7वां वेतन आयोग: केंद्रीय कर्मचारियों को सबसे बड़ा तोहफा, फिटमेंट फैक्टर बढ़ा सकती है सरकार
साल 2016 में 7वें वेतन आयोग ने सिफारिशें दी थी कि केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 7000 से बढ़ाकर 18000 रुपए की जाए.
कर्मचारी यूनियन का कहना है कि सरकार कर्मचारियों की मांग को नजरअंदाज नहीं कर रही है. (प्रतीकात्मक)
कर्मचारी यूनियन का कहना है कि सरकार कर्मचारियों की मांग को नजरअंदाज नहीं कर रही है. (प्रतीकात्मक)
7वें वेतन आयोग का इंतजार कर रहे कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है. केंद्र की मोदी सरकार केंद्रीय कर्मचारियों को दिसंबर अंत तक बड़ा तोहफा दे सकती है. कर्मचारियों की न्यूनतम वेतन और फिटमेंट फैक्टर बढ़ाने की मांग को सरकार की तरफ से हरी झंडी मिल सकती है. हालांकि, न्यूनतम वेतन में कितनी बढ़ोतरी होगी यह कहना मुश्किल है. लेकिन, अभी इतना जरूर है कि सरकार कर्मचारियों को खुश करने के लिए फिटमेंट फैक्टर में बढ़ोतरी को मंजूरी दे सकती है.
सरकार मान सकती है मांगें
साल 2016 में 7वें वेतन आयोग ने सिफारिशें दी थी कि केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 7000 से बढ़ाकर 18000 रुपए की जाए. लेकिन, इसके बाद से ही कर्मचारियों की मांग है कि उनकी सैलरी को 26000 रुपए किया जाए और फिटमेंट फैक्टर को भी 2.57 गुना से बढ़ाकर 3.68 गुना किया जाए. वहीं, सरकार मांग के मुताबिक तो नहीं लेकिन फिटमेंट फैक्टर को थोड़ा बढ़ाने की मंजूरी दे सकती है. वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, कर्मचारियों के फिटमेंट फैक्टर 2.57 गुना से बढ़ाकर 3 गुना किया जा सकता है.
3 गुना हो सकता है फिटमेंट फैक्टर
सूत्रों की मानें तो सरकार न्यूनतम सैलरी को बढ़ाने के पक्ष में नहीं है. वह 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को ही लागू करना चाहती है. लेकिन, लगातार हो रहा विरोध-प्रदर्शन के चलते सरकार पर दबाव है कि वह कर्मचारियों के लिए कुछ अलग करे. यही वजह है कि सरकार फिटमेंट फैक्टर को 3 गुना करती है. फिटमेंट फैक्टर के बढ़ने से कर्मचारियों की बेसिक पे 18000 रुपए से बढ़कर 21000 रुपए हो जाएगी. इससे कर्मचारियों को सिफारिशों से ज्यादा सैलरी मिलेगी. वहीं, सरकार भी लोकसभा चुनाव से पहले उन्हें नाराज करने से बच सकती है.
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कैबिनेट सचिव से हो चुकी है मुलाकात
कर्मचारी यूनियन का कहना है कि सरकार कर्मचारियों की मांग को नजरअंदाज नहीं कर रही है. बल्कि, एक विकल्प खोजा जा रहा है. दरअसल, दो दिन पहले ही कैबिनेट सचिव ने कर्मचारियों यूनियन को मिलने के लिए बुलाया था. बैठक में उन्हें आश्वासन दिया गया कि उनकी मांगों को वह कैबिनेट में रखेंगे. सूत्रों की मानें तो सरकार अब फिटमेंट फैक्टर की तरफ ज्यादा ध्यान दे रही है. क्योंकि, सरकार पर पुरानी पेंशन लागू करने का भी दबाव है.
एरियर का फायदा नहीं
सूत्रों की मानें तो सरकार अगर फिटमेंट फैक्टर और पुरानी पेंशन जैसे मुद्दों को सुलझाती है तो एरियर को शायद पीछे छोड़ सकती है. कर्मचारियों को एरियर का फायदा नहीं मिलेगा. सरकार के वित्तीय सलाहकारों का कहना है कि एरियर देने, सिफारिशों से ज्यादा वेतन बढ़ाने और फिटमेंट फैक्टर में बढ़ोतरी से सरकारी खजाने पर बोझ पड़ेगा. सरकार इस वक्त ग्रोथ और चालू खाते घाटे को देखते हुए अतिरिक्त बोझ को वहन नहीं करना चाहती.
वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, सरकार ने फिटमेंट फैक्टर के तहत एक प्रस्ताव तैयार करने को कहा है. हालांकि, इस प्रस्ताव पर अंतिम फैसला कैबिनेट में होगा. लेकिन, जल्द ही इस पर ऐलान किया जा सकता है. फिटमेंट फैक्टर सिफारिशों से ज्यादा ही होगा.
01:26 PM IST