्रालय ने मीडिया की इस आशय की रपटों का खंडन किया है कि अब 10 अथवा उससे अधिक कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठान भी कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम 1952 (EPF और MP अधिनियम) के दायरे में आ गए हैं.
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कोई बदलाव नहीं
श्रम मंत्रालय के मुताबिक यह स्पष्ट किया जाता है कि ईपीएफ और एमपी अधिनियम के दायरे में आने वाले प्रतिष्ठानों में कार्यरत कर्मचारियों की संख्या सीमा में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है. यही नहीं, इस तरह का कोई भी प्रस्ताव मौजूदा समय में मंत्रालय में विचाराधीन नहीं है.
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मीडिया रिपोर्ट गलत
मंत्रालय ने मीडिया की उन रपटों के जवाब में यह स्पष्टीकरण दिया है जिनमें कहा गया था कि कर्मचारी भविष्य निधि योजना के नए नियम 01 जनवरी, 2020 से लागू माने जाएंगे और नए नियमों के तहत 10 अथवा उससे अधिक कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठान भी इस अधिनियम के दायरे में आ जाएंगे. मंत्रालय ने इस खबर का खंडन किया है.
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कर्मचारी पेंशन
आपको बता दें कि EPFO ने कर्मचारी पेंशन योजना के तहत पेंशन कोष से एक मुश्त आंशिक निकासी यानी 'कम्युटेशन' की सुविधा एक जनवरी से लागू करने का ऐलान किया है. इस सुविधा से 6.3 लाख पेंशन पाने वाले रिटायर्ड कर्मचारियों को लाभ मिल सकगा. श्रम मंत्रालय ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं.
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6.3 लाख पेंशनभोगियों को फायदा
EPFO ने 2009 में पेंशन मद में से निकासी के प्रावधान को वापस ले लिया था. इन 6.3 लाख पेंशनभोगियों (Pensioners) ने अपनी पेंशन निकासी का विकल्प चुना था और 2009 से पहले सेवानिवृत्ति (Retirement) के समय उन्हें पेंशन मद में जमा राशि में से कुछ हिस्सा एक मुश्त निकालने की अनुमति मिल गयी थी.
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