महंगाई और घटेगी : इस कारण फिर 70 रुपए के नीचे आ सकता है पेट्रोल!
भारत के लिए अच्छी खबर है. क्रूड की अंतरराष्ट्रीय कीमतें 1 साल के निचले स्तर पर आ गई हैं. इसका फायदा ग्राहकों को मिलने की उम्मीद है यानि पेट्रोल के दाम 70 रुपए के स्तर के नीचे दोबारा आ सकते हैं.
पेट्रोल के दाम 70 रुपए के स्तर के नीचे दोबारा आ सकते हैं. (फाइल फोटो)
पेट्रोल के दाम 70 रुपए के स्तर के नीचे दोबारा आ सकते हैं. (फाइल फोटो)
भारत के लिए अच्छी खबर है. क्रूड की अंतरराष्ट्रीय कीमतें 1 साल के निचले स्तर पर आ गई हैं. इसका फायदा ग्राहकों को मिलने की उम्मीद है यानि पेट्रोल के दाम 70 रुपए के स्तर के नीचे दोबारा आ सकते हैं.
वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी का माहौल रहने की आशंकाओं और अमेरिका उत्पादन में बढ़ोतरी के संकतों के बीच कच्चे तेल का भाव एक साल के निचले स्तर पर चल रहा है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड इस सप्ताह 11 फीसदी से ज्यादा की गिरावट के साथ 60 डॉलर प्रति बैरल के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे लुढ़क गया. वहीं, अमेरिकी लाइट क्रूड वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) का भाव बीते एक सप्ताह में करीब 10.70 फीसदी फिसल कर 50 डॉलर प्रति बैरल के आसपास आ गया.
एंजेल ब्रोकिंग हाउस के ऊर्जा विशेषज्ञ अनुज गुप्ता ने कहा कि अमेरिका में कच्चे तेल का भंडार बढ़ने और वैश्विक मांग घटने के कारण कीमतों में भारी गिरावट आई है. कच्चे तेल की वैश्विक आपूर्ति बढ़ने और मांग घटने से पिछले सात सप्ताह से बाजार में तेल की कीमतों में नरमी बनी हुई है. 3 अक्टूबर के बाद ब्रेंट क्रूड के दाम में 30 फीसदी से अधिक और डब्ल्यूटीआई के भाव में करीब 33 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है.
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कच्चे तेल के दाम में आई हालिया गिरावट के बाद इस बात की संभावना बढ़ गई है कि आगामी छह दिसंबर को वियना में ऑगेर्नाइजेजन ऑफ पेट्रोलियम एक्सपार्टिंग कंट्रीज (ओपेक) की बैठक में तेल की आपूर्ति में कटौती पर जोर डाला जाएगा, जिसके बारे में प्रमुख तेल उत्पादक देश सऊदी अरब पिछले दिनों कई बार दोहरा चुका है.
हालांकि केडिया कमोटिडी के डायरेक्टर अजय केडिया ने कहा कि कच्चे तेल का भाव एक साल के निचले स्तर पर आ गया है, ऐसे में जाहिर है कि सऊदी अर ओपेक देशों पर तेल की आपूर्ति में 14 लाख बैरल रोजाना की कटौती करने पर जोर डालेगा, लेकिन इस पर अमल होने की संभावना कम है.
केडिया ने कहा कि इससे ओपेक देशों के बीच मतभेद की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, क्योंकि वेनेजुएला पहले से ही महंगाई के संकट से जूझ रहा है, ऐसे में वह तेल के उत्पाद में कटौती का दबाव झेलने को तैयार नहीं होगा.
केडिया ने कहा, "अमेरिका और चीन के बीच व्यापार-जंग की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा है, जिससे सुस्ती का माहौल बना हुआ है. इसलिए बाजार की नजर आगामी जी-20 की बैठक पर है, जिसमें अमेरिका और चीन दोनों शिरकत करेंगे. लिहाजा, व्यापारिक तनाव को लेकर दोनों देशों के बीच होने वाली बातचीत को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है."
अंतरराष्ट्रीय वायदा बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज यानी आईसीई पर ब्रेंट क्रूड का जनवरी डिलीवरी वायदा शुक्रवार को पिछले सत्र के मुकाबले 3.38 डॉलर यानी 5.40 फीसदी की गिरावट के साथ 59.22 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ, जबकि कारोबार के दौरान भाव 58.45 डॉलर प्रति बैरल तक लुढ़का.
ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध से तेल की आपूर्ति बाधित होने की आशंकाओं के बीच पिछले महीने तीन अक्टूबर को ब्रेंट क्रूड का भाव 86.74 डॉलर प्रति बैरल हो हो गया था, जोकि पिछले चार साल का उच्चतम स्तर है.
न्यूयॉर्क मर्के टाइल एक्सचेंज (नायमैक्स) पर डब्ल्यूटीआई का जनवरी डिलीवरी वायदा अनुबंध 4.21 डॉलर यानी 7.71 फीसदी की गिरावट के साथ 50.42 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ. तीन अक्टूबर को डब्ल्यूटीआई 76.90 डॉलर प्रति बैरल की ऊंचाई पर चला गया था.
भारतीय वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी (एमसीएक्स)एक्सचेंज पर शुक्रवार को कच्चे तेल का दिसंबर डिलीवरी वायदा अनुबंध पिछले सत्र के मुकाबले 216 रुपये यानी 5.65 फीसदी लुढ़कर 3,607 रुपये प्रति बैरल पर बंद हुआ.
एजेंसी इनपुट के साथ
05:21 PM IST