Credit Card इस्तेमाल करने वालों की कैसे मदद करता है Balance Transfer, जानिए कब बन जाता है मुसीबत
बैलेंस ट्रांसफर के जरिए आप एक कार्ड से दूसरे कार्ड के बिल का भुगतान कर सकते हैं. इस प्रक्रिया को ही बैलेंस ट्रांसफर कहा जाता है. अगर आप बैलेंस ट्रांसफर नहीं करेंगे तो आपको अपने कार्ड का पूरा बिल चुकाने के लिए कहीं ना कहीं से पैसों का इंतजाम करना होगा.
क्रेडिट कार्ड (Credit Card) का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है. क्रेडिट कार्ड से पैसे खर्च करना बिल्कुल वैसा है जैसे आप किसी बैंक से लोन (Bank Loan) लेकर उसे खर्च करते हैं. ऐसे में कई बार ऐसा भी वक्त आता है जब लोगों के पास अपना कर्ज (Debt) चुकाने यानी क्रेडिट कार्ड का बिल भरने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं होते हैं. अगर आप कभी ऐसी स्थिति में फंस जाएं और आपके पास कई क्रेडिट कार्ड हैं तो आप बैलेंस ट्रांसफर की सुविधा का इस्तेमाल कर सकते हैं.
पहले जानिए क्या होता है बैलेंस ट्रांसफर?
बैलेंस ट्रांसफर के जरिए आप एक कार्ड से दूसरे कार्ड के बिल का भुगतान कर सकते हैं. इस प्रक्रिया को ही बैलेंस ट्रांसफर कहा जाता है. मान लीजिए कि आपके एक क्रेडिट कार्ड पर बकाया है, लेकिन आप उसका भुगतान नहीं कर पा रहे हैं. अगर आप अगले महीने उसका भुगतान करने की सोचते हैं तो आपको लेट फीस के साथ-साथ करीब महीने भर उस पैसे पर ब्याज चुकाना होगा. यह ब्याज भी 36-48 फीसदी सालाना की दर से लग सकता है. ऐसे में अगर आपके पास दूसरा क्रेडिट कार्ड है तो उससे बहुत की कम ब्याज पर बैलेंस ट्रांसफर कर सकते हैं.
बैलेंस ट्रांसफर कैसे किया जाता है?
किसी भी क्रेडिट कार्ड से दूसरे कार्ड का बिल चुकाने यानी बैलेंस ट्रांसफर करने के दो तरीके हो सकते हैं. पहला तरीका ये है कि आपको बैंक के कस्टमर केयर पर फोन करना होगा और उनसे बैलेंस ट्रांसफर करवाना होगा. दूसरा तरीका ये है कि आप खुद ही बैंक के ऐप या वेबसाइट से बैलेंस ट्रांसफर कर लें. हालांकि, इसके लिए आपको कार्ड डिटेल्स की जरूरत होगी. जिस कार्ड से पैसे ट्रांसफर करने हैं उसके ऐप या वेबसाइट पर आपको बैलेंस ट्रांसफर का अमाउंट भरना होगा और जिस कार्ड पर पैसे ट्रांसफर करने हैं उसकी डिटेल्स भरनी होंगी. वहीं अगर आप बैलेंस ट्रासफर को वापस चुकाने का तरीका भी चुन सकते हैं. या तो आपको एकमुश्त पैसे चुकाने होंगे या फिर ईएमआई का विकल्प लेना होगा.
बैलेंस ट्रांसफर से होते हैं क्या फायदे?
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अगर आप बैलेंस ट्रांसफर नहीं करेंगे तो आपको अपने कार्ड का पूरा बिल चुकाने के लिए कहीं ना कहीं से पैसों का इंतजाम करना होगा. इसके लिए या तो आपको लेट फीस और भारी भरकम ब्याज चुकाना होगा, या फिर लोन लेना होगा और उसका भी ब्याज चुकाना होगा. लोन में एक बड़ी दिक्कत ये होगी कि महीने भर या 2-3 महीने के लिए लोन भी नहीं मिलेगा. वहीं अगर आप बैलेंस ट्रांसफर करते हैं तो उस सूरत में आपको जो अतिरिक्त पैसा खर्च करना होगा, वह कम रहेगा. वहीं बिल ना चुकाने की वजह से आप डिफॉल्ट करने की कैटेगरी में भी नहीं आएंगे, जिससे आपका सिबिल खराब हो सकता था. बैलेंस ट्रांसफर में ईएमआई की सुविधा भी मिलती है. ऐसे में आप जो बैलेंस एक कार्ड से ट्रांसफर कर रहे हैं, उसे धीरे-धीरे ईएमआई में चुका सकते हैं.
कब बैलेंस ट्रांसफर बन जाता है मुसीबत?
बैलेंस ट्रांसफर सुनने में बहुत अच्छा लगता है, लेकिन अगर आसान भाषा में समझें तो आप एक कर्ज (क्रेडिट कार्ड) को चुकाने के लिए दूसरा कर्ज (दूसरे कार्ड से भुगतान) ले रहे हैं. वैसे तो एक-दो बार बैलेंस ट्रांसफर करने से ज्यादा दिक्कत नहीं होगी, लेकिन अगर आप इसका बहुत ज्यादा इस्तेमाल करते हैं तो यह आपके सिबिल स्कोर पर असर डाल सकता है. इसमें एक बड़ी दिक्कत ये है कि आप कई बार अलग-अलग कार्ड के लिए बैलेंस ट्रांसफर का इस्तेमाल कर लेते हैं तो आप कर्ज को चुकाते-चुकाते एक नए कर्ज के जाल में फंस सकते हैं. ईएमआई पर बैलेंस ट्रांसफर की रकम चुकाते हैं तो धीरे-धीरे हर महीने की आपकी ईएमआई ही ज्यादा हो सकती है, जो आप पर बोझ बन सकती है.
05:50 PM IST