बाजार की गिरावट से घबराएं नहीं, जल्दबाजी में पोर्टफोलियो में न करें बदलाव
कई लोग निवेश तो करते हैं लेकिन रिव्यू नहीं करते. रिव्यू नहीं करने पर रिटर्न कम हो सकता है. इसलिए अपने निवेश पर नजर बनाए रखना जरूरी है.
बाजार में इस समय हा-हाकार मचा हुआ है. स्टॉक मार्केट रोजाना गिरावट में रिकॉर्ड तोड़ रहा है. बाजार की इस गिरावट से निवेशकों में हड़कंप मचा हुआ है. बाजार में पैसा निवेश कर भविष्य के सपने पूरे करने वाले निवेशक परेशान हैं. सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर गौरव मशरूवाला का कहना है कि बाजार के इस हालात से निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है. बाजार में निवेश हमेशा जोखिम से भरा होता है. इसलिए किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए निवेशक को हमेशा तैयार रहना चाहिए.
हम निवेश तो करते हैं, लेकिन फाइनेंशियल प्लानिंग में कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जो ऐसे हालात में हमें परेशान करते हैं.
फाइनेंशियल प्लानिंग की गलतियां-
- उतार-चढ़ाव में पैनिक करना
- इमजेंसी फंड न बनाना
- जरूरी इंश्योरेंस नहीं लेना
- हेल्थ प्लान को अपडेट न करना
- निवेश लक्ष्य न बनाना
- सही असेट क्लास न चुनना
- निवेश को रिव्यू न करना
- एक ही अकाउंट में पैसे रखना
- लुभावने ऑफर के झांसे में आना
- पुरानी गलती से न सीखना
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हम इन गलतियों में सुधार करके भविष्य में होने वाले किसी भी जोखिम को कम कर सकते हैं. यहां बता रहे हैं कि इन गलतियों पर कैसे सुधार किया जाए-
SIP को बंद न करें
गिरते बाजार को देखते हुए बहुत से निवेशक अपने सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (Systematic Investment Plan-SIP) में निवेश बंद कर देते हैं. ऐसी गलती कभी न करें. अगर आपका लक्ष्य पूरा होने में 7 या इससे ज्यादा का समय है तो म्यूचुअल फंड में बने रहें. हां, अगर आपका लक्ष्य छोटा है तो इक्विटी से पैसा निकालकर डेट फंड में शिफ्ट कर लें.
इमजेंसी फंड न बनाना
कम से कम 6 महीने का इमरजेंसी फंड रखें. दुर्घटना, बीमारी के चलते अचानक पैसों की जरूरत होती है. नौकरी चले जाने पर इमरजेंसी फंड काम आता है. इमरजेंसी में 1 महीने की किश्त जितनी अतिरिक्त रकम जरूर होनी चाहिए. प्रीमियम की रकम जितना फंड अलग रखें. छोटी अवधि के लिए लिक्विड फंड, शॉर्ट टर्म डेट फंड सही होता है.
जरूरी इंश्योरेंस नहीं लेना
टर्म और हेल्थ इंश्योरेंस, दो अहम बीमा हैं. आपको कम से कम ये दो इंश्योरेंस लेने चाहिए. ज्यादातर लोग इंश्योरेंस को नजरअंदाज करते हैं. लेकिन जब कोई अनहोनी हो जाती है तब पूरे परिवार पर बोझ पड़ता है. इसलिए टर्म इंश्योरेंस सालाना आय का 20 गुना लें. अपने और परिवार के लिए पर्याप्त हेल्थ प्लान लें.
हेल्थ प्लान को अपडेट न करना
समय के साथ-साथ हेल्थ कवरेज को बढ़ाना चाहिए. स्वास्थ्य संबंधी महंगाई में लगातार इजाफा होता रहता है. इसलिए बेसिक हेल्ध प्लान के साथ सुपर-टॉप अप लें.
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निवेश लक्ष्य न बनाना
निवेश शुरू करने से पहले लक्ष्य तय करना जरूरी है. कुछ लोग लक्ष्य तय किए बिना निवेश करते हैं. निवेश करने में लक्ष्य आधारित नजरिया जरूरी है. अलग-अलग अवधि के लक्ष्यों के लिए निवेश करना चाहिए.
सही असेट क्लास न चुनना
बिना सोचे-समझे निवेश करना भारी पड़ता है. इसलिए निवेश के सही विकल्प तलाशने की जरूरत है. जोखिम और अवधि के आधार पर निवेश का चुनाव करें. ज्यादा रिस्क और लंबी अवधि के लिए इक्विटी सही है. कम जोखिम, छोटी अवधि के लिए डेट फंड सही होते हैं.
निवेश को रिव्यू न करना
कई लोग निवेश तो करते हैं लेकिन रिव्यू नहीं करते. रिव्यू नहीं करने पर रिटर्न कम हो सकता है. इसलिए अपने निवेश पर नजर बनाए रखना जरूरी है. हर 6 महीने या 1 साल में रिव्यू करना जरूरी होता है. जरूरत पड़ने पर निवेश में बदलाव कर सकते हैं.
एक ही अकाउंट में पैसे रखना
हाल ही में हुए कुछ घटनाओं से सबक लें. एक ही बैंक अकाउंट में सारे पैसे न रखें. बहुत सारी रकम बैंक में रखना सही नहीं होता है. बैंक में ब्याज सिर्फ 4 फीसदी मिलता है. इसलिए पैसों को अलग-अलग जगह निवेश करें. पैसे को बांटकर रखने से जोखिम भी बंटता है.
लुभावने ऑफर के झांसे में आना
निवेशक अक्सर लुभावने झांसे में आ जाते हैं. कई बैंक बेहतर ब्याज का ऑफर देते हैं. कोई सबसे कम ईएमआई का झांसा देता है. कोई ज्यादा रिटर्न की बात कहता है. ये सब लुभावने झांसे हैं. इन झांसों में कभी नहीं आना चाहिए.
06:50 PM IST