EPF में आप भी करते हैं कॉन्ट्रीब्यूशन तो जान लें क्या होता है स्कीम सर्टिफिकेट, पेंशन के मामले में बहुत जरूरी है ये
यदि कर्मचारी ने 10 वर्षों की सर्विस पूरी कर ली है और 10 वर्ष या इससे ज्यादा समय तक ईपीएफ में अपना कॉन्ट्रीब्यूशन किया है, तो वो 58 साल की उम्र के बाद ईपीएफओ से पेंशन लेने का पात्र बन जाता है.
EPF में आप भी करते हैं कॉन्ट्रीब्यूशन तो जान लें क्या होता है स्कीम सर्टिफिकेट, पेंशन के मामले में बहुत जरूरी है ये
EPF में आप भी करते हैं कॉन्ट्रीब्यूशन तो जान लें क्या होता है स्कीम सर्टिफिकेट, पेंशन के मामले में बहुत जरूरी है ये
अगर आप नौकरीपेशा वाले हैं तो कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) में आपकी सैलरी का भी कुछ हिस्सा जाता होगा. आपकी बेसिक सैलरी और डीए का 12% हिस्सा ईपीएफ में जाता है और इतना ही अमाउंट नियोक्ता की ओर से भी जमा किया जाता है. लेकिन, नियोक्ता का पूरा अंशदान EPF में नहीं जाता. नियोक्ता की ओर से जमा अमाउंट का 8.33% एंप्लॉयी पेंशन स्कीम (EPS) में चला जाता है और शेष 3.67% पीएफ खाते में जाता है. यदि कर्मचारी ने 10 वर्षों की सर्विस पूरी कर ली है और 10 वर्ष या इससे ज्यादा समय तक ईपीएफ में अपना कॉन्ट्रीब्यूशन किया है, तो वो 58 साल की उम्र के बाद ईपीएफओ से पेंशन लेने का पात्र बन जाता है.
वहीं 10 वर्ष से कम के योगदान होने पर आपको 58 साल की आयु में पीएफ का फुल एंड फाइनल सेटलमेंट करने की अनुमति मिल जाती है. ऐसे में ईपीएफ के साथ पेंशन अमाउंट निकालने का ऑप्शन भी दे दिया जाता है. ईपीएफ के नियमों के मुताबिक, कम से कम 10 सालों तक और 58 साल से कम आयु तक ईपीएफ में योगदान करने वाले अंशधारकों को पेंशन पाने के लिए स्कीम सर्टिफिकेट देना अनिवार्य होता है. आइए आपको बताते हैं क्या होता है स्कीम सर्टिफिकेट.
जानें क्या है स्कीम सर्टिफिकेट
स्कीम सर्टिफिकेट पेंशन के लिए एक पॉलिसी की ही तरह होता है, क्योंकि इसकी मदद से आपको जॉब बदलने पर पेंशन ट्रांसफर करने की सुविधा मिलती है. पेंशन का दावा करने के लिए आपके पास इस सर्टिफिकेट होना जरूरी होता है. हालांकि अगर आपने 10 सालों से कम समय तक पीएफ में योगदान दिया है तो भी आप पेंशन सेवा को जारी रखने के लिए स्कीम सर्टिफिकेट ले सकते हैं, लेकिन ये अनिवार्य नहीं है.
कब पड़ती है जरूरत
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नियम कहता है कि जब भी पीएफ अंशधारक अपनी जॉब स्विच करता है तो उसे पीएफ को ईपीएफओ पोर्टल पर नई कंपनी में ट्रांसफर करवा लेना चाहिए. लेकिन मान लीजिए कि जॉब स्विच करने के बाद उसकी नई कंपनी ईपीएफ के दायरे में नहीं है, तो वो बाद में पेंशन लेने के लिए स्कीम सर्टिफिकेट ले सकते हैं. ऐसे में बाद में किसी दूसरी कंपनी में नौकरी जॉइन करने पर अपने पेंशन अकाउंट को स्कीम सर्टिफिकेट की मदद से वहां फिर से जुड़वा सकते हैं. वहीं जो लोग 10 वर्षों तक ईपीएफ में अपना योगदान दे चुके हैं और अब आगे नौकरी करने का इरादा नहीं रखते हैं, वे भी 50-58 साल की आयु में पेंशन लेने के लिए स्कीम सर्टिफिकेट ले सकते हैं.
कैसे मिलता है स्कीम सर्टिफिकेट
स्कीम सर्टिफिकेट लेने के लिए आपको फॉर्म 10C भरने की जरूरत होती है. EPFO की वेबसाइट से आप इस फॉर्म को डाउनलोड कर सकते हैं और उसे भरकर नजदीकी EPFO Office में जमा कर सकते हैं. इसके साथ आपको कुछ डॉक्यूमेंट्स जैसे जन्म तिथि प्रमाण पत्र, कैंसिल्ड चेक, कर्मचारी के बच्चों के नाम और डीटेल्स, कर्मचारी की मृत्यु की स्थिति में मृत्यु प्रमाण पत्र, अगर उत्तराधिकारी फॉर्म जमा कर रहा है तो उत्तराधिकार प्रमाण पत्र और एक रुपए कीमत वाला स्टांप टिकट आदि जमा करने पड़ सकते हैं.
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12:52 PM IST