Health Insurance Claim हो जाए रिजेक्ट तो क्या करें? कहां करें शिकायत, क्या होती है प्रोसेस?
कई बार इंश्योरेंस (Insurance) कंपनी हेल्थ क्लेम को रिजेक्ट कर देती है या फिर क्लेम अमाउंट से बहुत ज्यादा कम पैसे देती है. ऐसे में ग्राहक को काफी नुकसान होता है. अब सवाल ये उठता है कि ऐसी स्थिति में क्या करें? किसके पास इसकी शिकायत करें? क्या इसकी कोई प्रक्रिया होती है?
अपनी और अपने परिवार की हेल्थ के लिए लोग हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) लेते हैं. लेकिन जब जरूरत पड़ती है तो कई बार इंश्योरेंस (Insurance) कंपनी हेल्थ क्लेम को रिजेक्ट कर देती है या फिर क्लेम अमाउंट से बहुत ज्यादा कम पैसे देती है. ऐसे में ग्राहक को काफी नुकसान होता है, क्योंकि उसने सारे प्रीमियम (Insurance Premium) भरे होते हैं, लेकिन जरूरत के वक्त कंपनी उसकी मदद नहीं करती है. अब सवाल ये उठता है कि ऐसी स्थिति में क्या करें? किसके पास इसकी शिकायत करें? क्या इसकी कोई प्रक्रिया होती है? आइए जानते हैं ऐसी हालत में आपको क्या करना चाहिए.
सबसे पहले इंश्योरेंस कंपनी में करें शिकायत
अगर आपका हेल्थ क्लेम रिजेक्ट हो जाए या क्लेम अमाउंट से बहुत ही कम पैसे मिलें तो आपको सबसे पहले तो इंश्योरेंस कंपनी में ही इसकी शिकायत करनी चाहिए. कंपनी को आपको पूरी बात बतानी होगी. कई बार किसी गलती की वजह से या किसी दस्तावेज की कमी के चलते भी क्लेम रिजेक्ट हो जाता है. ऐसे में मुमकिन है कि कंपनी में शिकायत करने के बाद आपकी समस्या का समाधान हो जाए.
कंपनी से बात ना बने तो IRDAI से करें शिकायत
अगर कंपनी में आपकी शिकायत का निपटारा नहीं होता है तो आप IRDAI में इसकी शिकायत कर सकते हैं. इसके लिए आप IRDAI के टोल फ्री नंबर 155255 या 18004254732 पर फोन कर सकते हैं. इसके अलावा आप अपनी शिकायत को complaints@irdai.gov.in पर ईमेल भी कर सकते हैं.
कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा सकते हैं आप
TRENDING NOW
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
Intraday में बनेगा तगड़ा पैसा! पोर्टफोलियो में रख लें ये 5 शेयर, एक्सपर्ट ने बताया टारगेट और स्टॉप लॉस
अगर IRDAI के फैसले से भी आप खुश नहीं हैं तो आप उसके खिलाफ कोर्ट में भी जा सकते हैं, ये आपका हक है. आप इसके लिए सिविल कोर्ट में भी शिकायत कर सकते हैं और कंज्यूमर कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा सकते हैं. हालांकि, ऐसे मामले में आपके लिए कंज्यूमर कोर्ट जाना आसान है और वहां कॉस्ट इफेक्टिव भी है. कई बार लोग सोचते हैं कि पता नहीं कंपनी कंज्यूमर कोर्ट के फैसले को गंभीरता से लेगी भी या नहीं, तो इसकी चिंता ना करें. कंज्यूमर कोर्ट का फैसला कंपनियां मानती हैं या फिर उसे कोर्ट में चुनौती देती हैं. तो पहले कंज्यूमर कोर्ट जाएं और अगर वहां भी आपको इंसाफ ना मिल पाए तो आपको सिविल कोर्ट का दरवाजा खटखटाना चाहिए.
कोर्ट जाने से पहले कुछ बातों का रखें ध्यान
ध्यान रहे कि जब आप अपनी शिकायत लेकर कोर्ट जाएं, उस वक्त आपकी पॉलिसी एक्टिव होनी चाहिए और वैलिड भी रहनी चाहिए. साथ ही आपकी तरफ से हर प्रीमियम का भुगतान हुआ रहना जरूरी है. साथ ही आपको अपने साथ अपने हेल्थ क्लेम से जुड़े तमाम दस्तावेज रखने जरूरी हैं, जो दिखाएं कि आपका क्लेम रिजेक्ट हुआ है या उसे स्वीकार नहीं किया गया है. ध्यान रहे कि कोर्ट सबूतों और गवाहों के आधार पर चलता है, ऐसे में आपके पास पर्याप्त सबूत होने जरूरी हैं.
06:00 AM IST