NPS: टियर-1 और टियर-2 अकाउंट में क्या है अंतर? कहां मिलता है टैक्स डिडक्शन
NPS Accounts: NPS में जमा रकम को निवेश करने का जिम्मा PFRDA की ओर से रजिस्टर्ड पेंशन फंड मैनेजर्स को दिया जाता है. ये आपके निवेश को इक्विटी, गवर्नमेंट सिक्युरिटीज और नॉन गवर्नमेंट सिक्युरिटीज के अलावा फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट में निवेश करते हैं.
फंड मैनेजर एनपीएस में आपके निवेश को इक्विटी, गवर्नमेंट सिक्युरिटीज और नॉन गवर्नमेंट सिक्युरिटीज के अलावा फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट में निवेश करते हैं.
फंड मैनेजर एनपीएस में आपके निवेश को इक्विटी, गवर्नमेंट सिक्युरिटीज और नॉन गवर्नमेंट सिक्युरिटीज के अलावा फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट में निवेश करते हैं.
NPS Accounts: रिटायरमेंट प्लानिंग की जब भी हम बात करते हैं, उसमें एक ऑप्शन नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) का भी सामने आता है. NPS को खासतौर से रिटायरमेंट के बाद की फाइनेंशियल जरूरतों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है. एनपीएस को जनवरी 2004 में सरकारी कर्मचारियों के लिए शुरू किया गया था. 2009 में प्राइवेट सेक्टर के लिए भी खोल दिया गया. NPS में जमा रकम को निवेश करने का जिम्मा PFRDA की ओर से रजिस्टर्ड पेंशन फंड मैनेजर्स को दिया जाता है. ये आपके निवेश को इक्विटी, गवर्नमेंट सिक्युरिटीज और नॉन गवर्नमेंट सिक्युरिटीज के अलावा फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट में निवेश करते हैं. जब भी आप NPS का ऑप्शन चुन रहे हैं, तो यह जान लें कि इसमें दो तरह के अकाउंट टियर-1 और टियर-2 होते हैं.
कहां मिलेगा टैक्स बेनेफिट
NPS के तहत दो प्रकार के अकाउंट टियर 1 और टियर 2 खोले जा सकते हैं. इसमें टियर 1 पेंशन अकाउंट और टियर 2 वॉलेंटरी सेविंग्स अकाउंट होता है. टियर 1 अकाउंट कोई भी व्यक्ति खोल सकता है लेकिन टियर-2 अकाउंट तभी खोला जा सकता है, जब आपके पास टियर-1 अकाउंट हो. इसमें जरूरी बात यह है कि एनपीएस में कंट्रीब्यूशन पर आपको जो टैक्स डिडक्शन मिलती है, वह सिर्फ टियर-1 अकाउंट पर ही है.
NPS के तहत इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80CCD(1B) के तहत 50 हजार रुपये तक के निवेश पर अतिरिक्त टैक्स डिडक्शन का लाभ मिलता है. अगर आप सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की लिमिट पूरी कर चुके हैं, तो एनपीएस आपको एक्स्ट्रा टैक्स सेविंग्स में भी मदद कर सकता है. इस योजना की मेच्योरिटी पर 60 फीसदी तक रकम निकालने पर टैक्स नहीं लगता है.
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NPS: किसे करना चाहिए निवेश
वेल्थ मैनेजमेंट कंपनी Fintoo के सीईओ मनीष पी. हिंगर के मुताबिक, इक्विटी और डेट एक्सपोजर दोनों का बेनेफिट देने की अपनी खास क्षमता के चलते एनपीएस हमेशा रिटायरमेंट सेविंग्स के लिए सबसे अच्छे निवेश ऑप्शन में से एक रहा है. इन्वेस्टर को इसमें अपने रिस्क प्रोफाइल के आधार पर इक्विटी और डेट के बीच निवेश रेश्यो चुनने का ऑप्शन मिलता है.
हिंगर के मुताबिक, एनपीएस ऐसे लोगों के लिए एक बेस्ट इन्वेस्टमेंट ऑप्शन है, जो मिनिमम रिस्क के साथ-साथ बेहतर रिटर्न की उम्मीद करते हैं. एनपीएस में एक्स्ट्रा टैक्स बेनेफिट का ऑप्शन भी निवेशकों को मिलता है. ऐसे में सभी तरह के टैक्स बेनेफिट लेने के लिए टियर 1 अकाउंट जरूर चुनना चाहिए.
08:36 AM IST