Ratan Tata Legacy: Indica, Nano से लेकर JLR तक..रतन टाटा ने 20 सालों में क्या-क्या किया?
Ratan Tata Legacy: रतन टाटा अपनी सहृदयता और परोपकार के कामों के लिए जाने जाते हैं, लेकिन अगर बस टाटा ग्रुप में उनके सफर को देखें तो रतन टाटा करीब 20 सालों तक ग्रुप के चेयरमैन पद पर बने रहे और इस दौरान उन्होंने टाटा ग्रुप को वो बनाया, जो आज ग्रुप है.
Ratan Tata Legacy: भारत के दिग्गज उद्योगपति और देश-दुनिया में सम्मानित रतन टाटा का बुधवार (9 अक्टूबर) को निधन हो गया है. वो पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे. मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. 86 साल की उम्र में उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली. लेकिन अपने जीवन में वो कई उपलब्धियां हासिल करके गए और कई मिसालें पेश कीं. खासकर, देश-दुनिया में Tata Group की जो छवि है, वो रतन टाटा के नेतृत्व में गढ़ी और आज विशाल ओद्यौगिक साम्राज्य बन चुकी है.
रतन टाटा अपनी सहृदयता और परोपकार के कामों के लिए जाने जाते हैं, लेकिन अगर बस टाटा ग्रुप में उनके सफर को देखें तो रतन टाटा करीब 20 सालों तक ग्रुप के चेयरमैन पद पर बने रहे और इस दौरान उन्होंने टाटा ग्रुप को वो बनाया, जो आज ग्रुप है. जब उन्होंने ग्रुप की जिम्मेदारी संभाली थी, तो इसका रेवेन्यू 5.7 बिलियन डॉलर था, और जब वो रिटायर हुए तो उन्होंने इसे 101.3 बिलियन डॉलर तक पहुंचा दिया था. आइए जानते हैं उनके 20 सालों के नेतृत्व में टाटा ग्रुप कहां से कहां पहुंचा.
रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा ग्रुप का सफर
- 1991 में टाटा समूह की आय 5 अरब डॉलर (अब के लगभग 419 अरब रुपये) थी, जो टाटा के नेतृत्व में 2012 तक बढ़कर 100 अरब डॉलर (लगभग 8,400 अरब रुपये) हो गई, जो लगभग 20 गुना वृद्धि है.
- ग्रुप की आय $4 अरब से बढ़कर $100 अरब पहुंची
- 1962 में Tata Industries में असिस्टेंट के तौर पर की थी शुरुआत
- मार्च 1991 में बने चेयरमैन
- ग्रुप में कामकाज के तरीके बदले
- इनोवेशन, नए वेंचर्स, अंतरराष्ट्रीय विस्तार से ग्रोथ ने पकड़ी रफ्तार
- 2012 में चेयरमैन पद छोड़ने तक ग्रुप की आय बढ़कर $100 अरब हुई
- ग्रुप की आय करीब 20 गुना बढ़ी
रतन टाटा के 5 बड़े कदम
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1. रिटायरमेंट पॉलिसी लागू की ताकि युवाओं की नियुक्ति हो
2. Tata ब्रांड के इस्तेमाल पर ग्रुप कंपनियों पर रॉयल्टी लगाई
3. सॉफ्टवेयर, स्टील, टेलीकॉम, फाइनेंस, कार बिजनेस शुरू किए
4. Jaguar-Land Rover, Corus जैसे बड़े अंतरराष्ट्रीय अधिग्रहण हुए. उनके नेतृत्व में ही 2007 में कॉरस स्टील और 2008 में जगुआर लैंड रोवर का सफल अधिग्रहण हुआ, जिससे टाटा समूह की अंतरराष्ट्रीय पहचान मजबूत हुई.
5. Indica, Nano, Ginger बजट होटल की शुरुआत
2004 में TCS को लिस्ट कराया
- TCS का IPO 2004 में आया जो, उस समय तक देश का सबसे बड़ा और एशिया का दूसरा सबसे बड़ा IPO था. ₹471.3 करोड़ के इशू साइज के इस आईपीओ में ₹850 रुपया का इशू प्राइस था. इशू खुला 29 जुलाई, 2004 को था और इसकी लिस्टिंग 25 अगस्त, 2025 को हुई थी.
12:30 PM IST