गेहूं के बाद अब चीनी की बारी? शुगर एक्सपोर्ट पर लिमिट लगा सकती है सरकार, जानिए क्या है वजह
Sugar Exports News: मामले से परिचित एक व्यक्ति के मुताबिक, सरकार सितंबर तक चलने वाले मार्केटिंग ईयर के लिए शुगर एक्सपोर्ट को 10 मिलियन टन करने की योजना बना रही है.
पिछले साल ब्राजील के बाद भारत दुनिया का सबसे बड़ा चीनी निर्यातक था. (फोटो: रॉयटर्स)
पिछले साल ब्राजील के बाद भारत दुनिया का सबसे बड़ा चीनी निर्यातक था. (फोटो: रॉयटर्स)
Sugar Exports News: गेहूं के एक्सपोर्ट पर बैन लगाने के बाद अब सरकार चीनी की एक्सपोर्ट लिमिट तय कर सकती है. बढ़ती ग्लोबल खाद्य महंगाई की वजह से इसपर विचार किया जा रहा है. खबरों के मुताबिक, अगले कुछ दिनों में इस फैसला की घोषणा की जा सकती है. भारत अपने फूड सप्लाई सिक्योरिटी के एहतियाती उपायों के तहत शुगर एक्सपोर्ट पर पाबंदियां लगा सकता है. पिछले दिनों सरकार ने गेहूं के निर्यात पर बैन लगा दिया था."
मामले से परिचित एक व्यक्ति के मुताबिक, सरकार सितंबर तक चलने वाले मार्केटिंग ईयर के लिए शुगर एक्सपोर्ट को 10 मिलियन टन करने की योजना बना रही है. इसका उद्देश्य यह एनश्योर करना है कि अक्टूबर में अगला चीनी सीजन शुरू होने से पहले पर्याप्त स्टॉक हो.
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सूत्र ने बताया कि आने वाले दिनों में इस कदम की घोषणा की जा सकती है. पिछले साल ब्राजील के बाद भारत दुनिया का सबसे बड़ा चीनी निर्यातक था. बांग्लादेश, इंडोनेशिया, मलेशिया और दुबई को सबसे ज्यादा चीनी एक्सपोर्ट किया गया. खाद्य और वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस बारे में तुरंत कोई टिप्पणी नहीं की.
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पिछले दिनों लगा था गेहूं के निर्यात पर बैन
भारत ने इस महीने की शुरुआत में कुछ फसलों के नष्ट होने के बाद गेहूं के निर्यात पर बैन लगा दिया था. वहीं इसके बाद बेंचमार्क कीमतों में भी उछाल आया था. विदेशों में बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के बाद, खास तौर से एशिया में, हाल में कीमते तेज हो गईं. रूस के यूक्रेन पर हमले से पहले से ही वैश्विक खाद्य कीमतों में बढ़ोतरी जारी है. एशिया में कई और देशों ने कुछ चीजों के एक्सपोर्ट पर बैन लगाए हैं. इंडोनेशिया ने जहां पाम ऑयल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया वहीं मलेशिया ने विदेशों में चिकन की बिक्री रोक दी.
भारत चीनी का प्रमुख उत्पादक और निर्यातक
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन के अनुसार, भारत में इस सीजन में 35 मिलियन टन उत्पादन और 27 मिलियन टन खपत की उम्मीद है. पिछले सीजन के लगभग 8.2 मिलियन टन के भंडार सहित, इसके पास निर्यात के लिए 10 मिलियन सहित, 16 मिलियन टन का सरप्लस है. भारत चीनी का प्रमुख उत्पादक और निर्यातक है. इसलिए निर्यात रुकने का ग्लोबल शुगर मार्केट पर असर पड़ने की संभावना है. सूत्र के मुताबिक, शिपमेंट के 9 मिलियन टन तक पहुंचने के बाद निर्यातकों को बाकी 10 लाख टन भेजने के लिए परमिट के लिए आवेदन करना होगा.
कंपनियों ने पिछले साल 1 अक्टूबर से 8.5 मिलियन टन शिपमेंट करने के लिए डील पर साइन किए हैं. इंडस्ट्री ग्रुप ने पिछले सप्ताह कहा था कि, अप्रैल के अंत तक अनुमानित 7.1 मिलियन टन भेज दिया गया है. वहीं मई में 800,000 से 1 मिलियन टन निर्यात किए जाने की संभावना है.
05:10 PM IST