प्रधानमंत्री मोदी SCO समिट के लिए रवाना, पाक PM और चीन के राष्ट्रपति से मुलाकात के आसार कम
उज्बेकिस्तान में होने वाले दो दिवसीय इस कार्यक्रम में 8 देशों के राष्ट्राध्यक्ष शामिल होंगे. इस संगठन में भारत, रूस, चीन, पाकिस्तान समेत 8 देश शामिल हैं.
SCO Summit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समरकंद के लिए रवाना हो चुके हैं. यहां होने वाले SCO समिट में हिस्सा लेंगे. उज्बेकिस्तान में होने वाले दो दिवसीय इस कार्यक्रम में 8 देशों के राष्ट्राध्यक्ष शामिल होंगे. समिट में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ भी शिरकत करेंगे. हालांकि, PM मोदी, शी जिनपिंग और शाहबाज शरीफ की मुलाकात पर सस्पेंस है. इस बार यह समिट उज्बेकिस्तान के समरकंद हो रहा है. शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन की बैठक आज से शुरू हो गई है. प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन कल यानी 16 सितंबर को होगा.
PM @narendramodi emplanes for Samarkand, Uzbekistan.
— PMO India (@PMOIndia) September 15, 2022
He will participate in the SCO Summit as well as hold meetings with several world leaders. pic.twitter.com/XQ7XfioLk4
कल रूस के राष्ट्रपति पुतिन से होगी मुलाकात
PM मोदी कल राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से मुलाकात करेंगे. दोनों की इस मुलाकात में रूस-यूक्रेन यूद्ध और खाद्य सुरक्षा जैसे अहम मसलों पर बातचीत करेंगे. रूस की ओर से जारी बयान के मुताबिक स्ट्रैटिजिक स्टेबिलिटी, एशिया-पैसिफिक क्षेत्र की स्थिति से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होगी. इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और उज्बेकिस्तान के प्रेसिडेंट शावकत मिर्जियोयेव के साथ भी बैठक करेंगे.
रवाना होने से पहले PM का संदेश
समरकंद के लिए रवाना होने से पहले PM मोदी ने संदेश जारी करते हुए कहा कि उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शावकत मिर्जियोयेव के निमंत्रण पर समरकंद के दौरे पर हूं. SCO समिट में सामयिक, क्षेत्रीय व अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों, SCO के विस्तार पर चर्चा के साथ ही इस पर भी बात करने के लिए उत्सुक हूं कि किस तरह संगठन में सहयोग को और गहरा किया जाए. उज्बेक अध्यक्षता से व्यापार, अर्थव्यवस्था, संस्कृति और पर्यटन के क्षेत्रों में आपसी सहयोग के लिए कई निर्णय लिए जाने की संभावना है.
ऑर्गेनाइजेशन में 2017 में भारत स्थाई सदस्य बना
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शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन का गठन 2001 में हुआ था. यह एक पॉलिटिकल, इकोनॉमिकल और सिक्योरिटी ऑर्गेनाइजेशन है. भारत, रूस, चीन और पाकिस्तान समेत इसके कुल 8 स्थाई सदस्य हैं. बता दें कि शुरुआत में ऑर्गेनाइजेशन में रूस, चीन, कजाकिस्तान, तजाकिस्तान, किर्गिस्तान और उज्बेकिस्तान ही सदस्य थे. 2017 में भारत और पाकिस्तान के भी इससे जुड़ने से इसके स्थाई सदस्यों की संख्या 8 हो गई.
08:17 PM IST