7th Pay Commission : इन कर्मचारियों की मांग क्यों नहीं मान रही सरकार, तेज हो रहा विरोध
केंद्रीय कर्मचारी 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत बढ़ाई गई न्यूनतम बेसिक पे से संतुष्ट नहीं हैं. वे लगातार इसे बढ़ाने की मांग कर रहे हैं.
यूपी में प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों की मांग पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू करने की है. (फोटो : पीटीआई)
यूपी में प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों की मांग पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू करने की है. (फोटो : पीटीआई)
7th Pay Commission : केंद्रीय कर्मचारी 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत बढ़ाई गई न्यूनतम बेसिक पे से संतुष्ट नहीं हैं. वे लगातार इसे बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने उन्हें आश्वासन दिया था कि उनकी मांग पर गौर किया जाएगा लेकिन इस बात को 2 साल बीत गए. वे इस इंतजार में है कि उनकी मांग कब पूरी होगी. वहीं यूपी में प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों की मांग इससे अलग है. वे उस पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू करने की मांग कर रहे हैं जिससे 2005 में प्रदेश से खत्म कर दिया गया था. इसके बाद नई पेंशन प्रणाली को लागू किया गया.
राज्य सरकार NPS के लिए बाध्य नहीं
कर्मचारी नेताओं का कहना है कि नई पेंशन योजना (NPS) को अपनाने के लिए कोई राज्य बाध्य नहीं है इसलिए योगी सरकार चाहे तो पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू कर सकती है.
राज्य सरकार की मंशा पर उठाए सवाल
कर्मचारी नेताओं ने आरोप लगाया कि एनपीएस के तहत बने पेंशन योजना कोष को परमानेंट रिटायरमेंट एकाउंट नंबर (PRAN) में ट्रांसफर किया जा रहा है. जबकि 9 साल पहले शुरू हुई एनपीएस की प्रक्रिया अभी अधूरी है. इससे सरकार की मंशा पर सवाला खड़ा होता है.
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20 दिसंबर को लखनऊ में करेंगे रैली
यूपी के लाखों कर्मचारियों ने सरकार से कई दौर की वार्ता विफल होने के बाद प्रदेश व्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू किया है. संयुक्त संघर्ष संचालन समिति (S4), यूपी के बैनर तले सरकारी कर्मचारी 29 अक्टूबर 2018 से 'पुरानी पेंशन बचाओ-चेतना रथ यात्रा' निकाल रहे हैं. यह यात्रा 3 चरणों में 14 दिसंबर 2018 तक चलेगी.
विशाल जनसभा कर सरकार तक अपनी मांग पहुंचाएंगे
एस 4 के प्रांतीय अध्यक्ष एसपी तिवारी की मानें तो यह रथ यात्रा यूपी के 15 जिलों में जाएगी और जिला मुख्यालयों में कार्यरत लाखों कर्मचारियों को लामबंद करेगी. इसके बाद 14 दिसंबर को यह यात्रा लखनऊ लौटेगी और 20 दिसंबर 2018 को लाखों कर्मचारी यूपी की राजधानी लखनऊ में विशाल जनसभा कर सरकार तक अपनी मांग पहुंचाएंगे.
लखनऊ से 29 को शुरू हुई थी यात्रा
संगठन के पदाधिकारी आरके वर्मा के मुताबिक एस4 से लगभए एक दर्जन कर्मचारी संगठन जुड़े हैं. रथयात्रा 29 अक्टूबर से अब तक 6 जिलों में गई है, जहां हजारों की संख्या में कर्मचारी व शिक्षक जुटे थे. यात्रा लखनऊ से शुरू हुई थी. बाराबंकी पहुंचने पर रथ यात्रा का संचालन कर रहे प्रांतीय अध्यक्ष एसपी तिवारी ने कहा था कि अगर सरकार ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले हमारी मांग पूरी नहीं की तो हम लोकसभा चुनाव ड्यूटी का बहिष्कार करेंगे.
क्या है केंद्रीय कर्मचारियों की मांग
केंद्रीय कर्मचारी 7वां वेतन आयोग लागू होने के बाद अपनी बेसिक सैलरी बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि 2.57 गुणा का फिटमेंट फैक्टर महंगाई के हिसाब से काफी नहीं है. इसे बढ़ाना चाहिए ताकि न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपए से बढ़कर 26000 रुपए हो जाए. लोकसभा चुनाव 2019 को देखते हुए कर्मचारियों को उम्मीद है कि केंद्र सरकार इसे 5 विधानसभा चुनाव की अधिसूचना हटने के बाद लागू कर सकती है.
01:44 PM IST