ITR रिटर्न भरने वालों के लिए जरूरी जानकारी, इनकम टैक्स विभाग ऐसे पकड़ लेता है 'झूठ'
वित्त वर्ष 2018-19 के लिए आयकर रिटर्न भरने की तारीख अब नजदीक आ रही है. अगर आप भी रिटर्न भरने की तैयारी कर रहे हैं तो जरूरी है कि कुछ जानकारी पहले ही जुटा लें.
रिटर्न फाइल करने वालों की हर जानकारी की इनकम टैक्स डिपार्टमेंट स्क्रूटनी करता है. (फोटो: pixabay)
रिटर्न फाइल करने वालों की हर जानकारी की इनकम टैक्स डिपार्टमेंट स्क्रूटनी करता है. (फोटो: pixabay)
वित्त वर्ष 2018-19 के लिए आयकर रिटर्न भरने की तारीख अब नजदीक आ रही है. अगर आप भी रिटर्न भरने की तैयारी कर रहे हैं तो जरूरी है कि कुछ जानकारी पहले ही जुटा लें. याद रखें रिटर्न भरते वक्त अपनी आय का ब्योरा बिल्कुल सही-सही भरें. आपने जो रिटर्न फाइल की है उसमें दी गई हर जानकारी की इनकम टैक्स डिपार्टमेंट स्क्रूटनी करता है. आपकी ओर से किए गए निवेश, बचत, खरीददारी आदि की बाकायदा रिपोर्ट तैयार होती है. यह जानकारी एनुअल इन्फॉर्मेशन रिटर्न (AIR) के जरिए इनकम टैक्स विभाग को संबंधित वित्तीय संस्थान भेजता है.
क्या है एआईआर?
एनुअल इन्फॉर्मेशन रिटर्न (AIR) एक कारोबारी साल के दौरान हुए वित्तीय लेन-देन को वित्तीय संस्थानों को भरना होता है. एआईआर भरने की जिम्मेदारी उन संस्थाओं की होती है, जिनके जरिए आपने वित्तीय लेन-देन किया है. इन संस्थाओं की जिम्मेदारी यह भी होती है कि वह वित्तीय लेन-देन करने वाले व्यक्ति के पैन नंबर का उल्लेख करें. साथ ही उस व्यक्ति का पिन कोड सहित पूरा पता भी बताएं.
ये सूचनाएं इनकम टैक्स विभाग को भेजते हैं वित्तीय संस्थान
TRENDING NOW
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
आपके EPF में जमा होने वाले पैसों को लेकर बड़े बदलाव की तैयारी... EPFO खत्म कर देगा ये लिमिट! मिलेगा ज्यादा फायदा
Intraday में बनेगा तगड़ा पैसा! पोर्टफोलियो में रख लें ये 5 शेयर, एक्सपर्ट ने बताया टारगेट और स्टॉप लॉस
बचत खाते में 10 लाख से अधिक जमा करना
जब किसी एक साल के दौरान किसी व्यक्ति के बचत खाते में 10 लाख रुपए या इससे अधिक जमा होता है, तो उस बैंक की जिम्मेदारी होती है कि वह इसकी सूचना इनकम टैक्स अथॉरिटीज को दे.
दो लाख रुपए से अधिक का बिल
यदि किसी व्यक्ति ने एक साल में 2 लाख रुपए से अधिक क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान किया है तो क्रेडिट कार्ड जारी करने वाले बैंक या संबंधित कंपनी को इसकी जानकारी इनकम टैक्स विभाग को देनी होती है.
म्यूचुअल फंड की दो लाख रुपए से अधिक की खरीददारी
किसी म्युचुअल फंड योजना में कोई व्यक्ति दो लाख रुपए या इससे अधिक का निवेश करता है, तो उस म्युचुअल फंड के ट्रस्टी या ट्रस्टी की ओर से उस म्युचुअल फंड के कामकाज का प्रबंधन करने वाले व्यक्ति को यह सूचना इनकम टैक्स अथॉरिटीज को देनी होती है.
बॉन्ड में पांच लाख रुपए से अधिक का निवेश
यदि कोई व्यक्ति किसी कंपनी या संस्था की ओर से जारी किए गए बॉन्ड या डिबेंचर में पांच लाख रुपए या इससे अधिक का निवेश करता है, तो उसकी सूचना इनकम टैक्स अथॉरिटीज को देने की जिम्मेदारी बॉन्ड या डिबेंचर जारी करने वाली कंपनी या संस्था की होती है.
पब्लिक इश्यू में एक लाख से अधिक निवेश
अगर कोई व्यक्ति किसी कंपनी के एक लाख रुपए या इससे अधिक राशि के शेयर पब्लिक इश्यू या राइट्स इश्यू के जरिए खरीदता है, तो शेयर जारी करने वाली कंपनी का उत्तरदायित्व होता है कि वह अथॉरिटीज को इसकी जानकारी दे.
30 लाख से अधिक की संपत्ति की खरीद या बिक्री
अगर कोई व्यक्ति 30 लाख रुपए या इससे अधिक कीमत की अचल संपत्ति खरीदता या बेचता है, तो रजिस्ट्रार/ सब-रजिस्ट्रार की यह जिम्मेदारी होती है कि वह इसकी सूचना इनकम टैक्स अथॉरिटीज को दे.
आरबीआई के बॉन्ड में पांच लाख से अधिक का निवेश
भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से जारी किए गए बॉन्ड में कोई व्यक्ति अगर किसी एक साल के दौरान पांच लाख रुपए या इससे अधिक का निवेश करता है, तो आरबीआई की तरफ से इस काम के लिए नियुक्त व्यक्ति को यह सूचना इनकम टैक्स अथॉरिटीज को देनी होती है.
05:30 PM IST