EPF vs PPF: रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए क्या है बेहतर ऑप्शन? जानिए दोनों स्कीम्स की डीटेल
EPF vs PPF: रिटायरमेंट फंड बनाने के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) और पब्लिक प्रोविडेंड फंड (PPF) दो पॉपुलर स्कीम्स हैं.
(Representational)
(Representational)
EPF vs PPF: रिटायरमेंट फंड बनाने के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) और पब्लिक प्रोविडेंड फंड (PPF) दो पॉपुलर स्कीम्स हैं. हाल ही में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए पीएफ पर ब्याज दर 0.40 फीसदी घटाकर 8.10% किया है. EPFO का ये ब्याज पिछले करीब 44 साल में सबसे कम है. वहीं, PPF पर सरकार अभी 7.1 फीसदी सालाना ब्याज ऑफर कर रही है.
दरअसल, PPF और EPF दोनों ही सरकार स्पांर्स्ड स्कीम्स हैं. EPF सैलरीड इंडिविजुअल के लिए एक रिटायरमेंट बेनेफिट प्लान है. इस स्कीम में कंपनी और कर्मचारी दोनों ही कंट्रीब्यूशन करते हैं. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) इस फंड को मैनेज करता है. दूसरी ओर, PPF को सभी इंडिविजुअल्स को बुढ़ापे में आर्थिक सुरक्षा के लिए डिजाइन की गई स्कीम है.
कहां कौन कर सकता है निवेश
EPF स्कीम में केवल सैलरीड इंडिविजुअल यानी सैलरी पाने वाले कर्मचारी ही निवेश कर सकते हैं. ईपीएफ किसी भी ऐसी कंपनी पर लागू होता है जहां 20 या उससे ज्यादा कर्मचारी होते हैं. दूसरी ओर, PPF स्कीम में कोई भी व्यक्ति निवेश शुरू कर सकता है. EPF पर सालाना ब्याज दर अभी 8.1 फीसदी है. वहीं, PPF पर सरकार ने दिसंबर तिमाही के लिए ब्याज दर 7.1 फीसदी रखी है.
TRENDING NOW
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
कितना होता है मिनिमम निवेश
PPF में मिनिमम 500 रुपये से अकाउंट खुलवाया जा सकता है. यह अकाउंट डेग्निजेटेड बैंकों या पोस्ट ऑफिस की ब्रांच में खुलवाया जा सकता है. जबकि, ईपीएफ में बेसिक सैलरी का कुल 24 फीसदी कंट्रीब्यूशन होता है, जिसमें 12 फीसदी कंपनी और 12 फीसदी कर्मचारी करता है. ईपीएफ से रिटायरमेंट या कंपनी छोड़ने (इस्तीफा) पर विद्ड्रॉल कर सकते हैं. पीपीएफ में 15 साल का लॉक इन पीरियड होता है. इसे 5-5 साल के ब्लॉक में आगे बढ़ाया जा सकता है.
कहां कितनी है लोन सुविधा, टैक्स छूट
EPF अकाउंट पर खास स्थितियों जैसेकि मेडिकल इमरजेंसी, मकान, चाइल्ड एजुकेशन के लिए लोन ले सकते हैं. वहीं, PPF अकाउंट पर 3 साल के बाद लोन ले सकते हैं. पीपीएफ में विद्ड्रॉल पर टैक्स नहीं लगता है, जबकि ईपीएफ में अगर 5 साल से पहले निकासी करते हैं तो टैक्स देना पड़ सकता है. इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के अंतर्गत PPF और EPF दोनों ही स्कीम्स में 1.50 लाख रुपये तक निवेश पर टैक्स डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है.
02:14 PM IST