Mutual Fund: गिरते-संभलते बाजार में भी बना सकते हैं अच्छा रिटर्न? एक्सपर्ट से समझें पोर्टफोलियो में कैसे करें बदलाव
Mutual Fund Investment Strategy: शेयर बाजार में जारी उतार-चढ़ाव के बावजूद म्यूचुअल फंड निवेशकों का भरोसा बना हुआ है. हालांकि, इक्विटी फंड्स में निवेश कम हुआ है. बाजार की मौजूदा स्थिति में म्यूचुअल फंड निवेशकों को भी अच्छे रिटर्न के लिए अपनी स्ट्रैटजी में बदलाव लाना चाहिए.
अगस्त में इक्विटी फंड में महज 6,120 करोड़ रुपये का निवेश आया था, जो 10 महीने में सबसे कम रहा. (Representational Image)
अगस्त में इक्विटी फंड में महज 6,120 करोड़ रुपये का निवेश आया था, जो 10 महीने में सबसे कम रहा. (Representational Image)
Mutual Fund Investment Strategy: दुनियाभर में बढ़ती ब्याज दरों के बीच शेयर बाजारों में भारी उथल-पुथल देखने को मिल रही है. बीते एक महीने में बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स, निफ्टी में करीब 1.5 फीसदी की गिरावट है. हाल के कुछ सेशन में अच्छी रिकवरी देखने को मिली है. शेयर बाजार में जारी उतार-चढ़ाव के बावजूद म्यूचुअल फंड निवेशकों का भरोसा बना हुआ है. एक तरह जहां इक्विटी फंड्स में निवेश कम हुआ है, वहीं ब्याज दरों में बढ़ोतरी के बीच डेट फंड के निवेश में भारी उछाल आया है. बाजार की मौजूदा स्थिति में म्यूचुअल फंड निवेशकों को भी अच्छे रिटर्न के लिए अपनी स्ट्रैटजी में बदलाव लाना चाहिए. एक्सपर्ट्स का कहना है कि बढ़ती ब्याज दरों के साइकिल में रेगुलर इन्वेस्टमेंट के साथ-साथ फिक्स्ड इनकम फंड और इंटरनेशनल फंड्स को पोर्टफोलियो में शामिल करना एक अच्छी स्ट्रैटजी हो सकती है. इससे निवेशकों को एक अच्छा रिटर्न हासिल करने में मदद मिल सकती है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
एडलवाइज एसेट मैनेजमेंट लिमिटेड (EAML) के हेड (सेल्स) दीपक जैन का कहना है, मार्केट के मौजूदा हालात में रेगुलर या सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट बहुत जरूरी है. ब्याज दरों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है. ऐसे में एक अच्छी स्ट्रैटजी यह है कि अगर एलोकेशन कम है, तो निवेशक को अपने पोर्टफोलियो में फिक्स्ड इनकम फंड्स को शामिल करना चाहिए.
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एसोसिएशन ऑफ रजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स (ARIA) के वाइस चेयरमैन विशाल धवन का कहना है कि बाजार के मौजूदा हालात में म्यूचुअल फंड निवेशकों को इंटरनेशनल और इंडियन इक्विटी म्यूचुअल फंड्स के एक कम्बिनेशन का इस्तेमाल करना चाहिए. उनका कहना है कि ग्लोबल वैल्युएंशस फिलहाल लॉन्ग टम एवरेज से नीचे है. इस मौके का इस्तेमाल भारतीय इक्विटी के मुकाबले इंटरनेशनल इक्विटीज को पोर्टफोलियो में शामिल करने के लिए करना चाहिए.
इक्विटी फंड में घटा, डेट में बढ़ा भरोसा
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के डेटा के मुताबिक, अगस्त महीने में इक्विटी म्यूचुअल फंड में महज 6,120 करोड़ रुपये का निवेश आया था, जो पिछले 10 महीने में सबसे कम रहा. हालांकि, बाजार में भारी उठापटक के बावजूद इक्विटी म्यूचुअल फंड में पॉजिटिव इनफ्लो लगातार 18वें महीने बना रहा. पिछले कुछ महीनों में निवेश की रफ्तार में गिरावट जरूर आई है. डेटा के मुताबिक, अगस्त में इक्विटी फंड में 6,120 करोड़, जुलाई में 8,898 करोड़ और जून में 18,529 करोड़ का निवेश आया था. मई में यह आंकड़ा 15,890 करोड़ का रहा था.
दूसरी ओर, इंट्रेस्ट रेट में बढ़ोतरी के बीच डेट फंड के निवेश में भारी उछाल आया है. अगस्त महीने में डेट म्यूचुअल फंड में 49164 करोड़ रुपये का निवेश आया, जो जुलाई में 4930 करोड़ रुपये के निवेश से काफी अधिक है. कुल मिलाकर, म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री ने जुलाई में 23,605 करोड़ रुपये के मुकाबले अगस्त में 65,077 करोड़ रुपए का नेट इनफ्लो दर्ज किया.
SIP को लेकर मजबूत सेंटीमेंट
शेयर बाजारों में जारी उतार-चढ़ाव के बीच म्यूचुअल फंड निवेशकों का भरोसा SIP को लेकर मजबूत है. Amfi के डेटा के मुताबिक, अगस्त में SIP अकाउंट्स की संख्या 5.71 करोड़ के रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गई और 12,693.45 करोड़ रुपये का निवेश आया. SIP AUM (एसेट अंडर मैनेजमेंट) ऑलटाइम हाई पर है और यह 6.39 लाख करोड़ रुपये के लेवल पर जा पहुंचा है. अगस्त 2022 में 21.13 लाख नए SIP अकाउंट्स रजिस्टर हुए.
(डिस्क्लेमर: म्यूचुअल फंड में निवेश संबंधी सलाह एक्सपर्ट द्वारा दी गई है. ये जी बिजनेस के विचार नहीं है. म्यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें)
04:02 PM IST