क्या होता है क्रेडिट स्कोर, बिगड़ गया है Credit Score तो कैसे सुधारें
क्रेडिट स्कोर आपकी क्रेडिट हिस्ट्री बताता है. क्रेडिट स्कोर तीन अंक वाली संख्या होती है. सिबिल (CIBIL) देश की बड़ी क्रेडिट ब्यूरो कंपनी है.
आप घर खरीदने के लिए बैंक से लोन (Home Loan) लेना चाहते हैं या फिर अन्य किसी जरूरत के लिए पर्सनल लोन (Personal Loan) लेने का प्लान बनाते हैं. जब आप लोन एप्लिकेशन बैंक जमा कराते हैं तो बैंक आपकी क्रेडिट हिस्ट्री खंगालना शुरु कर देता है. अच्छा क्रेडिट स्कोर (Credit Score) हुआ तो लोन मिल जाएगा. लेकिन क्रेडिट स्कोर (Credit Score) कम या खराब रहा तो लोन मिलने में काफी दिक्कत हो सकती है.
आखिर ये क्रेडिट स्कोर क्या होता है और इसकी गणना कैसे की जाती है, इस बारे में मार्केट एक्सपर्ट गौरव मशरूवाला विस्तार से चर्चा कर रहे हैं.
क्रेडिट स्कोर
क्रेडिट स्कोर आपकी क्रेडिट हिस्ट्री बताता है. क्रेडिट स्कोर तीन अंक वाली संख्या होती है. वित्तीय लेन-देन से क्रेडिट स्कोर तय होता है. सिबिल (CIBIL) देश की बड़ी क्रेडिट ब्यूरो कंपनी है. सिबिल स्कोर (CIBIL Score) आपका क्रेडिट स्कोर ही है. क्रेडिट स्कोर 300 से 900 के बीच होता है. 300 सबसे कम क्रेडिट स्कोर होता है. 900 सबसे ज्यादा क्रेडिट स्कोर है. ज्यादा स्कोर है तो बैंक से लोन मिलने में आसानी होती है. कम क्रेडिट स्कोर वालों को बैंक आसानी से लोन नहीं देते हैं.
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ऐसे तय होता है क्रेडिट स्कोर-
आपके वित्तीय लेन-देन से तय हो ता है क्रेडिट स्कोर.
क्रेडिट स्कोर को कई बातें करती हैं प्रभावित.
भुगतान का इतिहास निभाता है अहम भूमिका.
वक्त पर बिल न भरना, EMI लेट भरना.
जरूरत से ज्यादा क्रेडिट कार्ड रखना.
क्रेडिट कार्ड का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल.
इन सबसे होता है क्रेडिट स्कोर खराब.
कैसे खराब होता है क्रेडिट स्कोर-
समय पर बिल न भरने का पड़ता है असर.
अच्छी कमाई लेकिन बहुत सारे लोन ले लिए.
गैर-जरूरी और ज्यादा लोन लेने का भी असर.
क्रेडिट कार्ड बिल, लोन EMI समय पर न भरना.
कैसे अच्छा होता है क्रेडिट स्कोर-
आपके भुगतान का इतिहास अच्छा है.
आप वक्त पर बिल भरते हैं, EMI लेट नहीं करते.
कम लोन और कम क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करते हैं.
आप वित्तीय देनदारी समय पर पूरी करते हैं.
इन सबसे तैयार होता है अच्छा क्रेडिट स्कोर.
कम सिबिल स्कोर-
सिबिल स्कोर अगर कम है तो दिक्कत होगी.
बैंक से लोन मिलने में मुश्किल पेश आएगी.
पर्सनल, बिजनेस लोन के लिए आवदेन दिया है.
लोन की मंजूरी/नामंजूरी क्रेडिट स्कोर पर निर्भर.
कम स्कोर, लोन नामंजूर होने की आशंका ज्यादा.
कम स्कोर का असर लोन की रकम पर भी.
सुधारें सिबिल स्कोर-
क्रेडिट स्कोर CIBIL तय करती है.
क्रेडिट स्कोर सुधारना आपके हाथ में है.
क्रेडिट कार्ड का ड्यू बैलेंस कम रखें.
EMIs की समय पर अदायगी करें.
ज्यादा असुरक्षित कर्ज लेने से बचें.
लोन लेने के लिए ज्यादा आवेदन न करें.
बैंक देखते हैं सिर्फ क्रेडिट स्कोर-
लोन देने से पहले बैंक क्रेडिट स्कोर देखते हैं.
बैंक से लोन लेना चाहते हैं तो अच्छा स्कोर जरूरी है.
अच्छा स्कोर ब्याज कम रखने में मदद कर सकता है.
अच्छे स्कोर से मोलभाव करने की क्षमता बढ़ जाती है.
अच्छा स्कोर तो बैंक के साथ मोलभाव करना आसान.
कार लोन, होम लोन भी आसानी से मिलेंगे.
क्रेडिट स्कोर V/S क्रेडिट रिपोर्ट
क्रेडिट रिपोर्ट में पहले का और मौजूदा लेन-देन का ब्योरा.
क्रेडिट कार्ड अकाउंट और होता है लिए हुए लोन का ब्योरा.
क्रेडिट हिस्ट्री को लेकर कितनी बार इनक्वायरी हुई, चलेगा पता.
क्रेडिट स्कोर ग्रेड की तरह, जो आपकी क्रेडिट रिपोर्ट को मिलते हैं.
क्रेडिट स्कोर 3 अंकों का नंबर, 300 से 900 के बीच होता है स्कोर.
अगर क्रेडिट स्कोर अच्छा तो क्रेडिट रिपोर्ट देखना जरूरी नहीं.
क्रेडिट कार्ड का असर-
क्रेडिट कार्ड का आप जैसे इस्तेमाल करेंगे, उसका भी पड़ेगा असर.
क्रेडिट कार्ड एक्टिव है लेकिन कोई आउटस्टैंडिंग बैलेंस नहीं.
एक्टिव क्रेडिट कार्ड को आप नहीं कर रहे इस्तेमाल.
ऐसे में क्रेडिट कार्ड को बंद करवाना बेहतर.
क्रेडिट कार्ड बंद करने के 6 महीने बाद चेक करें स्कोर.
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क्रेडिट स्कोर चेक करें-
क्रेडिट स्कोर ऑनलाइन चेक कर सकते हैं.
कई बैंकों और अन्य एजेंसियां देती हैं सुविधा.
क्रेडिट इंफोर्मेशन ब्यूरो ऑफ इंडिया (CIBIL) सबसे अहम.
कुछ एजेसिंया क्रेडिट रिपोर्ट के लिए फीस लेती हैं.
Crifhighmark, Equifax, Highmark एजेंसी क्रेडिट स्कोर चेक करती हैं.
08:30 PM IST