चढ़ते-उतरते बाजार में सेफ गारंटी का दूसरा नाम हैं ये Debt Investment, जानिए कहां लगा सकते हैं पैसा
वॉलेटाइल माहौल में डेट इन्वेस्टमेंट आपके लिए सही निवेश का ऑप्शन हो सकते हैं, जहां आप सेफ रिटर्न के लिए पैसा लगा सकते हैं और बाजार के उतार-चढ़ाव से बच सकते हैं.
Debt Investment Volatility के बीच अच्छा विकल्प हो सकता है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
Debt Investment Volatility के बीच अच्छा विकल्प हो सकता है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
Debt Investment: बीते एक हफ्ते में शेयर बाजार ने जबरदस्त गिरावट देखी है. घरेलू बाजार के इंडेक्स अपने कई हफ्तों के निचले स्तर पर पहुंच गए हैं. साथ ही इकोनॉमी और फाइनेंशियल स्टेबिलिटी को लेकर भी थोड़ी अनिश्चितताएं बनी हुई हैं, ऐसे में सोच-समझकर अपने पैसों का इस्तेमाल बहुत जरूरी हो जाता है. ऐसे वॉलेटाइल माहौल में डेट इन्वेस्टमेंट आपके लिए सही निवेश का ऑप्शन हो सकते हैं, जहां आप सेफ रिटर्न के लिए पैसा लगा सकते हैं और बाजार के उतार-चढ़ाव से बच सकते हैं. यहां आपको इक्विटी से कम रिटर्न मिल सकता है, लेकिन गारंटीड रिटर्न मिलेगा.
अगर इंडियन मनी मार्केट में देखें तो 2023 में आपके लिए बढ़िया डेट इन्वेस्टमेंट ऑप्शन हो सकते हैं, वो हैं-
1. डेट म्यूचूअल फंड (Debt Mutual Funds)
म्यूचूअल फंड मार्केट से लिंक्ड होते हैं, लेकिन अगर आप डेट म्यूचूअल फंड में निवेश करते हैं तो ये ज्यादा सेफ रिटर्न की गारंटी देते हैं. ये पूरी तरह से मार्केट फैक्टर पर निर्भर नहीं होते हैं. इनके जरिए आपका पैसा इक्विटी या कैश में न लगाकर कॉरपोरेट बॉन्ड, गवर्न्मेंट बॉन्ड या ऐसी ही दूसरी डेट सिक्योरिटी में लगाया जाता है. यहां आपको मॉडरेट रिस्क के साथ मॉडरेट से लेकर हाई रिटर्न मिलता है.
2. सीनियर सिक्योर्ड बॉन्ड (Senior Secured Bonds)
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सीनियर सिक्योर्ड बॉन्ड्स थोड़े हाई रिस्क के साथ आते हैं, लेकिन यहां हाई रिटर्न की भी गारंटी होती है. बहुत से बॉन्ड इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म इसकी सुविधा देते हैं. इसमें किसी सिक्योर्ड बॉन्ड को प्रॉपर्टी या इशुअर के ही किसी असेट को कॉलेटरल रखकर दिया जाता है.
3. सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट (Certificate of Deposit)
ये लो रिस्क के साथ मॉडरेट रिटर्न देने वाला ऑप्शन है. यहां आप कॉमर्शियल बैंक या किसी दूसरी वित्तीय संस्था के सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट में निवेश करते हैं. इसमें फिक्स्ड टर्म के लिए फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट होता है. आप मिनिमम 1 लाख रुपये से निवेश शुरू कर सकते हैं, हालांकि, प्रीमैच्योर विदड्रॉल पर पेनाल्टी लगती है.
4. ट्रेजरी बिल
ट्रेजरी बिल में रिस्क लो है तो रिटर्न भी लो हो सकता है, हालांकि, सॉवरेन गारंटी होने पर आपको यहां रिटर्न का भरोसा होता है. आप सरकारी ट्रेजरी बिल में निवेश करते हैं, ये शॉर्ट टर्म के लिए होते हैं, मिनिमम 25,000 से निवेश शुरू हो सकता है, जिसे इतने ही अमाउंट में डबल किया जा सकता है.
5. पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (Public Provident Fund)
कम रिस्क और मॉडरेट रिटर्न देने वाली ये एक पॉपुलर स्कीम है. सरकार आपको इस स्कीम में सालाना रिटर्न देती है, जिसे हर महीने कैलकुलेट किया जाता है. इस स्कीम पर आपको टैक्स छूट का फायदा भी मिलता है, आप सेक्शन 80C के तहत डेढ़ लाख तक छूट पा सकते हैं. ये 15 सालों के लॉकइन पीरियड के साथ आता है, जिसे कुछ शर्तों के तहत प्रीमैच्योर विदड्रॉल किया जा सकता है.
12:00 AM IST