Money Management Tips: अगर शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं तो इस नियम को फॉलो करें, हमेशा फायदे में रहेंगे
Money tips: अगर आप निवेश की शुरुआत करने जा रहे हैं तो '100 minus age' रूल्स को ध्यान में रखना चाहिए. अगर आपकी उम्र 35 साल है तो नियम के मुताबिक इक्विटी अलोकेशन अधिकतम 65 फीसदी और डेट अलोकेशन 35 फीसदी हेल्दी माना जाता है.
Money Management Tips: शेयर बाजार के प्रति निवेशकों में क्रेज काफी बढ़ा है. अब हर कोई शेयर बाजार से कमाई करना चाहता है. हालांकि, इसमें रिस्क भी काफी होता है. ऐसे में यह जरूरी है कि शेयर बाजार में लिमिटेड निवेश करें और पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करें. जब आप अपना पोर्टफोलियो तैयार कर रहे होते हैं तो असेट अलोकेशन के लिए "100 minus age" रूल्स को ध्यान में रखना फायदेमंद होता है. इससे आपका पोर्टफोलियो बैलेंस्ड बना रहता है. इस नियम के मुताबिक, आपकी जितनी उम्र है उसके आधार पर असेट अलोकेशन होना चाहिए.
युवा ज्यादा रिस्क ले सकते हैं
अगर आप युवा हैं तो रिस्क ज्यादा ले सकते हैं और इक्विटी में ज्यादा निवेश किया जा सकता है. जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है, रिस्क लेने की क्षमता घटती जाती है. मान लीजिए की आपकी उम्र 25 साल है तो और निवेश की शुरुआत करना चाहते हैं तो "100 minus age" के मुताबिक 75 फीसदी (100-25=75) इक्विटी में निवेश किया जा सकता है. 25 फीसदी डेट में निवेश करना चाहिए. वहीं, जब किसी की उम्र 40 साल होगी और वह निवेश की शुरुआत करती है तो उसे रिस्क के आधार पर इक्विटी में अधिकतम 60 फीसदी (100-40=60) निवेश करना चाहिए. डेट फंड में 40 फीसदी निवेश करना चाहिए.
हर किसी की रिस्क लेने की क्षमता अलग-अलग होती है
वैसे निवेश का यह नियम सभी पर लागू नहीं होता है. हर निवेशक की अपनी आर्थिक स्थिति, रिस्क लेने की क्षमता और खर्च अलग-अलग होते हैं. हर निवेशक के निवेश का लक्ष्य भी अलग-अलग होता है. इन तमाम बातों का आपके असेट अलोकेशन पर असर होता है. जब किसी निवेश पर जिम्मेदारी ज्यादा होती है तो उसकी रिस्क लेने की क्षमता कम हो जाती है. अगर आप आर्थिक रूप से सबल होते हैं तो रिस्क लेने की क्षमता बढ़ जाती है. हालांकि, यह नियम आपके पोर्टफोलियो को बैलेंस करने में मदद जरूरत करता है.
टाइम पीरियड के आधार पर रिस्क कैलकुलेशन करें
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निवेश में रिस्क कितना होना चाहिए, यह पूरी तरह लक्ष्य और समय पर निर्भर करता है. अभी शेयर बाजार में भारी उठापटक और अनिश्चितता है. ऐसे में अगर शॉर्ट या मीडियम टर्म के लिए इक्विटी में निवेश किया जाता है तो संभव है कि उचित रिटर्न नहीं मिले या नुकसान हो जाए. अगर कोई निवेशक अभी की गिरावट में खरीदारी करता है और लॉन्ग टर्म के लिए यानी कम से कम 3-5 साल के लिए निवेश करता है तो उसे मोटा रिटर्न मिलेगा.
हर हाल में 25-30 फीसदी तक बचाएं
मनी मैनेजमेंट को लेकर एक और नियम है जिसे 50:30:20 का नियम कहते हैं. आनंद राठी वेल्थ लिमिटेड के डिप्टी सीईओ आनंद राठी ने कहा कि इस नियम के तहत आपकी कमाई का अधिकतम 50 फीसदी जरूरत में खर्च होना चाहिए. इसमें आपके घर का खर्च, EMI शामिल होते हैं. हर हाल में ईएमआई को कमाई का अधिकतम 40 फीसदी रखें. कम से कम 10 फीसदी इमरजेंसी फंड के लिए रखें. 25-30 फीसदी तक सेविंग करना जरूरी है.
03:08 PM IST