Tax Savings in New FY25: SBI में ₹5 लाख जमा करने पर 5 साल बाद कितना मिलेगा? FY25 में क्या टैक्स भी बचेगा
Tax Savings in New FY25, SBI Scheme: Bank FD एक ऐसा प्रोडक्ट है, जिसमें 5 साल के लिए डिपॉजिट करने पर न केवल अच्छा रिटर्न मिलता है बल्कि 1.5 लाख तक टैक्स डिडक्शन का फायदा भी मिलता है.
Tax Savings in FY25
Tax Savings in FY25
Tax Savings in New FY25, SBI Scheme: नए वित्त वर्ष 2024-25 की शुरुआत 1 अप्रैल से हो गई. नए वित्त वर्ष में हर कोई खासकर सैलरीड क्लास टैक्स सेविंग्स के बारे में प्लान करने लगा है. टैक्स सेविंग्स के कई ऑप्शन हैं. इनमें सैलरीड इम्प्लॉइज के बीच Bank FD, Post Office Small savings schemes, ELSS कुछ ऐसे ऑप्शन पॉपुलर हैं, जहां निवेश पर न केवल टैक्स की सेविंग्स होती है, बल्कि मैच्योरिटी पर अच्छा-खासा फंड भी तैयार होता है. आज हम बात करेंगे Bank FD की. यह एक ऐसा प्रोडक्ट है, जिसमें 5 साल के लिए डिपॉजिट करने पर न केवल अच्छा ब्याज मिलता है बल्कि 1.5 लाख तक टैक्स डिडक्शन का फायदा भी मिलता है. यहां हम देश के सबसे बड़े बैंक SBI में 5 साल के लिए 5 लाख रुपये डिपॉजिट पर कमाई और टैक्स बचत का ब्योरा समझते हैं.
SBI: ₹5 लाख जमा पर 5 साल बाद कितना फायदा
SBI में 5 साल के टर्म डिपॉजिट पर (SBI FD Interest Rate 2024) पर रेगुलर कस्टमर को 6.5 फीसदी सालाना ब्याज मिल रहा है. अगर कस्टमर 5 लाख रुपये 5 साल के जमा कराए हैं, तो मैच्योरिटी पर 6,90,209 रुपये की फिक्स्ड इनकम होगी. इस तरह आपको 1,90,209 रुपये ब्याज से कमाई होगी.
वहीं, SBI सीनियर सिटीजन को 5 साल के डिपॉजिट पर 7.50 फीसदी सालाना ब्याज ऑफर कर रहा है. अगर सीनियर सिटीजन ने 5 लाख रुपये 5 साल के जमा कराए हैं, तो मैच्योरिटी पर 7,24,974 रुपये की फिक्स्ड इनकम होगी. इस तरह आपको 2,24,974 रुपये ब्याज से कमाई होगी. यहां यह ध्यान रहे कि सीनियर सिटीजन को 5 साल के डिपॉजिट पर SBI We-care deposit scheme के अंतर्गत 0.50 फीसदी अतिरिक्त ब्याज मिलता है.
SBI: टैक्स कितना बचेगा
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SBI या किसी भी बैंक में 5 साल के लिए टर्म डिपॉजिट करने पर इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के अंतर्गत 1.5 लाख रुपये तक टैक्स डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है. हालांकि, यह जान लें 80C में टैक्स सेविंग्स का फायदा टैक्सपेयर ओल्ड टैक्स रिजीम (Old Tax Regime) में ही ले सकते हैं. हालांकि, यह भी जान लें कि FDs पर मिलने वाला ब्याज टैक्सेबल होता है.
इनकम टैक्स नियम के मुताबिक, अगर FD/TD पर एक वित्त वर्ष में मिलने वाला ब्याज 40,000 रुपये से ज्यादा है, तो TDS (टैक्स डिडक्शन एट सोर्स) कटता है. सीनियर सिटीजंस के लिए यह लिमिट 50,000 रुपये है. अगर किसी व्यक्ति की इनकम टैक्सेबल लिमिट से कम है, तो वह फॉर्म 15G और 15H भरकर बैंक को FD/TD पर कर TDS कटौती न करने रिक्वेस्ट करना होगा.
फॉर्म 15G उनके लिए है, जिनकी उम्र 60 साल से कम है. 60 साल तक टैक्सपेयर्स के लिए टैक्स छूट की लिमिट 2.5 लाख रुपये है. दूसरी ओर, फॉर्म 15H 60 साल या उससे ज्यादा उम्र के लोगों के लिए होता है. सीनियर सिटीजन के लिए टैक्स छूट की लिमिट 3 लाख रुपये है. वहीं, सुपर सीनियर सिटीजन यानी टैक्सपेयर की उम्र 80 साल से ज्यादा है, तो 5 लाख तक इनकम टैक्स के दायरे से बाहर है. हालांकि, सुपर सीनियर सिटीजन को भी 15H भरकर बैंक को इसकी जानकारी देनी होगी.
Bank FDs: फिक्स्ड इनकम का अच्छा ऑप्शन
बैंकों की फिक्स्ड डिपॉजिट (FDs) एक ऐसी स्कीम हैं, जिनमें निवेशक बिना बाजार का जोखिम उठाए एक फिक्स्ड इनकम कर सकता है. इसमें निवेशकों को डिपॉजिट के समय में मिलने वाले ब्याज की जानकारी होती है, इसलिए यह निश्चित अवधि में एकमुश्त कॉपर्स बनाने का अच्छा ऑप्शन है. बैंक समय-समय पर अलग-अलग मैच्योरिटी वाली ब्याज दरों की समीक्षा कर में इजाफा या कटौती करते हैं.
(नोट: ब्याज दरों की डीटेल बैंक की ऑफिशियल वेबसाइट से ली गई है.)
08:41 AM IST